विदेशी इंस्टीट्यूशंस का भारतीय फाइनेंशियल सर्विसेज (Financial Services) कंपनियों की ओर निगेटिव आउटलुक में अब बदलाव आ गया है. जून में उन्होंने इन कंपनियों में 1.1 बिलियन डॉलर का निवेश किया है. इससे पिछले हफ्ते इसमें आउटफ्लो देखने को मिला था.
जून में फॉरेन इंस्टीट्यूशनल इंवेस्टमेंट्स के जरिए निवेश 3.1 बिलियन डॉलर पर पहुंच गया. इसी महीने NDA सरकार ने लोकसभा चुनाव में लगातार तीसरी बार जीत हासिल की. जून में ही दुनिया के पांचवें सबसे बड़े शेयर बाजार में साल का सबसे अच्छा मंथली गेन देखने को मिला.
फाइनेंशियल सर्विसेज में इनफ्लो के साथ बैंकिंग शेयरों में भी तेजी देखने को मिली. निफ्टी बैंक महीने के दौरान 6.8% बढ़ा. जबकि निफ्टी फाइनेंशियल सर्विसेज में 7.84% की तेजी आई.
लगातार दो महीने के आउटफ्लो के बाद जून में नेट इनफ्लो देखने को मिला है. नेशनल सिक्योरिटीज डिपॉजिटरी लिमिटेड के डेटा के मुताबिक FIIs की ओर से मई में 3.1 बिलियन डॉलर का आउटफ्लो देखा गया था. डेटा में दिखा कि इस साल में अब तक विदेशी निवेशकों ने 244 मिलियन डॉलर की भारतीय इक्विटी खरीदी है.
जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज में चीफ इंवेस्टमेंट स्ट्रैटजिस्ट वीके विजयकुमार ने वीकली नोट में कहा कि BJP को उम्मीद के मुताबिक जीत का मार्जिन नहीं मिलने के बावजूद राजनीतिक स्थिरता और DII और रिटेल निवेशकों की ओर से मजबूत इनफ्लो देखा गया. उनके मुताबिक इसी वजह से FPIs ने भारत में खरीदारी की.
इस बीच विदेशी निवेशक टेलीकम्युनिकेशंस और कंज्यूमर सर्विसेज को लेकर बुलिश हैं. इनमें क्रमश: 952 मिलियन डॉलर और 563 मिलियन डॉलर का इनफ्लो देखने को मिला. महीने के दौरान FIIs ने सबसे ज्यादा मेटल और माइनिंग से विद्ड्रॉ किया.
जून के दौरान कंस्ट्रक्शन, ऑयल, गैस, कंज्यूमेबल फ्यूल्स और पावर कंपनियों के आउटफ्लो में भी बड़ा आउटफ्लो देखने को मिला.