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Swiggy IPO: फ्रेश इश्यू साइज बढ़कर होगा 5,000 करोड़ रुपये; शेयरहोल्डर्स ने दी मंजूरी

इस मंजूरी का मतलब होगा कि अगर कंपनी चाहे तो अब अतिरिक्त 1,250 करोड़ रुपये जुटा सकती है.
NDTV Profit हिंदीऋषभ भटनागर
NDTV Profit हिंदी08:20 AM IST, 04 Oct 2024NDTV Profit हिंदी
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Swiggy IPO: स्विगी (Swiggy) के शेयरहोल्डर्स ने गुरुवार को अपने IPO में फ्रेश इश्यू कंपोनेंट को मौजूदा 3,750 करोड़ से बढ़ाकर 5,000 करोड़ रुपये करने की मंजूरी दे दी है. मामले की जानकारी रखने वाले लोगों ने बताया कि इस मंजूरी का मतलब होगा कि अगर कंपनी चाहे तो अब अतिरिक्त 1,250 करोड़ रुपये जुटा सकती है.

IPO का कुल साइज कितना हो जाएगा?

ऑफर फॉर सेल कंपोनेंट 6,664 करोड़ रुपये का ही रहेगा, जिसमें 18.5 करोड़ शेयरों क बिक्री के लिए रखा जाएगा. अगर स्विगी बढ़े हुए प्राइमरी इश्यू साइज के साथ आगे बढ़ती है, तो IPO का कुल साइज 11,664 करोड़ रुपये हो सकता है. मौजूदा समय में ये 10,414 करोड़ रुपये है.

सितंबर में स्विगी ने अपने अपडेटेड DRHP का पहला वर्जन फाइल किया था. इश्यू से जुटाए गए पैसे के इस्तेमाल की बात करें तो स्विगी 982 करोड़ रुपये से अपनी सब्सिडियरी Scootsy में निवेश करेगी और अपनी क्विक कॉमर्स सब्सिडियरी इंस्टामार्ट के लिए डार्क स्टोर नेटवर्क का विस्तार करेगी.

कंपनी टेक्नोलॉजी और क्लाउड इंफ्रास्ट्रक्चर में 586 करोड़ रुपये का निवेश करेगी. इसके अलावा वो ब्रैंड मार्केटिंग और बिजनेस प्रोमोशन में 929 करोड़ रुपये लगाएगी. कंपनी करीब 137 करोड़ रुपये कर्ज घटाने के लिए खर्च करेगी.

इस साल अब तक $7.8 बिलियन जुटाए

स्विगी की कोशिश अन्य स्थानीय या अंतरराष्ट्रीय कंपनियों की तरह देश के आर्थिक विकास और वैश्विक निवेशकों से मांग का फायदा लेने की है. ब्लूमबर्ग की ओर से इकट्ठा किए गए डेटा के मुताबिक इस साल अब तक IPO के जरिए करीब $7.8 बिलियन जुटाए गए हैं.

स्विगी शुरुआत साल 2014 में हुई थी. कंपनी के प्लेटफॉर्म पर देशभर के 1,50,000 से ज्यादा रेस्टोरेंट्स हैं. कंपनी फूड डिलीवरी के अलावा क्विक कॉमर्स के बिजनेस में भी है. क्विक कॉमर्स का बिजनेस वो इंस्टामार्ट के नाम से करती है.

फूड डिलीवरी में तो कंपनी का मुख्य मुकाबला जोमैटो से है, मगर इंस्टामार्ट के बिजनेस में उसका मुकाबला जोमैटो की सब्सिडियरी ब्लिंकिट और जेप्टो से है. इसके अलावा अमेजॉन, टाटा ग्रुप के बिगबास्केट और फ्लिपकार्ट से भी कंपटीशन है. क्विक कॉमर्स या ग्रॉसरी का ई-कॉमर्स बिजनेस दिन प्रतिदिन ज्यादा कंपटीटिव होता जा रहा है.

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