एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स ऑफ इंडिया (AMFI) ने सरकार से पिछले हफ्ते पेश किए गए केंद्रीय बजट 2024 में इक्विटी और डेट इंस्ट्रूमेंट्स में कैपिटल गेन्स पर टैक्स के प्रस्तावों पर फिर से विचार करने का आग्रह किया है.
बजट में शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन्स टैक्स को 15% से बढ़ाकर 20% और लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन्स टैक्स को 10% से बढ़ाकर 12.5% करने का प्रस्ताव किया गया है. AMFI ने इस बढ़ोतरी को काफी ज्यादा बताते हुए पुरानी दरें बहाल करने की रिक्वेस्ट की है.
शॉर्ट टर्म और लॉन्ग टर्म गेन्स, दोनों पर टैक्स बढ़ाने से आम निवेशक म्यूचुअल फंड चुनने से बचेंगे. टैक्सेशन में कोई भी बदलाव लोगों को बचत के ट्रेडिशनल तरीकों (Bank FD, NSC etc.) से निवेश (Market Investment) की ओर ले जाने के प्रयासों में बाधा पैदा करेगा.एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स ऑफ इंडिया (AMFI)
AMFI ने F&O, इंडेक्सेशन, 50AA और कुछ अन्य विषयों पर भी सरकार से पुनर्विचार करने का आग्रह किया है.
AMFI ने इसके अलावा, फ्यूचर और ऑप्शंस (F&O) पर सिक्योरिटी और ट्रांजैक्शन टैक्स को पहले की दरों पर बहाल करने का अनुरोध किया है. कारण कि आर्बिट्रेज फंड और इक्विटी सेविंग्स फंड मोटे तौर पर अंडरलेइंग एसेट्स के रूप में हेजिंग के लिए डेरिवेटिव्स का इस्तेमाल करते हैं.
AMFI ने कहा, 'शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन्स टैक्स में बढ़ोतरी के चलते अब एवलेबल आर्बिट्रेज कम हो गया है. इसके अलावा, वायदा पर बढ़ा हुआ STT इन फंडों की लागत बढ़ाएगा.'
लॉबी ग्रुप ने डेट म्यूचुअल फंड से इंडेक्सेशन लाभ हटाने के प्रस्ताव पर पुनर्विचार करने या 23 जुलाई, 2024 तक इंडेक्स किए जाने वाले डेट म्यूचुअल फंड की होल्डिंग लागत के लिए प्रावधान करने की भी मांग की है.
AMFI ने कहा, 'हम फंड की संबंधित श्रेणियों (इक्विटी और डेट) में किए गए निवेश के लिए ग्रैंडफादरिंग की अनुमति देने का अनुरोध करते हैं.'
उन्होंने बताया कि पूर्वव्यापी आधार पर नई टैक्स दरों का एप्लिकेशन निवेशकों के विश्वास के लिए घाटे का सौदा हो सकता है और ये नए निवेशकों को पूंजी बाजार में प्रवेश करने से रोक सकता है.
इनकम टैक्स एक्ट की धारा 50AA के तहत डेट म्यूचुअल फंड के रूप में योग्यता की परिभाषा बदल दी गई है. बजट में इसके तहत 'निर्दिष्ट म्यूचुअल फंड' की परिभाषा में संशोधन करने का प्रस्ताव है, जो संदर्भित करता है:
A) डेट या मनी मार्केट इंस्ट्रूमेंट्स में 65% से अधिक निवेश करने वाले फंड या
B) ऐसे फंड, जो (A) में शामिल फंड की यूनिट्स में 65% से ज्यादा निवेश करते हैं.
संशोधन के बाद, डेट म्यूचुअल फंड को होल्डिंग अवधि के बावजूद शॉर्ट टर्म कैपिटल एसेट माना जाता है और इस पर लागू दरों के आधार पर टैक्स (Short Term Capital Gains Tax) लगाया जाएगा, जबकि बॉन्ड के लिए, लॉन्ग टर्म टैक्स (Long Term Capital Gains Tax) की दर 12.5% है और इन सिक्योरिटीज को लॉन्ग टर्म टैक्स के योग्य बनाने के लिए होल्डिंग अवधि 12 महीने रखी गई है.
प्रस्तावित परिभाषा के साथ निवेशक, क्लॉज (A) के तहत आने वाले डेट/मनी मार्केट इन्वेस्टमेंट की बहुत कम सीमा पर लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन्स एप्लिकैबिलिटी से वंचित रह जाएंगे.
AMFI ने मांग की है कि क्लॉज (B) की परिभाषा को उन फंडों के लिए फिर से परिभाषित किया जाए जो डेट/मनी मार्केट इंस्ट्रुमेंट्स में निवेश करने वाले फंड यूनिट्स में 90% से ज्यादा निवेश करते हैं.
साथ ही संशोधन को प्रस्तावित 1 अप्रैल, 2026 की बजाय तत्काल प्रभाव से लागू किए जाने की मांग की है.
म्यूचुअल फंड एसोसिएशन ने एक वर्ष से अधिक समय तक रखे गए डेट-ऑरिएंटेड म्यूचुअल फंड्स की यूनिट्स के रिडम्प्शन पर 12.5% की दर से कैपिटल गेन्स टैक्स लगाने का आग्रह किया है.