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सेंसेक्स 50, बैंकेक्स पर वीकली डेरिवेटिव्स कॉन्ट्रैक्ट्स होंगे बंद, SEBI के F&O नियमों का असर

SEBI ने मंगलवार को जारी एक सर्कुलर में फ्यूचर्स एंड ऑप्शंस ट्रेडिंग सेगमेंट के लिए नए नियमों का ऐलान किया था
NDTV Profit हिंदीNDTV Profit डेस्क
NDTV Profit हिंदी10:06 AM IST, 04 Oct 2024NDTV Profit हिंदी
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सेंसेक्स 50 (Sensex 50) और बैंकेक्स (Bankex) पर वीकली डेरिवेटिव्स कॉन्ट्रैक्ट्स 14 और 18 नवंबर को बंद होने जा रहे हैं. मंगलवार को सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (SEBI) की ओर से नए फ्रेमवर्क लॉन्च किए जाने के बाद ये फैसला लिया गया है. BSE का अब सिर्फ एक ट्रेडेबल इंडेक्स होगा- सेंसेक्स.

SEBI ने मंगलवार को जारी एक सर्कुलर में फ्यूचर्स एंड ऑप्शंस ट्रेडिंग सेगमेंट के लिए नए नियमों को लागू किया था. सर्कुलर के मुताबिक SEBI ने एक्सचेंजेज को 20 नवंबर से वीकली ऑप्शन एक्सपायर की लिमिट एक प्रति एक्सचेंज करने को कहा था.

SEBI के नियमों में क्या है?

एक्सचेंजेज के लिए इंट्राडे पोजीशंस की दिन में कम से कम चार बार निगरानी करना भी अनिवार्य होगा. इंट्राडे लिमिट का उल्लंघन होने पर जुर्माना लगाया जाएगा, जैसा ट्रेडिंग डे के आखिर में लगाया जाता है. हाल के कदमों के तहत बायर्स को सीधे प्रीमियम का भी भुगतान करना होगा.

इसके अलावा इंडेक्स डेरिवेटिव्स के लिए मिनिमम कॉन्ट्रैक्ट वैल्यू को बढ़ाकर 15 लाख रुपये कर दिया गया है. इस कदम का मकसद ट्रेडिंग स्टैंडर्ड्स और क्षमता को बढ़ाना है. सर्कुलर के तहत एक्सपायरिंग कॉन्ट्रैक्ट्स के लिए एक्सपायरी के दिन पर कैलेंडर स्प्रेड बेनेफिट्स को भी खत्म कर दिया गया है. ये ट्रेडिंग में एक बड़ा बदलाव है.

SEBI की स्टडी में क्या सामने आया था?

SEBI के ये बदलाव रिटेल निवेशकों को वायदा कारोबार से जुड़े खतरों से दूर रखने के लिए लाए गए हैं. SEBI की पिछले महीने जारी स्टडी में सामने आया था कि 10 में से 9 इंडीविजुअल ट्रेडर्स को मार्च 2024 में खत्म होने वाले तीन साल के दौरान फ्यूचर्स एंड ऑप्शंस ट्रेडिंग में घाटा हुआ है. स्टडी के मुताबिक कुल घाटा 1.8 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा है.

स्टडी में सामने आया है कि इंडीविजुअल ट्रेडर्स को औसतन 2 लाख रुपये प्रति का नुकसान हुआ. घाटे वाले टॉप 3.5% या करीब 4,00,000 ट्रेडर्स को औसत 28 लाख रुपये का घाटा हुआ.

स्टडी में ये भी सामने आया है कि F&O सेगमेंट में 30 साल से कम उम्र के ट्रेडर्स का प्रतिशत FY23 के 31% से बढ़कर FY24 में 43% पर पहुंच गया है.

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