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अप्रैल के पहले 2 हफ्ते में FPIs ने क्या खरीदा, क्या बेचा?

पावर, फाइनेंशियल सर्विसेज, कंज्यूमर सर्विसेज और ऑटोमोबाइल कुछ ऐसे सेक्टर रहे, जिसमें निवेश आया.
NDTV Profit हिंदीAnjali Rai
NDTV Profit हिंदी03:14 PM IST, 22 Apr 2024NDTV Profit हिंदी
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विदेश पोर्टफोलियो निवेशकों (FPIs) ने US बॉन्ड यील्ड में बढ़ोतरी के चलते अप्रैल महीने में अपनी एसेट को बेचने का प्लान बनाया है. IT, FMCG और कंज्यूमर ड्यूरेबल्स जैसे सेक्टर में महीने के शुरुआती समय में आउटफ्लो नजर आया.

नेशनल सिक्योरिटीज डिपॉजिटरी लिमिटेड (NSDL) के डेटा पर नजर डालें, तो पावर, फाइनेंशियल सर्विसेज, कंज्यूमर सर्विसेज और ऑटोमोबाइल कुछ ऐसे सेक्टर रहे, जिसमें इनफ्लो नजर आया.

इस वित्त वर्ष की शुरुआत यानी 1 अप्रैल 2024 से 22 अप्रैल 2024 के बीच विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPIs) ने 5,639 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे.

क्या है बढ़ोतरी की वजह?

बढ़ते भूराजनीतिक तनाव के बीच जो भारतीय शेयर बाजार पहले से ही ऑल टाइम हाई पर कारोबार कर रहा है, उसमें भी विदेशी निवेशकों का भारतीय बाजार में निवेश समझदारी भरे कदम की तरह नजर आ रहा है. हालांकि, फरवरी और मार्च के मुकाबले अप्रैल में निवेश में कमी आई है.

जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के चीफ इन्वेस्टमेंट स्ट्रैटेजिस्ट VK विजयकुमार के मुताबिक, 'अनुमान से ज्यादा महंगाई और बॉन्ड यील्ड में तेज उछाल के चलते निवेशक भारतीय कैश मार्केट में भारी बिकवाली नजर आ रही है'.

उन्होंने आगे कहा, 'FPI एक्टिविटी में एक बड़ा ट्रेंड तब नजर आया, जब कई महीने से खरीदारी के बाद उन्होंने बेचना शुरू किया. रुपये की गिरावट और US बॉन्ड यील्ड में तेजी इसके पीछे एक बड़ी वजह हो सकती हैं'.

जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के रिसर्च हेड विनोद नायर (Vinod Nair) के मुताबिक, 'बीते हफ्ते के डेटा पर नजर डालें, तो FIIs ने इस बार भी रिस्क नहीं लेने की कोशिश की है. मजबूत US इकोनॉमी, स्थिर महंगाई और शॉर्ट टर्म में फेड की ओर से ब्याज दरें घटाने की कम होती उम्मीदों के चलते ग्लोबल सेंटिमेंट भी कमजोर नजर आ रहा है. Q4 नतीजों का अनुमान सपाट रहने के चलते मिडकैप और स्मॉलकैप में कमजोरी नजर आई'.

रेलिगेयर ब्रोकिंग लिमिटेड के रिसर्च सेगमेंट में वाइस प्रेसिडेंट अजीत मिश्रा ने कहा, ब्याज दरों घटाने में देरी और भूराजनीतिक तनाव के चलते विदेशी निवेशक आउटफ्लो की तरफ बढ़ रहे हैं. उन्होंने कहा, हमारा मानना है कि ये धीरे-धीरे कम हो जाएगा और अर्निंग से पॉजिटिव सरप्राइज मिल सकता है.

इसके अलावा, चुनाव की वजह से अधिकतर इनफ्लो आने का अनुमान है और ब्याज दरों में कटौती के अनुमान से आउटफ्लो पर ब्रेक लग सकता है.

डेट मार्केट में हलचल

भारत के डेट मार्केट पर नजर डालें तो इस साल पहली बार अप्रैल में विदेशी इनफ्लो निगेटिव नजर आ रहा है. पॉजिटिव मैक्रोइकोनॉमिक फैक्टर्स के बीच इस महीने भारतीय शेयर बाजार में नेट आउटफ्लो नजर आ रहा है.

NSDL डेटा के मुताबिक, विदेशी निवेशकों ने 6,174 करोड़ रुपये की बिकवाली की है.

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लेखकAnjali Rai
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