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किस IPO से बनेगा पैसा? निवेश के पहले इन बातों का रखें ध्यान, मुनाफे का बढ़ जाएगा चांस

2023 के साल में अब तक लिस्ट होने वाले 18 में से 16 शेयरों का रिटर्न लिस्टिंग डे पर पॉजिटिव रहा है, जबकि 5 शेयरों ने तो पहले ही दिन 50 से 93% तक रिटर्न दिया है.
NDTV Profit हिंदीNDTV Profit डेस्क
NDTV Profit हिंदी11:27 AM IST, 02 Sep 2023NDTV Profit हिंदी
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इस साल जुलाई से लेकर अब तक IPO मार्केट में जबरदस्‍त हलचल रही है. जुलाई और अगस्त के महीने में लिस्ट होने वाले कई स्‍टॉक्स ने लिस्टिंग डे पर निवेशकों को अच्छा-खासा रिटर्न दिया है. 2023 के साल में अब तक लिस्ट होने वाले 18 में से 16 शेयरों का रिटर्न लिस्टिंग डे पर पॉजिटिव रहा है, जबकि 5 शेयरों ने तो पहले ही दिन 50 से 93% तक रिटर्न दिया है. ऐसे ही शानदार रिटर्न आप भी पा सकते हैं, बशर्ते आप वक्त रहते उन IPO की पहचान कर पाएं, जिनमें मोटा मुनाफा देने की क्षमता है.

अच्छी संभावना वाले IPO की पहचान करने के लिए कंपनी के ट्रैक रिकॉर्ड, वैल्यूएशन और ग्रोथ रिकॉर्ड की अच्छी तरह पड़ताल करनी पड़ती है. यह काम नए निवेशकों के लिए आसान नहीं होगा. लेकिन हम कुछ ऐसे टिप्स दे रहे हैं, जिनसे IPO में निवेश के बारे में सही फैसला लेने में काफी मदद मिलेगी. तो आइए जानते हैं कि एक बढ़िया IPO चुनने के लिए किन बातों पर ध्यान देना जरूरी है:  

बिजनेस मॉडल: कंपनी का भविष्य कैसा है

जब भी कोई कंपनी IPO लॉन्‍च करती है तो उसमें पैसे लगाते समय यह जरूर देखें कि उसका बिजनेस मॉडल कैसा है. बिजनेस मॉडल लंबे समय तक चलने वाला है या नहीं. इससे उस कंपनी के भविष्य का अंदाजा लगाया जा सकता है. कंपनी का बिजनेस मॉडल लंबे समय तक टिकने वाला हो, कंपनी लगातार अपने प्रोडक्ट पोर्टफोलियो में नयापन लाने के लिए बदलाव करती है तो वह आने वाले दिनों में मजबूत बिजनेस परफॉर्मेंस दिखा सकती है.

बिजनेस में ग्रोथ की संभावनाएं

वॉरेन बफेट जैसे दिग्गज निवेशक हमेशा कहते हैं कि सफल निवेशक को सही बिजनेस में पैसे लगाने चाहिए, शेयर में नहीं. यानी IPO सब्सक्राइब करने से पहले यह चेक कर लें कि कंपनी के बिजनेस में आगे ग्रोथ बने रहने की उम्मीद है या नहीं. अगर किसी कंपनी में मजबूत ग्रोथ आती है तो उसके शेयर का प्रदर्शन भी भविष्य में अच्छा रहता है.

मुनाफे का ट्रैक रिकॉर्ड

IPO में पैसे लगाने से पहले कंपनी के मुनाफे का ट्रैक रिकॉर्ड जरूर चेक करें. कंपनी अगर घाटे में है तो भविष्य में उसके प्रॉफिटेबल बनने की संभावना हैं या नहीं. मुनाफे वाली कंपनियों के बारे में मार्केट सेंटिमेंट भी बेहतर होते हैं, क्योंकि ऐसी कंपनियां बिजनेस में लगातार पैसे लगा सकती हैं और अपने निवेशकों को डिविडेंड भी दे सकती हैं. इसलिए कंपनी के फाइनेंशियल डेटा यानी वित्तीय आंकड़े जरूर चेक करें.

कंपनी के कर्ज की हालत

किसी भी कंपनी के IPO में पैसे लगाने से पहले यह जरूर देख लें कि उस पर कर्ज कितना है. अगर कंपनी पर कर्ज ज्यादा है तो उसे चुकाने के लिए बड़ी रकम खर्च करनी पड़ती है, जिसका असर उसके फ्यूचर ग्रोथ प्लान पर पड़ सकता है. वहीं, जो कंपनियां कर्जमुक्त हैं या जिन पर बहुत कम कर्ज है या जो लगातार अपना डेट कम कर रही हैं, वे अपने मुनाफे का एक हिस्सा बिजनेस बढ़ाने पर निवेश कर सकती हैं.

प्रोमोटर्स का ट्रैक रिकॉर्ड

कंपनी के मैनेजमेंट और प्रोमोटर्स का बैकग्राउंड देखना बहुत जरूरी है. अच्छे मैनेजमेंट या प्रोमोटर वाली कंपनियों में ग्रोथ के मौके ज्यादा रहते हैं, क्योंकि उनका फोकस अपने ग्राहकों, वेंडर्स और इन्‍वेस्‍टर्स के साथ बेहतर तालमेल बनाकर बिजनेस को लगातार आगे बढ़ाने पर रहता है.

शेयर का वैल्यूएशन

किसी IPO में शेयर की कीमत देखने की जगह यह देखें कि उसका वैल्यूएशन कैसा है. कीमत में सस्ता लगने वाला शेयर किसी ज्यादा भाव वाले शेयर की तुलना में ज्यादा वैल्युएबल  हो सकता है. कोई शेयर अपनी मौजूदा कीमत पर महंगा है या सस्ता, इसका अंदाजा उसके P/E यानी प्राइस/अर्निंग रेश्यो को देखकर लगाया जा सकता है. P/E जितना ज्यादा होगा, शेयर उतना महंगा है. IPO ला रही कंपनी के P/E की तुलना उन कंपनियों से करें, जो उसी इंडस्ट्री की हैं और जिनका बिजनेस भी लगभग उतना ही बड़ा हो.

EPS यानी प्रति शेयर आय

कंपनी का EPS यानी अर्निंग प्रति शेयर देखने से यह पता चलता है कि कंपनी के रेवेन्यू और मार्जिन में बढ़ोतरी हो रही है या नहीं. जिस कंपनी के फाइनेंशियल में ग्रोथ है, उसके शेयर में भी हाई रिटर्न की गुंजाइश होती है.

फ्री कैश फ्लो

अगर कंपनी फ्री कैश फ्लो जेनरेट कर रही है तो इसका मतलब यह हुआ कि आगे ग्रोथ करने के मौके अच्छे हैं. कैश फ्लो जनरेट करने वाली कंपनी आसानी से अपना कर्ज खत्म कर सकती है.

ग्रुप और सेक्टर

किसी मजबूत ग्रुप की नई कंपनी बाजार में लिस्ट हो तो उस पर नजर रख सकते हैं. ग्रुप का मजबूत सपोर्ट नई कंपनी को कामयाब बना सकता है. समय के साथ ट्रेंड भी बदलते हैं. इसलिए ऐसे सेक्टर की पहचान करें, जिनमें अगले 10 से 15 साल डिमांड बनी रहनी है. उस सेक्टर की कोई मजबूत कंपनी आईपीओ ला रही है, तो उसमें बेहतर रिटर्न की संभावना हो सकती है.

सही IPO चुनने के लिए दिए गए इन टिप्स को ठीक से समझने और उन पर अमल करने के लिए आपको बाजार के बारे में कुछ बुनियादी बातों की समझ होनी चाहिए. रिसर्च करते समय जरूरत लगे तो आप तकनीकी बातों को समझने के लिए किसी जानकार की मदद भी ले सकते हैं. फिर भी कोई कनफ्यूजन रह जाए, तो फैसला करने से पहले अपने फाइनेंशियल एडवाइजर से सलाह करना न भूलें.

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