अदाणी पावर (Adani Power Ltd.) अपनी कोयला बेस्ड बिजली उत्पादन क्षमता का बड़े पैमाने पर विस्तार करने की योजना के साथ भारत के ऊर्जा क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाने को तैयार है.
कंपनी ने तेजी से बढ़ती बिजली की मांग को पूरा करने के लिए 2032 तक 80GW थर्मल क्षमता जोड़ने के भारत के लक्ष्य के हिस्से के रूप में 11.2GW थर्मल पावर क्षमता जोड़ने की योजना बनाई है.
कंपनी ने एक प्रेजेंटेशन में कहा कि ये विस्तार 2030 तक 500GW रीन्युएबल एनर्जी को साथ जोड़ने, स्थिर बेस लोड पावर सप्लाई को सुनिश्चित करने के लिए महत्वपूर्ण माना गया है.
पीक पावर डिमांड डिस्पैच करने योग्य क्षमता (dispatchable capacity) की जरूरत को दर्शाती है, जो थर्मल पावर से सबसे अच्छी तरह से दी जाती है.
डिस्पैचेबल क्षमता का मतलब है बिजली की अधिकतम मात्रा है जिसे ग्रिड ऑपरेटर कस्टमर की मांग को पूरा करने के लिए किसी भी समय कंट्रोल और एडजस्ट कर सकता है.
कंपनी उत्सर्जन को कम करने के लिए अल्ट्रा सुपरक्रिटिकल और सुपरक्रिटिकल सिस्टम जैसी तकनीकों को लागू करने पर फोकस कर रही है. कंपनी मार्च 2031 तक 30.67GW की संभावित क्षमता का अनुमान लगा रही है.
अदाणी पावर मौजूदा वक्त में 15.25GW एसेट्स को ऑपरेट करती है और उसके पास 9.52 GW की चालू परियोजनाएं हैं. इसके अलावा कंपनी 5.90GW के आने वाले मौकों को तलाश रही है.
अदानी पावर नेट कार्बन न्यूट्रल संभावनाओं की भी खोज कर रही है और मार्च 2025 तक पब्लिक डिस्क्लोजर का लक्ष्य है.