म्यूचुअल फंड्स द्वारा मैनेज की जाने वाली 'एक्टिवली मैनेज्ड इक्विटी स्कीम्स' में कैश आवंटन सितंबर में घटा है. ये अप्रैल से पहली बार है, जब कैश एलोकेशन में गिरावट आई है.
सितंबर में म्यूचुअल फंड्स के कैश एलोकेशन में 0.14% की गिरावट आई है. इससे पहले पूरे वित्त वर्ष के दौरान म्यूचुअल फंड्स का कैश आवंटन बढ़ ही रहा था और अगस्त में ये बढ़कर कुल AUM के 4.92% पर पहुंच गया था.
हालांकि अगर आप कैश के अमाउंट को देखेंगे तो म्यूचुअल फंड में बढ़ते निवेश की वजह से कैश की मात्रा में इजाफा जरूर हुआ है. सितंबर में म्यूचुअल फंड्स के पास कैश 0.9% बढ़कर 1.49 लाख करोड़ रुपये हो गया है. इसके साथ टोटल एसेट बेस में भी 3.38% की ग्रोथ हुई और ये 31 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गया.
कुल मिलाकर अगर नए फंड की ऑफरिंग को छोड़ दें तो कुल कैश में 0.5% का इजाफा हुआ है, जबकि पूरे एसेट बेस में कैश के एलोकेशन में 0.14% की गिरावट आई है.
कैश एलोकेशन में इस गिरावट का मतलब है कि म्यूचुअल फंड्स ने बाजार में अपना निवेश बढ़ाया है और वो पहले के मुकाबले एलोकेशन में कम कैश रख रहे हैं
इक्विटी में म्यूचुअल फंड इनफ्लो सितंबर में घरेलू इंस्टीट्यूशंस से ज्यादा रहा है. म्यूचुअल फंड्स ने 32,200 करोड़ रुपये के स्टॉक खरीदे, जबकि DIIs इनफ्लो 30,900 करोड़ रुपये से कुछ ज्यादा रहा, जिससे नॉन म्यूचुअल फंड घरेलू इंस्टीट्यूशंस के नेट आउटफ्लो का पता चलता है.
अक्टूबर में अबतक म्यूचुअल फंड्स ने 23,300 करोड़ रुपये की इक्विटी की खरीदारी में लगाए हैं, जबकि DIIs का निवेश लगभग 57,800 करोड़ रुपये रहा है. इसकी तुलना में फॉरेन पोर्टफोलियो इन्वेस्टर्स का नेट आउटफ्लो 56,400 करोड़ रुपये से ज्यादा रहा है.
ओल्ड ब्रिज के फोकस इक्विटी फंड ने अपनी कैश होल्डिंग को अगस्त के 4.8% के स्तर से बढ़ाकर सितंबर में 10.4% कर दिया. इसके बाद बंधन AMC है, जिसने अपनी सभी एक्टिव इक्विटी स्कीम्स में कैश को बढ़ाकर 1,493 करोड़ रुपये पहुंच गया.
इन्वेस्को द्वारा एक्टिवली मैनेज्ड म्यूचुअल फंड्स की कैश होल्डिंग्स 568 करोड़ रुपये घटकर AUM के 1.6% पर पहुंच गई है.
सितंबर में जिन 5 कंपनियों की कैश होल्डिंग में सबसे ज्यादा कमी आई है, उनमें क्वांट म्यूचुअल फंड टॉप पर रहा, जिसकी कैश होल्डिंग में 2,322 करोड़ रुपये की कमी आई है.