हेलियस कैपिटल (Helios Capital) को अपना म्यूचुअल फंड, हेलियस म्यूचुअल फंड (Helios Mutual Fund) लाने के लिए मार्केट रेगुलेटर SEBI से मंजूरी मिल गई है. कंपनी के फाउंडर और फंड मैनेजर समीर अरोड़ा (Samir Arora) ने इसकी जानकारी दी.
उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्विटर पर लिखा, 'मुझे ये घोषणा करते हुए बहुत खुशी हो रही है कि SEBI ने हेलियस म्यूचुअल फंड को मंजूरी दे दी है.'
अलायंस कैपिटल एसेट मैनेजमेंट इंडिया के इंडिया म्यूचुअल फंड डिवीजन के हेड रह चुके समीर अरोड़ा के लिए ये एक तरह से भारत में म्यूचुअल फंड कारोबार वापसी करने जैसा होगा.
सिंगापुर बेस्ड हेलियस कैपिटल मैनेजमेंट की शुरुआत अरोड़ा और उनके 2 साथियों ने की थी, जो भारत में लॉन्ग-शॉर्ट और लॉन्ग ओनली फंड्स और ग्लोबली लॉन्ग ओनली फंड्स पर फोकस करते थे. अब इसको मार्केट रेगुलेटर ने भी मंजूरी दे दी है.
देश में म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री तेजी से बढ़ रही है, इसने कई बिजनेसेस का ध्यान अपनी ओर खींचा है. AMFI के डेटा के अनुसार जुलाई तक इस क्षेत्र के 43 खिलाड़ियों का असेट अंडर मैनेजमेंट 46.4 लाख करोड़ रुपये था. इसका करीब एक तिहाई हिस्सा कुछ गिने-चुने म्यूचुअल फंड कंपनियों द्वारा मैनेज किया जाता है, वहीं इस मैदान के नए खिलाड़ी अपने पैर जमाने के लिए डिजिटल बेस्ड स्ट्रैटेजी पर फोकस कर रहे हैं.
इसमें से एक बड़ा प्लेयर हाल ही में म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री अपना सिक्का जमाने के लिए मैदान में आया है, जो जियो फाइनेंशियल सर्विसेज और ब्लैकरॉक का जॉइंट वेंचर है.
BQ Prime से बात करते हुए म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री के कुछ दिग्गजों ने नए खिलाड़ियों के इस क्षेत्र में आने का स्वागत किया.
आदित्य बिरला सन लाइफ म्यूचुअल फंड के MD और CEO और AMFI चेयरमैन ए बालासुब्रमण्यम ने कहा, 'ये जानते हुए कि म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री में फिलहाल 15 करोड़ पोर्टफोलियो ही हैं, निश्चित तौर पर हम नए प्लेयर्स को आते हुए देख रहे हैं. इससे इंडस्ट्री का बेस फैलेगा.'
उन्होंने आगे कहा, 'अगर आप इन 15 करोड़ पोर्टफोलियो और निवेशकों का अनुपात निकालें, तो यूनीक निवेशक 4 करोड़ के करीब हैं. 125 करोड़ की आबादी वाले देश में, MF इंडस्ट्री में 3-3.5 करोड़ यूनीक निवेश हैं, जो ये अपने आप बताने के लिए काफी हैं कि इंडस्ट्री में कितनी क्षमता है.'
DP सिंह, जो कि SBI म्यूचुअल फंड के डिप्टी मैनेजिंग डायरेक्टर हैं, प्रभावी खिलाड़ियों को लीड करने का भरोसा जताते हैं. वे कहते हैं, 'मेरी कंपनी का अनुमान है कि ये क्षेत्र और बढ़ेगा जिससे सभी को फायदा होगा. इस क्षेत्र में सबसे बड़ी कंपनी होने के कारण सबसे बड़ा हिस्सा भी हमको मिलेगा. हम नए खिलाड़ियों का स्वागत करते हैं.'
सिंह साथ में जोड़ते हैं कि डिजिटल इनोवेशन बहुत वक्त तक बदलाव लाने वाले साबित नहीं होंगे, क्योंकि बड़े लोग इन मॉडल की कॉपी कर पाने में सक्षम होंगे.
हेलियस म्यूचुअल फंड को उस समय मंजूरी मिली है, जब इंडस्ट्री के कामकाज में बड़े बदलाव देखने को मिल सकते हैं. म्यूचुअल फंड्स द्वारा लगाए गए शुल्क में सुधार करने और सभी को समान अवसर देने के लिए, SEBI शुल्क के स्ट्रक्चर और टोटल एक्सपेंस रेश्यो (total expense ratio) में बदलाव की प्रक्रिया में है. संभव है इससे आने वाले वक्त में म्यूचुअल फंड खिलाड़ियों की ओर से ऑफरिंग में कोई बदलाव देखने को मिले.
हाल ही में इस मार्केट में आई बजाज फिनसर्व म्यूचुअल फंड देर से आने पर इसका लाभ देख रही है. जून में लॉन्च के समय, फंड हाउस की मैनेजमेंट टीम ने कहा था कि हम लार्ज कैप स्कीम्स को मैनेज करने पर अपना फोकस नहीं करेंगे, क्योंकि अधिकतर फंड मैनेजर्स इसमें बेंचमार्क रिटर्न से बेहतर करने में नाकाम रहे हैं.