मेट्रोपोलिस हेल्थकेयर के शेयरों में जोरदार तेजी नजर आई. शेयर 3.4% बढ़कर 1555 रुपये तक पहुंच गया. शेयरों में ये तेजी मोहल्ला क्लिनिक भ्रष्टाचार मामले में कंपनी की सफाई के बाद आई.
मेट्रोपोलिस हेल्थकेयर ने स्पष्ट किया है 'आम आदमी मोहल्ला क्लिनिक योजना' के तहत सौंपे गए मेडिकल सैंपल पर नियमों के तहत काम किया गया है.
इससे पहले गृह मंत्रालय ने CBI को दिल्ली में आम आदमी पार्टी की स्वास्थ्य सेवा योजना मोहल्ला क्लीनिक के संचालन में भ्रष्टाचार की जांच करने का निर्देश दिया था. ये आरोप लगाया गया था कि मोहल्ला क्लीनिक में नकली रोगियों पर नकली रेडियोलॉजी और पैथोलॉजी टेस्ट किए गए.
कंपनी ने इस आरोपों को खारिज किया और कहा कि उसने सौंपे गए सभी सैंपल का परीक्षण किया गया है और रिपोर्ट दी है. कंपनी ने कॉन्ट्रैक्ट के अनुसार सभी उचित नियमों और निर्देशों का पालन किया है.
कंपनी ने कहा मरीजों के साथ बातचीत करना और सैंपल एकत्र करना मोहल्ला क्लिनिक की जिम्मेदारी है. मेट्रोपोलिस को ग्राहक की आवश्यक जानकारी के साथ सैंपल दिए जाते हैं, जिनका बाद में उनकी लैब में परीक्षण किया जाता है, और रिपोर्ट मोहल्ला क्लिनिक को वापस सौंप दी जाती है.
मेडिकल टेस्ट के लिए केवल ग्राहक का नाम, आयु, लिंग और स्पेशल केस में, मेडिकल इतिहास आवश्यक होता है.
मेट्रोपोलिस ने खुलासा किया कि कंपनी ने पब्लिक टेंडर प्रक्रिया के जरिए ये कॉन्ट्रैक्ट हासिल किया था. कंपनी ने इसके लिए दूसरी सबसे बड़ी बोली लगाई थी.
इस कॉन्ट्रैक्ट से 1 फरवरी, 2023 से दिसंबर 2023 तक कंपनी का कुल 3.58 करोड़ रुपये की आय हुई थी, जो कंपनी के कंसोलिडेटेड रेवेन्यू के 0.5% से भी कम था. मेट्रोपोलिस को मोहल्ला क्लीनिक से अब तक केवल 1.32 करोड़ रुपये मिले हैं.
यही नहीं 19 दिसंबर, 2023 को, कंपनी ने राज्य सरकार को एक नोटिस भेजा, जिसमें कॉन्ट्रैक्ट को जारी रखने में असमर्थता व्यक्त की थी. इसकी वजह है कि ये कॉन्ट्रैक्ट मेट्रोपोलिस के लिए बहुत फायदेमंद नहीं है और दूसरा बकाया हासिल करने में बहुत देरी होती है.