अदाणी ग्रुप ने फाइनेंशियल टाइम्स (Financial Times) की प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) को लेकर रिपोर्ट को सिरे से खारिज कर दिया है. अदाणी ग्रुप ने फाइनेंशियल टाइम्स को इसके जवाब में एक चिट्ठी लिखी है, जिसमें ग्रुप ने फाइनेंशियल टाइम्स की रिपोर्ट को अदाणी ग्रुप के डिस्क्लोजर्स को समझने में की गई 'मौलिक गलतफहमी' और 'नतीजतन गलतियां' करार दिया है. अदाणी ग्रुप ने फाइनेंशियल टाइम्स की इस रिपोर्ट को झूठ और बदनाम करने की जानबूझकर की गई कोशिश बताया है.
अदाणी ग्रुप के जवाब से पहले ये समझ लेते हैं कि फाइनेंशियल टाइम्स की वो स्टोरी क्या है, जिसे लेकर अदाणी ग्रुप ने उसे आड़े हाथों लिया है.
दरअसल, 22 मार्च, 2023 को फाइनेंशियल टाइम्स ने 'Indian Data Reveals Adani Empire’s Reliance On Offshore Funding ' नाम से एक स्टोरी छापी थी, जिसमें ये कहा गया था कि बीते वर्षों में गौतम अदाणी ग्रुप में कुल FDI का करीब आधा उनके परिवार से जुड़ी ऑफशोर संस्थाओं से आया है. रिपोर्ट में कहा गया कि अदाणी ग्रुप से जुड़ी ऑफशोर कंपनियों ने 2017 और 2022 के बीच ग्रुप में कम से कम 2.6 बिलियन डॉलर का निवेश किया, जो इस अवधि के दौरान कुल FDI में मिले 5.7 बिलियन डॉलर से ज्यादा का 45.4% है. ये अदाणी ग्रुप के कारोबारी साम्राज्य की फाइनेंसिंग में शामिल ऐसे पैसे की भूमिका को हाइलाइट करता है जिसकी जांच-पड़ताल मुश्किल है.
इस रिपोर्ट के जवाब में अदाणी ग्रुप ने फाइनेंशियल टाइम्स से कहा है कि 'आपका 22 मार्च, 2023 का लेख अदाणी परिवार और अदाणी ग्रुप को बदनाम करने का झूठा और जानबूझकर किया गया प्रयास है. ऐसा करना ये दिखाता है कि सार्वजनिक रूप से मौजूद तथ्यों का जानबूझकर चयनित रूप से इस्तेमाल किया गया, तथ्यों को समझने में आलसपन दिखाया गया, जिसके लिए आपकी ओर से रिपोर्टर्स को निर्देशित किया गया था, और ऐसे आरोप लगाए गए जो झूठे और नुकसान पहुंचाने वाले हैं.
हमारा आपको रिपोर्टर्स के लिए कहना है कि, वो सभी रिपोर्ट्स जिसकी फाइनेंशियल टाइम्स ने जांच की, सार्वजनिक रूप से डिस्क्लोज्ड हैं और बिल्कुल सही हैं, और स्टोरी ये बताती है कि आपके रिपोर्टर्स ने उन पब्लिक डिक्स्लोजर्स और उससे संबंधित प्रेस रिलीज को भी सार्थक तरीके से नहीं देखा है. इसमें वो भी शामिल हैं जिन्हें फाइनेंशियल टाइम्स ने उस वक्त कवर भी किया था.
अदाणी ग्रुप ने लिखा है कि वास्तव में जैसा कि 18 जनवरी 2021 और 23 जनवरी 2021 को सार्वजनिक रूप से इसका खुलासा किया गया कि अदाणी ग्रुप प्रमोटर्स ने अदाणी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड (AGEL) में 20% हिस्सेदारी को फ्रांस की टोटल एनर्जीज (Total Energies) को बेचकर 2 बिलियन डॉलर जुटाए थे.
इस रिपोर्ट को फाइनेंशियल टाइम्स ने उस समय छापा था, लेकिन 22 मार्च 2023 की स्टोरी में बिल्कुल अनदेखा कर दिया गया. इसके बाद अक्टूबर 2019 में, प्रमोटर्स ने अदाणी टोटल गैस (Adani Total Gas Ltd.) में 37.4% हिस्सेदारी बेचकर 700 मिलियन डॉलर जुटाए, ये भी अदाणी की प्रेस रिलीज में बताया गया था. एक बार फिर फाइनेंशियल टाइम्स ने इसको जानबूझकर अनदेखा किया, जबकि पहले वो इस न्यूज को छाप चुके थे.
इन फंड्स को प्रमोटर्स की कंपनियों, नए बिजनेस को सपोर्ट और उनकी ग्रोथ और पोर्टफोलियो कंपनियों में निवेश किया गया. जिसमें अदाणी एंटरप्राइजेज, अदाणी पोर्ट्स और अदाणी स्पेशल इकोनॉमिक जोन, अदाणी ट्रांसमिशन और अदाणी पावर शामिल हैं. प्रमोटर कंपनियों की अदाणी कंपनियों में एक बड़ी हिस्सेदारी है, जो कि समय के साथ बढ़ती गई. ये इक्विटी की बिक्री के जरिए मिले पैसों के समय पर इस्तेमाल करके ये संस्थाएं अपने निवेश को बढ़ाने में सक्षम हैं.
अदाणी ग्रुप ने लिखा कि अदाणी परिवार ने AGEL इक्विटी में अतिरिक्त खरीदारी करने और शेयरहोल्डर लोन और दूसरी सिक्योरिटीज के जरिए AGEL को सपोर्ट देने के लिए सेकेंडरी सेल के जरिए अपने रिटर्न को लगाया और ये सबकुछ सार्वजनिक रूप से मौजूद है.
अदाणी ग्रुप ने फाइनेंशियल टाइम्स को लिखा कि - आपकी स्टोरी ने प्राइमरी और सेकेंडरी निवेशों को मिला दिया और 2 बिलियन डॉलर के लेन-देन को पूरी तरह से नजरअंदाज कर दिया और ये सबकुछ इसलिए किया गया कि रिपोर्टर्स अपनी कथित राउंड ट्रिपिंग की 'पहले से तय थीसिस' को साबित करने के लिए बड़ी आसानी से 2 बिलियन डॉलर की 'फंडिंग गैप' को लेकर एक भ्रम या गलतफहमी पैदा कर सकें.
अदाणी ग्रुप का कहना है कि अगर इस पूरे किस्से में AGEL इक्विटी रिटर्न को शामिल कर लिया जाए तो तस्वीर पूरी तरफ साफ हो जाती है.
इसके आगे, अदाणी ग्रुप ने अपने जवाब में लिखा है कि रिपोर्ट ने कई जगह पर खुद को भी बेहिचक गलत साबित किया है. जैसे कि - उदाहरण के तौर पर रिपोर्ट में लिखा गया है कि 'ग्रुप को FDI दे रही कई ऑफशोर शेल कंपनियां अदाणी प्रमोटर्स ग्रुप का हिस्सा है, मतलब वो अदाणी या उनके परिवार से बेहद नजदीकी तौर पर जुड़ी हैं.'
इसके तुरंत बाद रिपोर्ट कहती है कि 'एनालिस्ट्स का कहना है कि मॉरीशस की अज्ञात संस्थाओं से पैसा आना चिंताजनक था क्योंकि ये पता लगाना असंभव था कि फंड "राउंडट्रिप" किया गया था या नहीं.' अदाणी ग्रुप ने कहा कि अगर फाइनेंशियल टाइम्स ये मानता है कि पहले पैराग्राफ में कंपनियां प्रमोटर ग्रुप का हिस्सा हैं तो, उन्हें अज्ञात संस्थाएं कैसे कहा जा सकता है.
अदाणी ग्रुप ने फाइनेंशियल टाइम्स को जवाब देते हुए लिखा कि तथ्य आसानी से और पारदर्शी रूप से मौजूद हैं. ये सभी तथ्य संबंधित रेगुलेटरी फाइलिंग में हैं.
अदाणी ग्रुप ने जो तथ्य सामने रखे हैं, उनसे राहुल गांधी का '20 हजार करोड़ रुपये की फंडिंग' वाला आरोप पूरी तरह से खारिज हो जाता है. अदाणी ग्रुप के बयान में वो सारे तथ्य हैं जो पहले ही सार्वजनिक तौर पर उपलब्ध हैं. इसमें समय-समय पर रेगुलेटर को दी गई जानकारियों का भी पूरा जिक्र है. इसमें कुछ भी गोपनीय नहीं, जैसा कि फाइनेंशियल टाइम्स ने दिखाने की कोशिश की.
अदाणी ग्रुप ने लिखा कि हम समझ सकते हैं कि अदाणी ग्रुप को नीचे गिराने की दौड़ काफी आकर्षक हो सकती है. लेकिन हम कानून का पूरी तरह से पालन कर रहे हैं. आपने एक भ्रामक नैरिटिव बनाकर अदाणी ग्रुप की कंपनियों की प्रतिष्ठा पर असर डाला है. इसलिए आप ये स्टोरी अपने वेबसाइट से तुरंत प्रभाव से हटा लें, क्योंकि इसने मार्केट और दूसरे मीडिया में गलतफहमी पैदा की है.
सोमवार को फाइनेंशियल टाइम्स की रिपोर्ट पर अदाणी ग्रुप के जवाब के बाद सभी 10 शेयरों में खरीदारी देखने को मिली. ग्रुप के 3 शेयरों, अदाणी ट्रांसमिशन, अदाणी ग्रीन एनर्जी और अदाणी टोटल गैस में 5% की मजबूती के साथ अपर सर्किट लगा. इसके साथ ही अन्य 3 शेयर 1% से ज्यादा मजबूत होकर बंद हुए.