कोफोर्ज के शेयरों में आज तेजी देखने को मिल रही है. NSE पर ये शेयर 1.7% की बढ़त के साथ इंट्राडे में 1730 रुपये तक पहुंच गया, क्योंकि शेयरों में ट्रेडिंग एक्स-स्प्लिट आधार पर शुरू हुआ. यानी शेयर ने स्प्लिट (stock split) की प्रक्रिया को पार कर लिया है और अब वो नए शेयर प्राइस और संरचना के आधार पर ट्रेड हो रहा है.
स्टॉक स्प्लिट में कंपनी अपने शेयरों की संख्या बढ़ाती है और प्रति शेयर की कीमत को कम करती है, ताकि शेयर अधिक निवेशकों के लिए किफायती हो जाए. कंपनी के बोर्ड ने 5 मई, 2025 को एक बैठक में स्टॉक स्प्लिट पर विचार किया और उसे मंजूरी दे दी. इसके लिए रिकॉर्ड डेट 4 जून, 2025 तय की गई. ये स्टॉक स्प्लिट 1:5 के रेश्यो में किया जाना तय हुआ.
कोफोर्ज के स्टॉक स्प्लिट के बाद 10 रुपये की फेस वैल्यू वाले एक मौजूदा इक्विटी शेयर के बदले, शेयरधारकों को 2 रुपये फेस वैल्यू वाले पांच इक्विटी शेयर मिलेंगे. एक्स-डेट (या एक्स-स्प्लिट डेट) वो पहला दिन होता है जब स्टॉक अपने नए, स्प्लिट एडजस्टेड प्राइस पर ट्रेड करता है.
पिछले एक साल में, कोफोर्ज के शेयरों में 72% की तेजी आई है. कंपनी का मार्केट कैप 57,583.79 करोड़ रुपये रहा. इसका 52-हफ्ते का उच्चतम मूल्य ₹2,003.59 प्रति शेयर है और स्टॉक का 52-सप्ताह का निम्नतम स्तर ₹943.77 प्रति शेयर है.
शेयर स्प्लिट से कंपनी के मार्केट कैप पर कोई असर नहीं पड़ेगा, लेकिन शेयरों की संख्या पांच गुना बढ़ जाएगी. इस कदम का उद्देश्य आम तौर पर बाजार में लिक्विडिटी को बढ़ाना है. स्टॉक स्प्लिट के लिए पात्र हों, इसके लिए निवेशकों के लिए जरूरी है कि वो रिकॉर्ड डेट तक शेयर को अपने पास रखें. रिकॉर्ड डेट ये तय करती है कि स्प्लिट के बाद किसे अतिरिक्त शेयर मिलेंगे.
भारत के T+1 सेटलमेंट साइकल को ध्यान में रखते हुए निवेशकों को पात्र होने के लिए रिकॉर्ड डेट से कम से कम एक कारोबारी दिन पहले शेयर खरीदना होगा. रिकॉर्ड तिथि पर शेयर खरीदने पर आप इसके लिए पात्र नहीं होंगे. क्योंकि शेयरों की ओनरशिप समय पर दिखाई नहीं देगी.
कोफोर्ज, जिसे NIIT टेक्नोलॉजीज के नाम से जाना जाता था, एक ग्लोबल डिजिटल सर्विस और सॉल्यूशन प्रोवाइडर है जिसका मुख्यालय उत्तर प्रदेश के नोएडा में है, और इसके अतिरिक्त कार्यालय न्यू जर्सी, US में हैं.