टाटा टेक्नोलॉजीज का IPO (Tata Technologies IPO) आज से निवेश के लिए खुल गया है. ये करीब दो दशकों में टाटा ग्रुप से पहला IPO है, आखिरी बार TCS का IPO आया था.
Zinnov की एक रिपोर्ट के मुताबिक, टाटा टेक्नोलॉजीज जिस ER&D सेगमेंट में काम करती है, उसके ऊपर वैश्विक खर्च अगले 5 साल में 10% की दर से बढ़ेगा और ये 2.7 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंच जाएगा.
ER&D में ऑटोमोटिव सेक्टर सबसे बड़ा वर्टिकल है, इसमें आने वाले सालों में इलेक्ट्रिक मोबिलिटी की डिमांड बढ़ने के चलते बड़ा निवेश होने वाला है. जिनोव के मुताबिक 2030 तक ग्लोबल ऑटोमेकर्स 1.2 ट्रिलियन डॉलर खर्च कर सकते हैं.
टाटा टेक्नोलॉजी अपनी कुल आय का दो तिहाई हिस्सा ऑटोमोटिव सेक्टर से कमाती है, कंपनी का मानना है कि ग्लोबल पैटर्न में आ रहे इस बदलाव का फायदा उठाने के लिए वे पूरी तरह तैयार हैं.
IPO खुला: 22 नवंबर
IPO बंद: 24 नवंबर
OFS: 60,850,278 शेयर्स
इश्यू साइज: 3,042 करोड़ रुपये
प्राइस बैंड: 475-500 रुपये/शेयर
फेस वैल्यू: 2 रुपये/शेयर
लॉट साइज: 30 शेयर्स, इसके बाद 30 के ही मल्टीपल में और शेयर्स खरीद सकते हैं
लिस्टिंग: BSE और NSE
कंपनी 21 नवंबर को प्री-IPO प्लेसमेंट जारी करेगी.
1994 में स्थापित टाटा टेक्नोलॉजीज एक ग्लोबल इंजीनियरिंग सर्विसेज कंपनी है, जो प्रोडक्ट डेवलपमेंट और डिजिटल सॉल्युशंस उपलब्ध करवाती है. कंपनी प्राथमिक तौर पर ऑटोमोटिव इंडस्ट्री पर फोकस है.
टॉप 10 ऑटोमोटिव ER&D निवेशकों में से 7 के साथ कंपनी के संबंध हैं. इसके अलावा न्यू एनर्जी ER&D में टॉप-10 में से 5 निवेशकों के साथ कंपनी के रिश्ते हैं.
कंपनी दो तरह के बिजनेस ऑपरेट करती है:
1) सर्विसेज: कंपनी ग्लोबल मैन्युफैक्चरिंग क्लाइंट्स को आउटसोर्स्ड इंजीनियरिंग सर्विसेज और डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन सर्विसेज उपलब्ध करवाती है, ताकि उन्हें बेहतर डिजाइन वाले प्रोडक्ट डिलीवर करने में मदद मिले. FY23 और H1 FY24 में सर्विसेज लाइन से क्रमश: 3,521 करोड़ रुपये और 1,986 करोड़ रुपये की आय हुई.
2) टेक्नोलॉजी सॉल्युशंस: इसके भी दो हिस्से हैं:
अपने प्रोडक्ट बिजनेस से टाटा टेक्नोलॉजीज थर्ड पार्टी सॉफ्टवेयर एप्लीकेशंस बेचती है, जिसमें प्राथमिक तौर पर प्रोडक्ट लाइफ-साइकिल मैनेजमेंट सॉफ्टवेयर और सॉल्युशंस शामिल होते हैं. इसके अलावा कंपनी कंसल्टिंग, इंप्लीमेंटेशन, सिस्टम इंटीग्रेशन एंड सपोर्ट जैसी वैल्यू एडेड सर्विसेज भी उपलब्ध करवाती है.
अपने एजुकेशन बिजनेस के जरिए कंपनी मैन्युफैक्चरिंग स्किल्स में 'Phygital' एजुकेशन सॉल्युशंस उपलब्ध करवाती है. इसके तहत पब्लिक और प्राइवेट सेक्टर के कर्मचारियों को लेटेस्ट इंजीनियरिंग और मैन्युफैक्चरिंग टेक्नोलॉजीज में iGetIT प्लेटफॉर्म के जरिए कुशल बनाया जाता है.
टेक्नोलॉजी सॉल्युशंस सेगमेंट ने कंपनी की आय में FY23 और H1 FY24 में क्रमश: 883 करोड़ रुपये और 540.3 करोड़ रुपये का योगदान दिया.
टाटा टेक्नोलॉजीज अपनी एक तिहाई आय अपने टॉप-5 क्लाइंट से हासिल करती है, जिसमें टाटा मोटर्स और JLR शामिल हैं. इन कंपनियों के बिजनेस में किसी तरह की समस्याओं या इनके द्वारा कॉन्ट्रैक्ट रद्द किए जाने का टाटा टेक्नोलॉजीज की आय पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है.
ऑटोमोटिव सेगमेंट को प्रभावित करने वाली आर्थिक मंदी या किसी वैश्विक घटना का कंपनी की वित्तीय स्थिति और बिजनेस ऑपरेशंस पर नकारात्मक असर हो सकता है.
न्यू एनर्जी व्हीकल कंपनीज के बिजनेस मॉडल की अनिश्चित्ता का टाटा टेक्नोलॉजीज की वित्तीय स्थित और बिजनेस ऑपरेशंस पर नकारात्मक असर हो सकता है.
कंपनी अक्सर अनसिक्योर्ड डेट इंस्ट्रूमेंट में निवेश करती है, जो ब्याज दरों को बाजार दरों से नीचे रख सकते हैं और इसके मुनाफे पर असर डालते हैं.
टाटा टेक्नोलॉजीज अतीत में नेगेटिव कैश फ्लो का सामना कर चुकी है, भविष्य में भी इसकी संभावना है, इससे कंपनी की लिक्विडिटी और ऑपरेशंस प्रभावित हो सकते हैं.
अलग-अलग देशों में एक्सचेंज रेट में उतार-चढ़ाव कंपनी की वित्तीय स्थिति पर असर डाल सकते हैं.
टाटा ग्रुप की कुछ दूसरी कंपनियां भी इसी बिजनेस लाइन में ऑपरेट करती हैं, जिससे भविष्य में कंपटीशन भी तेज हो सकता है.
प्रोडक्ट बिजनेस के लिए सॉफ्टवेयर वेंडर्स और पार्टनर्स के साथ किसी प्रतिकूल बदलाव की स्थिति में कंपनी प्रोडक्ट की उपलब्धता, विश्वसनीयता, कीमत और डिलीवरी प्रभावित हो सकती है.