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वेदांता को हिंदुस्तान जिंक से 6,741 करोड़ रुपये का डिविडेंड मिल सकता है?

वेदांता प्रोमोटर्स ने होल्डिंग कंपनी की बैलेंस शीट को डीलेवरेज यानी बैलेंसशीट से कर्ज का बोझ कम करने की कोशिश में भारत में लिस्टेड ब्रांच वेदांता लिमिटेड में भी अपनी हिस्सेदारी बेची है.
NDTV Profit हिंदीसजीत मंघाट
NDTV Profit हिंदी09:09 AM IST, 18 Jul 2024NDTV Profit हिंदी
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नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT) की जयपुर बेंच की ओर से जनरल रिजर्व को आय (retained earnings) में ट्रांसफर करने की मंजूरी के बाद हिंदुस्तान जिंक (Hindustan Zinc Ltd.) 24.5 रुपये प्रति शेयर तक के स्पेशल डिविडेंड का ऐलान कर सकती है.

NCLT का फैसला, खोलेगा डिविडेंड का रास्ता

हिंदुस्तान जिंक 10,383.15 करोड़ रुपये को आय में (retained earnings) में ट्रांसफर करेगी, जो कि जनरल रिजर्व में रखे गए थे. इसके बाद कंपनी वो इस रकम को अपने शेयरधारकों में बांट पाएगी. जून के आंकड़ों तक, हिंदुस्तान जिंक में वेदांता की हिस्सेदारी 64.9% थी, जबकि भारत सरकार की हिस्सेदारी 29.54% थी.

अनिल अग्रवाल के पास वेदांता लिमिटेड में 59.32% हिस्सेदारी है, उनके भी डिविडेंड का ऐलान करने की संभावना है, जो डिविडेंड को वेदांता रिसोर्सेज (Vedanta Resources Plc.) को वापस भेजने की इजाजत और जिसका इस्तेमाल कर्ज को और कम करने के लिए किया जाएगा.

चालू वित्त वर्ष की शुरुआत से वेदांता रिसोर्सेज ने अपना कर्ज 650 मिलियन डॉलर कम किया है. प्रोमोटर्स ने अपनी होल्डिंग कंपनी की बैलेंस शीट को डीलेवरेज यानी बैलेंसशीट से कर्ज का बोझ कम करने की कोशिश में भारत में लिस्टेड ब्रांच वेदांता लिमिटेड में भी हिस्सेदारी बेची है. इसने हाल ही में अपने कैपेक्स के लिए $1.02 बिलियन या लगभग 8,300 करोड़ रुपये का QIP भी किया.

किसको कितना डिविडेंड?

NDTV प्रॉफिट की कैलकुलेशन के मुताबिक, वेदांता को 6,741 करोड़ रुपये तक का डिविडेंड मिल सकता है, जो कि कंपनी के लिए करीब 16 रुपये प्रति शेयर है. भारत सरकार को 3,066.67 करोड़ रुपये मिल सकते हैं. ये डिविडेंड पेमेंट बोर्ड और शेयरधारकों की मंजूरी के बाद ही मिलेंगे.

माइनॉरिटी शेयरहोल्डर्स, यानी आम जनता के पास कंपनी में 5.5% से कुछ ज्यादा की हिस्सेदारी है, बाकी हिस्सेदारी प्रोमोटर के रूप में अनिल अग्रवाल की वेदांता और पब्लिक शेयरहोल्डर के रूप में भारत सरकार के पास है.

NCLT का आदेश कंपनी की बुक में जनरल रिजर्व में रखे गए उस मुनाफे को बांटने का रास्ता खोलता है, जिसका इस्तेमाल अभी नहीं किया गया है. कंपनीज एक्ट के मुताबिक, डिविडेंड का भुगतान केवल रखी गई कमाई से ही किया जा सकता है. हिंदुस्तान जिंक ने मार्च 2024 के अंत में 4,032 करोड़ रुपये की कमाई बरकरार (retained earnings) रखी थी, जिसे इस साल मई में घोषित प्रति शेयर 10 रुपये के अंतिम डिविडेंड के रूप में बांटा गया था.

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