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IPO पर क्या है रेगुलेटर का रुख, NSE ने मांगी स्पष्टता, SEBI से NOC का इंतजार

एक्सचेंज ने दावा किया कि रेगुलेटरी स्पष्टता आने पर वो अपने क्लियरिंग कॉरपोरेशन ऑपरेशन को बेच देगा और जल्द से जल्द नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट की मांग करेगा.
NDTV Profit हिंदीचारू सिंह
NDTV Profit हिंदी05:09 PM IST, 28 Mar 2025NDTV Profit हिंदी
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नेशनल स्टॉक एक्सचेंज के IPO को लेकर तमाम खबरों के बीच सबसे बड़ा अपडेट ये है कि NSE ने IPO के लिए नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट पर मार्केट रेगुलेटर SEBI की चिट्ठी का जवाब दिया है. ये जानकारी इस खबर को ट्रैक करने वाले लोगों ने NDTV प्रॉफिट को दी है.

NSE करेगा NOC की मांग 

एक्सचेंज ने दावा किया कि रेगुलेटरी स्पष्टता आने पर वो अपने क्लियरिंग कॉरपोरेशन ऑपरेशन को बेच देगा और जल्द से जल्द नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट की मांग करेगा. मामले की जानकारी रखने वाले लोगों ने बताया है कि NSE ने कहा कि उसे हाल के वर्षों में किसी भी तरह की टेक्निकल दिक्कतों, व्यवधानों का सामना नहीं करना पड़ा है और वो कई मुद्दों पर समय समय पर रेगुलेटर के साथ मिलकर काम करने के लिए प्रतिबद्ध है.

NSE ने पहली बार अगस्त 2024 में NOC मांगा था. ये ध्यान देना दिलचस्प है कि जब सबसे पुराने एक्सचेंज, बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज को अपनी डिपॉजिटरी में अपनी हिस्सेदारी 15% तक सीमित करनी पड़ी थी. पब्लिक होने से पहले ये 20% हुआ करता था.

जैसा कि NDTV प्रॉफिट ने पहले बताया था, SEBI की चिट्ठी में NSE को अपनी सलाह का पालन करने के लिए 24 महीने की अवधि दी गई थी, जिसमें एक्सचेंज की आंतरिक प्रक्रियाओं, गवर्नेंस और NSE पर प्रतिबंधों में कमी से संबंधित चिंताएं शामिल थीं.

हाल ही में, मार्केट रेगुलेटर SEBI ने एक चिट्ठी में एक्सचेंज के IPO में कई संभावित कमियों का जिक्र किया था, जैसा कि सीनियर अधिकारियों ने बताया है. ये चिट्ठी फरवरी के अंत में भेजी गई थी, जब SEBI की चेयरपर्सन माधबी पुरी बुच का कार्यकाल खत्म हो रहा था.

SEBI ने NSE को सलाह दी थी कि वो पहले बुक बिल्ड ऑफर को एक या दो साल के लिए रोक दे, जब तक कि वो मौजूदा चिंताओं का हल नहीं कर लेता. हालांकि, इंडस्ट्री के सूत्रों का मानना ​​है कि उठाए गए कुछ मुद्दे SEBI के दायरे से बाहर हैं और IPO से इनका कोई लेना देना नहीं है.

इससे पहले दिसंबर 2016 में NSE ने अपने बहुप्रतीक्षित IPO के लिए SEBI के पास ड्राफ्ट पेपर दाखिल किए थे.

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