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रेमंड का FMCG बिजनेस खरीदने से गोदरेज को क्या फायदा होगा?

गोदरेज कंज्यूमर के लिए इस डील के बड़े मायने हैं. इस डील के बाद रेमंड कंज्यूमर के बड़े ब्रैंड्स जैसे - पार्क एवेन्यू परफ्यूम्स, कामसूत्र कॉन्डोम, KS डिओडेरेंट्स, ये सबकुछ अब गोदरेज के पास चला जाएगा.
NDTV Profit हिंदीसेसा सेन
NDTV Profit हिंदी10:14 AM IST, 28 Apr 2023NDTV Profit हिंदी
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गौतम सिंघानिया की कंपनी रेमंड (Raymond Ltd.) ने गुरुवार को ऐलान किया कि वो अपना कंज्यूमर केयर बिजनेस बेचेंगे और गोदरेज कंज्यूमर प्रोडक्ट्स (Godrej Consumer Products Ltd.) रेमंड कंज्यूमर केयर (Raymond Consumer Care Ltd.) का कंज्यूमर गुड्स बिजनेस खरीदेगी.

ये डील 2,825 करोड़ रुपये में होगी और 10 मई तक इस डील के पूरा होने की उम्मीद है. रेमंड के पास 100 करोड़ रुपये की कैश बुक है, मतलब गोदरेज कंज्यूमर के लिए डील की वास्तविक लागत 2725 करोड़ रुपये होगी.

इस डील के क्या मायने हैं

अब इस डील के दोनों बिजनेस घरानों के लिए क्या मायने हैं, इससे गोदरेज कंज्यूमर को क्या फायदा होगा और रेमंड को इस डील से क्या मिलेगा.

रेमंड की हाउसहोल्ड और पर्सनल केयर प्रोडक्ट्स मार्केट्स में अच्छी पकड़ है, जब ये पूरा बिजनेस गोदरेज कंज्यूमर को मिलेगा तो उसकी पकड़ इस तेजी से बढ़ते मार्केट पर बढ़ेगी.

गोदरेज कंज्यूमर प्रोडक्ट्स के मुख्य कार्यकारी अधिकारी सुधीर सीतापति का कहना है कि 'इस अधिग्रहण से हमें अपने बिजनेस पोर्टफोलियो और ग्रोथ स्ट्रैटजी को कम पहुंच वाली कैटेगरी के साथ बढ़ाने का मौका मिलेगा, जिसमें लंबी अवधि की ग्रोथ है.'

गोदरेज के लिए इस डील की वैल्यूएशन पर गोदरेज कंज्यूमर्स के चीफ फाइनेंशियल ऑफिसर समीर शाह का कहना है कि 'कंपनी इस डील के लिए 2725 करोड़ रुपये नेट कैश देगी, लेकिन जो वास्तविक वैल्यू होगी वो 2324 करोड़ रुपये है. क्योंकि ये डील स्लम्प सेल के जरिए हुई है, जिससे हमें 400 करोड़ रुपये की टैक्स की बचत होगी. इस तरह इसमें सेल्स की 3.75 गुना वैल्यू निकलकर आती है.'

कई दिनों से चल रही थी कोशिश

रेमंड एक टेक्सटाइल और रियल एस्टेट कंपनी है, जिसकी सहयोगी कंपनी है रेमंड कंज्यूमर केयर. रेमंड ग्रुप की कंज्यूमर केयर बिजनेस में 47.66% हिस्सेदारी है, पिछले वित्त वर्ष में कंपनी की सालाना सेल्स 622 करोड़ रुपये रही थी. सिंघानिया परिवार अपने कंज्यूमर केयर बिजनेस को बेचने के लिए बीते दो सालों में कई कंपनियों से बात कर रहा था.

पिछले साल इनकी बातचीत डायरेक्ट-टू-कंज्यूमर ब्यूटी और पर्सनल केयर ग्रुप Good Glamm Group से बातचीत चल रही थी. लेकिन डील नहीं हो सकी, शायद वैल्यूशएन को लेकर डील अटक गई.

FY22 में, रेमंड का एबिटा मार्जिन ने 6% आया, जो कि गोदरेज कंज्यूमर के 19.5% के एबिटा मार्जिन से काफी कम रहा, लेकिन सीतापति ने कहा कि दोनों बिजनेस का ग्रॉस मार्जिन बराबर है. उन्होंने कहा कि समय के साथ, शायद जल्द हमारा अनुमान है कि ये बिजनेस (रेमंड) एबिटा मार्जिन हासिल कर लेगा, और फिर इन कैटेगरीज की प्रकृति को देखते हुए शायद GCPL से भी ज्यादा हो जाएगा.'

सीतापति ने कहा कि अगर हम कंपनी के एबिटा को गोदरेज कंज्यूमर के स्तर तक ला सकते हैं, और नए अधिग्रहण वाले बिजनेस को 10% या मिड-टींस तक बढ़ा सकते हैं, जो मुझे लगता है कि हम कर लेंगे, तो ये हमारे लिए एक अच्छा अधिग्रहण होगा.' भारत में, गोदरेज कंज्यूमर को साबुन सेगमेंट की अच्छी पकड़ है.

हालांकि गोदरेज कंज्यूमर ने अभी ये नहीं बताया है कि वो अधिग्रहण के लिए पैसा कहां से लाएंगे, इसकी बुक्स में मोटे तौर पर 2,000 करोड़ रुपये की नकदी है. सीतापति ने कहा- हम अगले कुछ दिनों में इसका रास्ता निकाल लेंगे.'

इस डील से गोदरेज को क्या मिलेगा

इस डील के लिए गोदरेज कंज्यूमर के बड़े मायने हैं. इस डील के बाद रेमंड कंज्यूमर के बड़े ब्रैंड्स जैसे - पार्क एवेन्यू परफ्यूम्स, कामसूत्र कॉन्डोम, KS डिओडेरेंट्स, ये सबकुछ अब गोदरेज के पास चला जाएगा. इसका सीधा मतलब ये है कि गोदरेज अब दो सबसे पॉपुलर कैटेगरीज - मेंस पर्सनल केयर और सेक्सुअल वेलनेस में एंट्री करेगा. अभी गोदरेज जिन कैटेगरीज में है, वो साबुन, लॉन्ड्री डिटर्जेंट, हेयर कलर, घरेलू कीटनाशक, एयर केयर है. इनमें गोदरेज की पहले से ही अच्छी पकड़ है.

सीतापति के मुताबिक, भारतीय डिओडेरेंट बाजार लगभग 6,000 करोड़ रुपये का है, जिसमें से दो तिहाई पर पुरुष वर्ग का दबदबा है. उन्होंने कहा कि कमर्शियल कॉन्डोम का बाजार लगभग 1,200 करोड़ रुपये का है, जो दो डिजिट में बढ़ रहा है.

डबल डिजिट ग्रोथ की क्षमता

सीतापति ने कहा कि इसके जैसे दूसरे उभरते बाजारों की तुलना में भारत में डिओडोरेंट की प्रति व्यक्ति कम खपत और कॉन्डोम कैटेगरी को प्रीमियम बनाने के अवसर को देखते हुए, इन कैटेगरी में डबल डिजिट ग्रोथ की संभावना है.

हालांकि, डिओडेरेंट्स मार्केट में गोदरेज के लिए चुनौती आसान नहीं है, क्योंकि हिंदुस्तान यूनिलीवर लिमिटेड और ITC जैसे बड़े खिलाड़ियों के साथ भारतीय डिओडेरेंट बाजार में कंपटीशन बहुत तगड़ा है.

रेमंड कॉन्ट्रैक्ट मैन्युफैक्चरिंग जारी रखेगी

इस डील के हिस्से में महाराष्ट्र के औरंगाबाद में प्रति वर्ष 40 करोड़ की क्षमता वाली रेमंड कंज्यूमर केयर की कॉन्डोम मैन्युफैक्चरिंग यूनिट नहीं है, इसके अलावा बाकी सभी का अधिग्रहण गोदरेज करेगी. रेमंड इन सभी ब्रैंड्स को कॉन्ट्रैक्ट बेसिस पर बनाना जारी रखेगी और उन्हें गोदरेज कंज्यूमर केयर को बेचेगी. ये घरेलू बाजार में बिजनेस टू बिजनेस बिक्री जारी रखने के अलावा इन ब्रैंड्स, खासतौर पर कॉन्डोम का एक्सपोर्ट भी जारी रखेगी, फिलहाल ये 25 से ज्यादा देशों में अभी इनका एक्सपोर्ट होता है.

सीतापति ने कहा कि रेमंड मेंस की डिओडेरेंट कैटेगरी में दूसरी सबसे बड़ी और ब्रैंडेड कॉन्डोम कैटेगरी में तीसरी सबसे बड़ी कंपनी है.

पार्क एवेन्यू और कामसूत्र दोनों शहरी भारत में एक खास ब्रैंड हैं, दोनों ब्रैंड मेंस ग्रूमिंग और सेक्सुअल वेलनेस में और आगे बढ़ाए जा सकते हैं. इसके अलावा कामसूत्र ब्रैंड के तहत KS Spark Deo भी उपभोक्ताओं के बीच अच्छी पहुंच रखता है.

हालांकि, नुवामा इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज के कार्यकारी निदेशक अवनीश रॉय के मुताबिक, 'ये मुख्यधारा के साबुन और शैम्पू बाजार में एक फ्रिंज या सीमांत खिलाड़ी है. इसलिए, डिओ में ओवरलैप होगा क्योंकि गोदरेज कंज्यूमर के पास सिंथॉल है.'

रेमंड की वित्त वर्ष 2022 की रिपोर्ट के मुताबिक केमिस्ट चैनल, मॉडर्न ट्रेड और ई-कॉमर्स में मजबूत पहुंच के साथ 6.5 लाख से अधिक रिटेलर्स में उपस्थिति है. दूसरी ओर गोदरेज कंज्यूमर की सीधी पहुंच 13 लाख आउटलेट्स और कुल 58 लाख आउटलेट्स तक है. रॉय ने कहा, 'लेकिन इन रिटेल स्टोर्स पर इन्हें जगह मिलना कितना आसान होगा, ये देखना अभी बाकी है.'

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