फॉरेन पोर्टफोलियो इन्वेस्टर्स (FPIs) की भारतीय शेयर बाजार में होल्डिंग घटकर 10 साल के निचले स्तर पर पहुंच गई है. जनवरी 2024 में जारी किए गए आंकड़ों के आधार पर ICICI सिक्योरिटीज ने इसकी जानकारी दी.
जनवरी 2024 के अंत में FPIs की कुल होल्डिंग 62 लाख करोड़ रुपये रही, जबकि भारतीय शेयर बाजार का ओवरऑल मार्केट कैप 380 लाख करोड़ रुपये का है.
ICICI सिक्योरिटीज ने अपने नोट में कहा, जनवरी 2024 में FPIs की शेयरहोल्डिंग 16.3% पर रही, जो कि 10 साल का निचले स्तर है.
नोट में कहा गया है कि इसी साल जनवरी से लेकर अब तक (26/03) FPIs ने $3.5 बिलियन तक बाजार से निकाले, जो कि अपने आप में मुनाफावसूली का बड़ा आंकड़ा है.
अपने पोर्टफोलियो में स्मॉल कैप शेयरों की शानदार परफॉर्मेंस के बाद FPIs ने इन शेयरों को बेचकर मुनाफा कमाया.
ICICI सिक्योरिटीज के मुताबिक, मार्केट कैप के आधार पर टॉप 1,000 शेयरों की लिस्ट को देखते हुए, दिसंबर 2022 तक, FPIs की लार्ज कैप सेगमेंट में 78%, मिड कैप में 14% और स्मॉल कैप में 8% की होल्डिंग थी.
हालांकि, CY23 में FPIs ने मिड कैप और स्मॉल कैप में लार्ज कैप के मुकाबले ज्यादा खरीदारी की, जिससे इनकी मिड कैप में 14% और स्मॉल कैप में 9% हिस्सेदारी हो गई.
सेक्टोरल आधार पर नजर डालें, तो FPIs का फाइनेंशियल सेक्टर में 29,100 करोड़ रुपये, इंडस्ट्रियल्स में 24,400 करोड़ रुपये, IT में 14,400 करोड़ रुपये, ऑटो में 9,900 करोड़ रुपये का इनफ्लो रहा है.
इसके साथ ही एनर्जी में 4,300 करोड़ रुपये, मैटीरियल्स में 2,700 करोड़ रुपये और मीडिया में 2,700 करोड़ रुपये का आउटफ्लो रहा है.
एक्टिव म्यूचुअल फंड ने CY24 में खरीदारी बढ़ाई है. जनवरी 2024 में उन्होंने प्राइवेट बैंक, एनर्जी, इंडस्ट्रियल, हेल्थकेयर में इनफ्लो किया है. इसके साथ ही, उन्होंने यूटिलिटीज, टेलीकॉम, मीडिया और IT में आउटफ्लो किया है.
SIP में इनफ्लो में तेजी आई है. बहुत उतार-चढ़ाव की स्थिति में भी इसकी नेटवर्थ मासिक आधार पर $2 बिलियन की बढ़ोतरी हो रही है.
एक्टिव 'मार्केट कैप' वाले म्यूचुअल फंड्स में इनफ्लो रहा है. जनवरी 2024 में मिड कैप स्कीम में 2,600 करोड़ रुपये, मल्टी कैप स्कीम में 1,800 करोड़ रुपये और स्मॉल कैप स्कीम में 1,700 करोड़ रुपये का इनफ्लो रहा है.
इस साल फरवरी महीने में कुल 24,616 करोड़ रुपये का आउटफ्लो दर्ज किया गया. NSDL के मुताबिक, इसमें FPIs ने 25,744 करोड़ रुपये निकले.
जिन सेक्टर्स से सबसे ज्यादा पैसे निकाले गए, उनमें फाइनेंशियल्स, FMCG शामिल हैं. वहीं, IT, एनर्जी, पावर, टेलीकॉम में इनफ्लो नजर आया.
मैक्रो नजरिए से देखें, भारत की GDP की मजबूत ग्रोथ, कंपनियों के तिमाही नतीजे और ब्याज दरों में मॉडरेशन की संभावना शेयर बाजार में निवेश करने वाले FPIs के लिए पॉजिटिव है.