मशहूर निवेशक और मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज (Motilal Oswal Financial Services Ltd.) के चेयरमैन और को-फाउंडर रामदेव अग्रवाल ने कहा है कि भारतीय डिफेंस सेक्टर आने वाले समय में ऑटोमोबाइल सेक्टर जैसी सफलता हासिल कर सकती है. उन्होंने NDTV Profit से एक्सक्लूसिव बातचीत में ये बात कही.
रामदेव अग्रवाल ने कहा कि जैसे भारत ने दोपहिया और छोटी कारों की इंडस्ट्री में आत्मनिर्भरता पाई और आज दुनिया भर में निर्यात कर रहा है, वैसे ही अब डिफेंस सेक्टर भी उसी राह पर आगे बढ़ सकता है.
उन्होंने कहा, 'हीरो होंडा और मारुति ने ऑटो सेक्टर को खड़ा किया. पहले हम सिर्फ विदेशी तकनीक पर निर्भर थे, लेकिन अब खुद बना रहे हैं और बाहर भी बेच रहे हैं. डिफेंस सेक्टर में भी यही मॉडल अपनाया जा सकता है.
अग्रवाल ने कहा कि इस वक्त अमेरिका, चीन, रूस और कुछ यूरोपीय देशों के पास ही ज्यादातर रक्षा निर्माण की ताकत है. ऐसे में छोटे देशों को किफायती और भरोसेमंद हथियारों की जरूरत होगी.
उन्होंने कहा, 'भारत इस खाली जगह को भर सकता है और एक बड़ा निर्यातक बन सकता है.'
उन्होंने कहा कि भारत इस समय अमेरिका और चीन के बाद दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी सैन्य शक्ति बन चुका है, ताकत और रणनीतिक मौजूदगी, दोनों ही मामलों में.
हालांकि उन्होंने चेतावनी भी दी कि इस सेक्टर में सरकारी ऑर्डर्स की अनिश्चितता निजी कंपनियों को नुकसान पहुंचा सकती है.
उन्होंने कहा, 'जैसे ही युद्ध की आशंका कम होती है, सरकारें ऑर्डर रोक देती हैं. इससे प्राइवेट कंपनियों को नुकसान होता है. उन्हें ऑर्डर की स्पष्टता और लंबे समय की प्लानिंग चाहिए.'
उन्होंने बताया कि कई बार रक्षा कंपनियां एक साल अच्छा मुनाफा कमाती हैं, लेकिन अगले साल ऑर्डर नहीं मिलने से परेशान हो जाती हैं.
रामदेव अग्रवाल ने भारतीय अर्थव्यवस्था को लेकर भी सकारात्मक दृष्टिकोण जताया. उन्होंने कहा कि देश की बड़ी जनसंख्या और स्केल के कारण इसकी क्षमता लगातार बढ़ रही है.
उन्होंने कहा, 'ट्रेड फ्लो बढ़ेगा तो GDP भी तेजी से बढ़ेगी. दोनों के बीच सीधा संबंध है.'
अग्रवाल ने कच्चे तेल की कीमतों पर भी राय दी. उन्होंने कहा कि अगर आने वाले वर्षों में क्रूड ऑयल $65–70/बैरल के दायरे में बना रहता है, तो ये भारत के लिए गेम चेंजर साबित हो सकता है. ऐसा हुआ तो महंगाई काबू में रहेगी, रुपया स्थिर रहेगा और RBI को पॉलिसी में ज्यादा आजादी मिलेगी.