बाजार की इन चिंताओं को दरकिनार करते हुए कि बहुमत के बिना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सामान्य जीत से लोकलुभावन योजनाओं पर खर्च बढ़ सकता है, ग्लोबल इन्वेस्टमेंट फर्म ब्लैकरॉक (BlackRock Inc.) इंडियन बॉन्ड्स (Indian bonds) को लेकर अपने पॉजिटिव आउटलुक पर कायम है. इंडियन बॉन्ड्स को लेकर ये बुलिश बना हुआ है.
ब्लैकरॉक में चीफ इन्वेस्टमेंट ऑफिसर और एशिया पैसिफिक फंडामेंटल फिक्स्ड इनकम के चीफ नीरज सेठ के अनुसार, मोदी के नेतृत्व वाला गठबंधन (NDA) फिस्कल कॉन्सोलिडेशन की राह से विचलित नहीं होगा, और महंगाई को कम करने से रिजर्व बैंक (RBI) इस वर्ष के अंत में दरों में ढील देने की शुरुआत कर सकेगा.
सेठ ने बुधवार को एक इंटरव्यू में कहा, 'वास्तव में भारत में लॉन्ग टर्म के लिए ये अच्छा समय है, मैं चुनाव के नतीजों के बाद अपना नजरिया नहीं बदलूंगा.' उन्होंने कहा कि वो ज्यादा लिक्विड 7 और 10 साल के बॉन्ड को प्राथमिकता देंगे.
भारतीय बाजारों को मंगलवार को झटका लगा क्योंकि रुझानों और नतीजों से पता चल रहा था कि नरेंद्रा मोदी की पार्टी BJP, संसद में अपना बहुमत खो रही है. तमाम एग्जिट पोल्स से इतर ये एक ऐसा परिणाम था, जिसके बारे में मूडीज रेटिंग्स ने कहा कि ये अधिक दूरगामी आर्थिक सुधारों (Far-Reaching Economic Reforms) में देरी कर सकता है और फिस्कल कॉन्सोलिडेशन की प्रगति को बाधित कर सकता है.
10 साल की बॉन्ड यील्ड में मंगलवार को 12 बेसिस प्वाइंट्स (bps) की बढ़ोतरी हुई, जो बुधवार को मार्केट स्थिर होने से पहले, अक्टूबर 2023 के बाद सबसे अधिक है.
सेठ ने कहा, 'तब जबकि विस्तारवादी खर्च एक रिस्क है, वित्तीय अनुशासन की दिशा में प्रयासों से 'बड़े बदलाव' की संभावना नहीं है, क्योंकि मोदी के नेतृत्व वाली NDA के पास बहुमत है. उन्होंने कहा 'मोदी सरकार ने घाटे पर लगाम लगाने के लिए निर्णायक कदम उठाए थे, जिससे मार्च में समाप्त हुए वित्तीय वर्ष में ये GDP के 5.6% पर आ गया और 2025-26 तक इसे और भी कम करके 4.5% करने का लक्ष्य है.
भारत की घटती महंगाई (जिसमें पिछले साल के 7% की रिकॉर्ड हाई की तुलना में ताजा CPI 4.83% है. नीरज सेठ के इस नजरिये का समर्थन करती है कि RBI, फेडरल रिजर्व की कार्रवाई के बावजूद भी दरों को कम कर सकता है. US-FED से फिलहाल दरों को स्थिर रखने की उम्मीद है.
सेठ ने कहा, 'कुछ हद तक, भारत बहुत कम इकोनॉमीज में से एक है (और RBI कुछ केंद्रीय बैंकों में से एक है) जहां मैं देखता हूं कि मॉनिटरी पॉलिसी, बहुत हद तक FED पर निर्भर नहीं है.'
एसेट क्लास पर उनका आशावादी नजरिया, एबर्डन (Abrdn) और स्टैंडर्ड चार्टर्ड (Standard Chartered Plc) ने शेयर किया है, जो आगामी इंडेक्स इनक्लूशन से अपेक्षित प्रवाह (Expected Inflows) के कारण अनुकूल सप्लाई-डिमांड पर केंद्रित हैं. इस महीने के अंत में JP मॉर्गन चेस एंड कंपनी के इमर्जिंग इंडेक्सेज में शामिल होने से पहले भारत के बॉन्ड मार्केट ने इस साल 6.6 बिलियन डॉलर के विदेशी फंड को अपनी ओर आकर्षित किया है.
सेठ ने कहा, 'इंडेक्स इनक्लूशन के पीछे अगले 10 महीनों में संभावित स्ट्रक्चरल इनफ्लो, तकनीकी रूप से पॉजिटिव बैकड्रॉप प्रोवाइड करेगा.'