भारतीय बाजारों में लगातार चल रहे करेक्शन के बीच एक बड़ी पॉजिटिव खबर आई है. दिग्गज ग्लोबल ब्रोकरेज फर्म CLSA ने भारत पर एक नोट निकाला है. इस नोट में ब्रोकरेज फर्म ने कहा है कि हमने जो एलोकेशन भारत से शिफ्ट कर के चीन के बाजारों पर बढ़ाया था, अब हम उसे वापस लेते हैं. साफ शब्दों में मतलब ये है कि CLSA ने चीन पर अपने रुख से यू-टर्न ले लिया है. इतना ही नहीं नोट में बताया गया है कि अब CLSA, भारत पर 20% ओवरवेट है.
दिग्गज ब्रोकरेज हाउस ने नोट में कहा 'अमेरिका में ट्रंप की वापसी के बाद हमने रुख बदला है और हम भारत से चीन की तरफ 'टैक्टिकल एलोकेशन' शिफ्ट वापस लेते हैं'. CLSA का मानना है कि चीन की इकोनॉमिक ग्रोथ एक्सपोर्ट पर ज्यादा निर्भर करती है और ट्रंप 2.0 में ट्रेड वॉर शुरू हो सकता है जिससे चीन के एक्सपोर्ट पर असर पड़ेगा. इसके साथ ही ट्रंप की प्रतिकूल ट्रेड पॉलिसी का सबसे कम असर भारत पर होगा जिसकी वजह से अब CLSA भारत पर 20% ओवरवेट है.
चीन ने इस साल की शुरुआत में स्टिमुलस का ऐलान किया जिसके तहत घरेलू उपकरणों से लेकर कारों तक की खरीद पर सब्सिडी देकर उपभोक्ताओं की तरफ से खर्च को बढ़ाने की कोशिश की गई है और पिछले कुछ महीनों में इसमें बढ़ोतरी हुई भी है. घरेलू डिमांड पर इसका असर पहले से ही दिखने लगा है, क्योंकि खपत वृद्धि 8 तिमाही के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई है और लगभग फैक्ट्री आउटपुट के बराबर पहुंच गई है.
घरेलू मांग में सुधार चीन के लिए महत्वपूर्ण है. डॉनल्ड ट्रंप ने अधिकांश चीनी सामानों के एक्सपोर्ट पर 60% टैरिफ की बात भी कही. ये चीन का एक्सपोर्ट ही है जिसने अब तक घरेलू मांग के अभाव में चीनी अर्थव्यवस्था को सहारा दिया है. सस्ते निर्यात के दम पर चीन इस साल 1 ट्रिलियन डॉलर के रिकॉर्ड ट्रेड सरप्लस की राह पर है.