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आखिर क्यों गिर रहे हैं गैस डिस्ट्रीब्यूशन कंपनियों के शेयर; गुजरात गैस, IGL, IRM की पिटाई

रेगुलेटरी बोर्ड ने सिटी गैस डिस्ट्रीब्यूशन (CGD) के क्षेत्र में कंपटीशन पर चर्चा करने के लिए इस सेक्टर के हितधारकों को 4 नवंबर से 20 नवंबर, 2024 तक बैठक करने के लिए बुलाया है.
NDTV Profit हिंदीNDTV Profit डेस्क
NDTV Profit हिंदी11:48 AM IST, 25 Oct 2024NDTV Profit हिंदी
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अदाणी टोटल गैस, महानगर गैस, IRM एनर्जी समेत दूसरी गैस डिस्ट्रीब्यूशन कंपनियों के शेयरों में आज गिरावट देखने को मिल रही है. क्योंकि भारतीय पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस रेगुलेटर बोर्ड ने भारत की सिटी गैस डिस्ट्रीब्यूशन (CGD) कंपनियों को एक नोटिस जारी किया है, जिसमें 73 नेटवर्क को सामान्य कैरियर घोषित कर दिया गया है. यानी प्रस्ताव के मुताबिक मौजूदा ऑपरेटर्स के लिए ये नेटवर्क एक्सक्लूसिव नहीं रह जाएंगे और बाकी कंपनियों को भी इस नेटवर्क में अपनी CNG सेवाएं देने की इजाजत दी जा सकेगी.

किसको नोटिस जारी हुए

  • गुजरात गैस लिमिटेड: 20 क्षेत्रों के लिए नोटिस

  • GAIL (India): 5 क्षेत्रों के लिए नोटिस

  • महानगर गैस (MGL): 3 क्षेत्रों के लिए नोटिस

  • इंद्रप्रस्थ गैस (IGL): 2 क्षेत्रों के लिए नोटिस

  • अदाणी टोटल गैस: 3 क्षेत्रों के लिए नोटिस

  • IRM एनर्जी: 2 क्षेत्रों के लिए नोटिस

CGD कंपनियों के शेयरों में गिरावट

शुरुआती कारोबार में अदाणी टोटल गैस, MGL और IRM के शेयरों में गिरावट देखने को मिली.

बोर्ड ने सिटी गैस डिस्ट्रीब्यूशन (CGD) के क्षेत्र में प्रतिस्पर्धा पर चर्चा करने के लिए इस सेक्टर के हितधारकों को 4 नवंबर से 20 नवंबर, 2024 तक बैठक करने के लिए बुलाया है. अनुमान है कि बैठक में CGD नेटवर्क को कॉमन या कॉन्ट्रैक्ट कैरियर के रूप में बांटा जा सकता है.

ये नोटिस और बैठक में होने वाले संभावित फैसले गुजरात गैस लिमिटेड (GGL), महानगर गैस (MGL) और इंद्रप्रस्थ गैस लिमिटेड (IGL) जैसी गैस कंपनियों के लिए निगेटिव हैं, क्योंकि नेटवर्क को कॉमन कैरियर घोषित करने से सेक्टर में कंपटीशन बढ़ जाएगा और कंपनियों का मुनाफा कम हो सकता है. इसके अलावा इससे ऑपरेटरों पर रेगुलेटरी बोझ भी बढ़ सकता है और नेटवर्क विस्तार में देरी भी हो सकती है. हालांकि, किसी भी रेगुलेटरी कार्रवाई को अमल में आने में काफी समय लग सकता है.

कंज्यूमर के लिहाज से ये बदलाव अच्छे साबित हो सकते हैं, क्योंकि कंपटीशन बढ़ने से उपभोक्ताओं के लिए कीमतें कम हो सकती हैं और दूसरे गैस सप्लायर्स तक इंफ्रास्ट्रक्चर की आसान पहुंच से देश में गैस की पहुंच बढ़ सकती है. इस फैसले से सभी कंपनियों के लिए बराबर के मौके बन सकते हैं.

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