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हिंडनबर्ग एक छोटा सा ब्रोकरेज, जो शॉर्ट सेल करता है, ज्यादा तवज्जो देने की जरूरत नहीं: मनीष चोखानी

चोखानी ने कहा कि मुझे याद है कि अतीत में भी लोग डर जाते थे, जब इकोनॉमिस्ट या न्यूयॉर्क टाइम्स में भारत के लिए कोई बुरा आर्टिकल लिखा जाता था, लेकिन हमने इसकी परवाह नहीं की.
NDTV Profit हिंदीमोहम्मद हामिद
NDTV Profit हिंदी02:36 PM IST, 13 Aug 2024NDTV Profit हिंदी
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'हिंडनबर्ग जैसी रिपोर्ट को तवज्जो देना बिल्कुल बेमानी है. ये कहना है एनाम सिक्योरिटीज के डायरेक्टर मनीष चोखानी का, NDTV प्रॉफिट के साथ एक इंटरव्यू में उन्होंने भारतीय बाजारों, ग्लोबल बाजारों, जियो पॉलिटिल हालातों समेत कई मुद्दों पर चर्चा की.

उन्होंने कहा कि भारत के बारे में पहले भी कई रिपोर्ट्स आईं, कई बुरी बातें लिखी गईं, लेकिन इससे कोई फर्क नहीं पड़ा. बाजार ने देखा है कि कोई ब्रोकेरज एक आर्टिकल लिखता है और उससे मुनाफा कमाता है. देश अपनी चाल से चल रहा है और अपनी मंजिल तक पहुंचेगा, किसी को पसंद हो या न हो.'

हिंडनबर्ग कोई मायने नहीं रखता है

मनीष चोखानी का कहना है कि भारत 52वीं रैंकिंग से आज नंबर 4 की पायदान पर पहुंचा है, ये आपके आत्मविश्वास को दर्शाता है, इससे फर्क नहीं पड़ता कि किसी ने अतीत में आपके लिए क्या और कितना बुरा लिखा, हिंडनबर्ग की तो बात ही छोड़िए, ये तो एक छोटा सा ब्रोकेरज है, जो शॉर्टसेल करता है और वाकई कोई मायने नहीं रखता है'.

चोखानी ने कहा कि मुझे याद है कि अतीत में भी लोग डर जाते थे, जब इकोनॉमिस्ट या न्यूयॉर्क टाइम्स में भारत के लिए कोई बुरा आर्टिकल लिखा जाता था, लेकिन हमने इसकी परवाह नहीं की.

चोखानी ने इस परिस्थिति को समझाने के लिए इसकी तुलना IPL से की, UK और ऑस्ट्रेलिया के कमेंटेटर्स भारत की बैटिंग और बॉलिंग के लिये क्या लिख रहे हैं, इससे कोई फर्क नहीं पड़ता. ऐसा ही कुछ इस समय हो रहा है. ये देश जहां भी बिल्कुल सही है, हमने अपनी ग्रोथ का एक रास्ता तय किया है.

हमने देखा है कि कोई ब्रोकरेज आर्टिकल लिखता है और उससे मुनाफा कमाता है, किसी को भी इनको तवज्जो देने की जरूरत नहीं है. उन्होंने कहा कि 'हमारे रेगुलेटर्स ने इस मामले में (हिंडनबर्ग रिपोर्ट) में सराहनीय और शानदार काम किया है.

रेटिंग एजेंसीज पर भी सवाल

मनीष चोखानी ने रेटिंग एजेंसीज को भी सवालों के घेरे में खड़ा किया. उन्होंने कहा कि अगर रेटिंग एजेंसी भारत को BBB+ रेटिंग देना जारी रखती हैं तो वो ट्रेंड्स से पिछड़ रही हैं, क्योंकि UK जहां फिस्कल डेफिसिट 5% और करंट अकाउंट डेफिसिट 3% है, बावजूद इसके ऊंची रेटिंग दी जाती है. उन्होंने कहा कि बाजार आपको ये बताता है कि भारतीय लोग लैंड UK की इकोनॉमी को सपोर्ट कर रहे हैं, चाहे वो लैंड रोवर खरीदकर हो या फिर जो सुनील भारती मित्तल ने किया.'

आपको बता दें कि सुनील भारती मित्तल ने ब्रिटेन की सबसे बड़ी टेलीकॉम कंपनी BT ग्रुप में 24.5% हिस्सेदारी खरीदने का ऐलान किया है.

'भारतीय बाजार ज्यादा लचीले हुए'

उन्होंने भारतीय बाजारों की बीते 18 महीने की चाल को ध्यान में रखते हुए कहा कि 'ग्लोबल मार्केट्स में जो कुछ होता है, उस पर भारतीय बाजारों की प्रतिक्रिया में एक बड़ा बदलाव देखने को मिला है. अभी तक अगर ग्लोबल मार्केट्स में 5% का करेक्शन आता था, तो भारतीय बाजार 10% टूट जाते थे. लेकिन हाल के दिनों में ये पैटर्न बदला है और भारतीय बाजार ज्यादा ललीचे हो गए हैं.'

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