म्यूचुअल फंड में SIP इन्वेस्टमेंट पर 'छोटी-छोटी बूंदों से घड़ा भरता है' वाली कहावत एकदम फिट बैठती है. फ्रैंकलिन टेंपलटन रिपोर्ट ने SEBI की एनुअल रिपोर्ट के हवाले से बताया है कि म्यूचुअल फंड SIP में 92% टिकट साइज 5,000 रुपये से भी कम है.
दरअसल, ये प्वाइंट तब और अहम हो जाता है जब हम देखते हैं कि पिछले डेढ़ साल में भारतीय म्यूचुअल फंड्स में ग्रॉस SIP फ्लो में तेज उछाल आया है. AMFI के मुताबिक अगस्त में SIP इनफ्लो 23,547 करोड़ रुपये रहा. बीते साल जुलाई के बाद हर महीने म्यूचुअल फंड्स इनफ्लो फ्रेश हाई पर पहुंचा है.
इस साल अगस्त तक कुल SIP खातों की संख्या में 40% का उछाल आया है और ये 9.61 करोड़ पर पहुंच गए. ऐसा इसलिए हुआ है क्योंकि बीते साल जितने SIP खाते जोड़े गए, वे बंद होने वाले खातों से ज्यादा रहे हैं. हालांकि, इनकी संख्या में भी बढ़ोतरी ही हुई है.
इस साल अगस्त तक करीब 36.54 लाख SIP अकाउंट बंद हो चुके हैं. ये पिछले साल की तुलना में 87% ज्यादा है. ठीक इसी दौरान करीब 64 लाख नए SIP अकाउंट बनाए गए.
बल्कि, कुल खुले खातों की तुलना में बंद हुए खातों की हिस्सेदारी इस साल 57% रही. जबकि, बीते साल इसी अवधि में ये 55% थी.
बेहद छोटे म्यूचुअल फंड इन्वेस्टमेंट्स को प्रोमोट करने की कवायद फायदेमंद नजर आ रही है. 500 रुपये से कम के SIP फोलियो में बीते साल सबसे ज्यादा तेजी देखी गई है. हालांकि, कुल SIP फोलियो की तुलना में इनकी संख्या अब भी 6% से कम है.
कुल फोलियो में सबसे ज्यादा 500 रुपये से लेकर 3000 रुपये के बीच हैं. 73% फोलियो इसी कैटेगरी में हैं.
नए निवेशकों के लगातार आने और कम रकम की SIP में लगातार बढ़ोतरी होने से इस साल अगस्त में औसत निवेश गिरकर 2,449 रुपये पर आ गया है. जबकि दिसंबर 2018 में औसत निवेश 3,159 रुपये हुआ करता था.
फ्रैंकलिन टेंपलटन रिपोर्ट के मुताबिक इक्विटी म्यूचुअल फंड स्कीम्स के AUM में SIP की हिस्सेदारी लगातार बढ़ रही है. इससे पता चलता है कि ज्यादा संख्या में रिटेल इन्वेस्टर्स अपने फंड्स के निवेश के लिए ज्यादा सिस्टमैटिक अप्रोच अपना रहे हैं. अगस्त में SIPs इक्विटी AUM का 27.4% रही हैं, जो कि साल भर पहले 26.9% रही थी.