ह्युंदई मोटर इंडिया को लेकर खबरों का बाजार गर्म है, क्योंकि कॉरपोरेट गवर्नेंस रिसर्च और सलाहकार फर्म, स्टेकहोल्डर्स एम्पावरमेंट सर्विसेज (SES) ने निवेशकों को 31,528 करोड़ रुपये के संबंधित पार्टी लेनदेन के प्रस्तावों के पक्ष में मतदान नहीं करने की सलाह दी है.
ह्युंदई मोटर कंपनी के साथ संबंधित पार्टी लेनदेन (related party transactions) को छोड़कर, SES ने निवेशकों को बाकी 6 संस्थाओं के साथ संबंधित पार्टी लेनदेन के प्रस्ताव के खिलाफ मतदान करने की सलाह दी है. दूसरी तरफ, एक अन्य सलाहकार फर्म इन्वेस्टर एडवाइजरी सर्विसेज ने सभी सात संस्थाओं के लिए संबंधित पार्टी लेनदेन की मंजूरी के पक्ष में मतदान किया है.
हर बार जब कोई कंपनी शेयर बाजार में लिस्ट होती है, तो उसे संबंधित पार्टी लेनदेन के लिए अपने नए शेयरधारकों से मंजूरी लेनी होती है. लेकिन ह्युंदई इंडिया और ग्रुप के भीतर वैश्विक स्तर पर इसकी अन्य संबंधित संस्थाओं की सप्लाई चेन के बीच क्या संबंध है? ह्युंदई की भारत यूनिट के रेवेन्यू में इनमें से कुछ संस्थाओं का हिस्सा क्या है? आइए एक नजर डालते हैं.
11 फरवरी, 2025 को एक एक्सचेंज फाइलिंग में ह्युंदई मोटर इंडिया ने हर कंपनी और उसके साथ ट्रांजैक्शन की कुल वैल्यू का जिक्र किया था. लेन-देन में सेवाओं का लाभ उठाना/देना, माल की खरीद/बिक्री, अचल संपत्तियों की खरीद वगैरह शामिल हो सकते हैं. ई-वोटिंग अगले दिन शुरू हुई और 13 मार्च, 2025 को शाम 5:00 बजे खत्म होगी.
ह्युंदई मोटर इंडिया ने जिन संस्थाओं का जिक्र किया वो इस तरह से हैं -
मोबिस: कुल मूल्य 12,525 करोड़ रुपये तक
ह्युंदई मोटर कंपनी: 4,607 करोड़ रुपये
ह्युंदई ट्रांसिस लीयर ऑटोमोटिव इंडिया: 2,556 करोड़ रुपये।
किया इंडिया: 5,824 करोड़ रुपये
HEC इंडिया: 3,000 करोड़ रुपये
ह्युंदई मोटर डी मेक्सिको S DE RL DE CV: 1,852 करोड़ रुपये
PT ह्युंदई मोटर मैन्युफैक्चरिंग इंडोनेशिया: 1,164 करोड़ रुपये
कई ब्रोकरेज रिपोर्ट के मुताबिक, वित्त वर्ष 2025 की पहली तिमाही में ह्युंदई इंडिया ने अपने पार्ट्स और रेवेन्यू का 37% (वित्त वर्ष 24 में 38%) संबंधित पक्षों से हासिल किया
मोबिस इंडिया अपने डीलर्स को बिक्री के बाद के पार्ट्स और एक्सेसरीज की सप्लाई करता है और भारत में ह्युंदई के लिए प्रमुख संस्थाओं में से एक है. इन सप्लाई आवश्यकताओं को पूरा करने में मोबिस की किसी भी विफलता का ग्राहकों को दी जाने वाली ऑफ्टर सेल सर्विस पर गलत असर पड़ सकता है, ह्युंदई मोटर इंडिया ने अपनी RHP में इसका जिक्र किया था. अब नजर इस बात पर होगी कि कंपनी को रिलेटेड पार्टी ट्रांजैक्शन के लिए शेयरहोल्डर की मंजूरी मिलती है या नहीं.