टेलीकॉम इंडस्टी के दो दिग्गजों भारती एयरटेल और रिलायंस जियो की 5G के फिक्स्ड वायरलेस एक्सेस (FWA) और इंडस्ट्रियल इंटरनेट की वजह से ग्रोथ को और रफ्तार मिलेगी. ग्लोबल ब्रोकरेज फर्म CLSA ने अपनी नई रिपोर्ट में इन दोनों कंपनियों भारती एयरटेल और रिलायंस जियो की पैरेंट कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज में खरीदारी की सलाह दी है.
CLSA ने रिलायंस इंडस्ट्रीज और एयरटेल में खरीदारी की सलाह के साथ टारगेट प्राइस भी दिया है. RIL के लिए टारगेट प्राइस 29% अपसाइड के साथ 3,060 रुपये है, जबकि एयरटेल के लिए 15% उछाल के साथ टारगेट प्राइस 1,110 रुपये है. CLSA का कहना है कि जियो का IPO एयरटेल के लिए एक स्टॉक रीरेटिंग कैटालिस्ट होगा.
CLSA ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि एयरटेल और जियो दोनों भारत के मोबाइल मार्केट के 78% हिस्से पर काबिज हैं, इन दोनों के पास 80 करोड़ मोबाइल उपभोक्ता है. हम उम्मीद करते हैं कि RJio और भारती एयरटेल FY26 तक टेलीकॉम सेक्टर की सालाना आय को 38 बिलियन डॉलर तक लेकर जाएंगे. अगर आदर्श स्थिति में दोनों का संयुक्त रूप से शेयर 90% पहुंच गया और ARPU भी 300 रुपये हो गया तो FY26 तक दोनों की आय 50% बढ़कर 47 बिलियन डॉलर पहुंच सकती है.
रिलायंस इंडस्ट्रीज और भारती एयरटेल में खरीदारी की सलाह
RIL का टारगेट प्राइस 29% अपसाइड के साथ 3,060 रुपये
एयरटेल के लिए 15% उछाल के साथ टारगेट प्राइस 1,110 रुपये
जियो का IPO एयरटेल के लिए एक स्टॉक रीरेटिंग कैटालिस्ट होगा
अगर दोनों का संयुक्त रूप से शेयर 90% पहुंचा, ARPU 300 रुपये हुआ
तब FY26 तक दोनों की आय 50% बढ़कर 47 बिलियन डॉलर पहुंच सकती है
दोनों ही टेलीकॉम दिग्गजों ने 5G को सफलतापूर्वक रोलआउट किया
5G रोलआउट के बाद दोनों ने 12.5 करोड़ 5G सब्सक्राइबर्स जोड़े
दोनों ही कंपनियों का 5G FWA का विस्तार करने पर फोकस है
5G FWA 11-15 बिलियन डॉलर का मार्केट बन सकता है
CLSA ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि सस्ते टैरिफ और बेहतर तरीक से 4G को देश भर में फैलाने और साथ ही हैंडसेट बनाने की वजह से रिलायंस जियो को टेलीकॉम सेक्टर का लीडर बनने में मदद मिली, जबकि एयरटेल अपने शानदार एग्जीक्यूशन की वजह से नंबर दो पर बना हुआ है.
अगर जियो के पास सब्सक्राइबर्स (46 करोड़) ज्यादा हैं तो एयरटेल का एवरेज रेवेन्यू प्रति यूजर (ARPU) 203 रुपये है, जो कि सेक्टर में सबसे ज्यादा है. दोनों ही टेलीकॉम दिग्गजों ने 5G को सफलतापूर्वक रोलआउट किया और 12.5 करोड़ 5G सब्सक्राइबर्स जोड़े. हालांकि एयरटेल का 5G स्पेक्ट्रम का खर्च 50% कम है. CLSA ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि जियो का मोटा निवेश अगले तीन वर्षों में एबिटा ग्रोथ को तेजी से बढ़ाएगा. हालांकि एयरटेल का ROCE (Return on capital employed) जियो के मुकाबले ज्यादा रहेगा, क्योंकि ये पूंजी लगाने के मामले में ज्यादा सक्षम है.
दोनों ही 5जी एफडब्ल्यूएका विस्तार करना चाहते हैं, रिलायंस जियो का लक्ष्य है बंडल्ड ब्रॉडबैंड और पे-TV सर्विसेज के जरिए 10 करोड़ घरों तक पहुंचना, CLSA का अनुमान है कि 5G फिक्स्ड लाइन वायरलेस एक्सेस (FWA) 11-15 बिलियन डॉलर का मार्केट बन सकता है. इन सबसे ऊपर अगर भारत, चीन के रास्ते पर चला तो इंडस्ट्रियल इंटरनेट और एंटरप्राइज सर्विसेज 12-18 बिलियन डॉलर का मार्केट बन सकता है.
Jio ने अगस्त में 32.45 लाख वायरलेस ग्राहक जोड़े, जो जुलाई में बढ़े ग्राहकों की तुलना में 17% कम है, जबकि एयरटेल ने अगस्त में 12.17 लाख वायरलेस ग्राहक जोड़े, जबकि जुलाई में 15.17 लाख ग्राहक जुड़े थे.