दिग्गज निवेशक वॉरेन बफेट (Warren Buffett) से दुनिया इन्वेस्टमेंट के फंडे लेती आ रही है. लेकिन हेलियोस कैपिटल के फाउंडर समीर अरोड़ा का मानना है कि बीते दो साल में बड़ी कैश होल्डिंग के चलते बफेट को 60 बिलियन डॉलर का 'नुकसान' हुआ है.
दरअसल अरोड़ा पार्ट कैश होल्डिंग की प्रासंगिकता पर चर्चा कर रहे थे. उनका मानना है कि बड़ी मात्रा में कैश होल्ड करने के चलते बफेट बीते दो साल में अमेरिकी बाजार की तेजी का फायदा उठाने से चूक गए. वे अगर कंपनी के बुक्स में मौजूद कैश का निवेश कर देते तो उन्हें 60 बिलियन डॉलर का मुनाफा हो सकता था.
अरोड़ा ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लिखा, 'वॉरेन बफेट के पास फिलहाल 280 बिलियन डॉलर कैश है. कंफर्म तो नहीं कह सकता, लेकिन मान लेते हैं कि एप्पल और BAC में उनकी हालिया बिकवाली से पहले उनके पास 150 बिलियन डॉलर कैश था. बीते 2 साल में अमेरिकी बाजार 50% चढ़ चुका है. इसलिए उन्होंने बाजार में निवेश ना करने के चलते 150 बिलियन डॉलर पर 40% का नुकसान उठाया (ट्रेजरीज में इन्वेस्टमेंट से 5% सालाना की कमाई भी की), जो करीब 60 बिलियन डॉलर होता है.'
बता दें हेलियोस कैपिटल के ग्लोबल फंड ने बर्कशायर A और B ग्रुप शेयर्स में इन्वेस्ट किया हुआ है.
अरोड़ा ने आगे कहा, 'अब उनके पास 280 बिलियन डॉलर का कैश है. इसलिए अगर वो 60 बिलियन डॉलर के गंवाए हुए मौके की रिकवरी करना चाहते हैं, तो उनके ब्रेक इवन पर पहुंचने के लिए बाजार को 20% गिरना होगा. रियल वैल्यू क्रिएट करने के लिए बाजार में 30% गिरावट की जरूरत पड़ेगी.'
हालांकि अरोड़ा ने साफ कहा कि वे कैश होल्ड करने के लिए बफेट की आलोचना नहीं कर रहे हैं.
X पर लिखे टिप्पणी के जवाब में अरोड़ा ने कहा, 'मैं उनकी आलोचना नहीं कर रहा हूं, लेकिन मार्केट में निवेश को टाइम करना बहुत मुश्किल होता है. टाइमिंग के बजाए स्टॉक या सेक्टर्स को चेंज करना बेहतर होता है. मैंने खुद कई बार टाइम करने की कोशिश की है. ज्यादातर बड़े इवेंट्स के दौरान. ओवरऑल वैल्यूएशन पर नहीं. लेकिन ये तरीका काम करता हुआ नजर नहीं आता.'
अरोड़ा आगे कहते हैं कि 'पार्ट कैश होल्ड करने के साथ दूसरी समस्या भी है. आप सुबह क्या प्रार्थना करते हैं? मार्केट नीचे चला जाए, क्योंकि आपके पास कुछ कैश है या फिर मार्केट ऊपर जाए क्योंकि आपका बाजार में बड़ा निवेश है. ये आपके और भगवान दोनों के लिए बड़ा कंफ्यूजन भरा हो सकता है.'