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बाजार की तेजी पर सवार भारत ने MSCI EM इंडेक्स में चीन को छोड़ा पीछे, अब फ्रांस की बारी

मॉर्गन स्टैनली ने 17 सितंबर को एक नोट में कहा कि MSCI IMI के मुताबिक भारत अब सबसे बड़ा EM मार्केट है.
NDTV Profit हिंदीNDTV Profit डेस्क
NDTV Profit हिंदी11:00 AM IST, 18 Sep 2024NDTV Profit हिंदी
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भारत ने MSCI इमर्जिंग मार्केट इंडेक्स में चीन को पीछे छोड़ दिया है. इससे भारत में भर-भरकर विदेशी निवेश आने की उम्मीद है. 2020 के बाद से बेंचमार्क इंडेक्स में दोनों देशों के वेटेज में अंतर लगातार कम हो रहा है, इसलिए भारत को इस घड़ी का लंबे समय से इंतजार था.

चीन का वेटेज 2021 के बाद तेजी से घटा

मॉर्गन स्टैनली ने 17 सितंबर को एक नोट में कहा कि MSCI IMI (investible large, mid and small cap) के मुताबिक भारत अब सबसे बड़ा EM मार्केट है. जबकि चीन का वेटेज 2021 में ऊंचाई पर पहुंचने के बाद तेजी से गिरा है.

ब्रोकरेज ने कहा कि भारत अब दुनिया का छठा सबसे बड़ा इमर्जिंग मार्केट है. ये फ्रांस से थोड़ा ही पीछे है. भारत का वेटेज 2.35 है, जबकि फ्रांस का वेटेज 2.38 है.

मॉर्गन स्टैनली ने कहा कि बेहद शानदार आउटपरफॉर्मेंस, नए इश्यू और लिक्विडिटी में सुधार को देखते हुए भारत का शेयर बढ़ता रहेगा. वो पैन-एशिया EM एसेट एलोकेशन में भारत पर 'overweight' और चीन पर 'underweight' बना हुआ है. भारत का नॉमिनल GDP ग्रोथ रेट मौजूदा समय में चीन के मुकाबले तीन गुना से ज्यादा है.

भारत की तेज ग्रोथ

भारत ने चीन को अहम समय पर पीछे छोड़ा है, जब अमेरिकी फेडरल रिजर्व की ओर से दरों में कटौती की उम्मीद है. अमेरिकी केंद्रीय बैंक के दरों में कटौती करने से इमर्जिंग मार्केट्स में इनफ्लो बढ़ेगा. भारत को इससे सबसे ज्यादा फायदा मिलने की उम्मीद है.

इमर्जिंग मार्केट्स में चीन का प्रभाव 2020 के बाद घटा है. उस समय MSCI EM इंडेक्स में ये 40% हिस्सा रखता था. जबकि भारत की मौजूदगी तेजी के साथ बढ़ी है. मई में EM इंडेक्स में भारत का वेटेज 18.8% से बढ़कर रिकॉर्ड 19.4% पर पहुंच गया था. जबकि चीन का वेटेज 25.4% से घटकर 24.2% पर आ गया था.

विदेशी निवेशकों पर भी होता है असर

इस महीने की शुरुआत में भारत चीन को पीछे छोड़ते हुए MSCI EM इन्वेस्टेबल मार्केट इंडेक्स में सबसे बड़ा वेट वाला देश बन गया था. MSCI इंडेक्स- मॉर्गन स्टैनली कैपिटल इंटरनेशनल इंडेक्स अंतरराष्ट्रीय निवेशकों के लिए बेंचमार्क है, जो कंपनियों के प्रदर्शन को दिखाता है. फॉरेन इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टर्स इस इंडेक्स से प्रभावित होते हैं.

सेंटिमेंट पर इसका असर पड़ सकता है कि घरेलू शेयर किस वैल्युएशन पर ट्रेड कर रहे हैं. भारत अपने प्रतिद्वंद्वियों के मुकाबले ज्यादा महंगा बाजार बना हुआ है. भारत में ब्रॉडर मार्केट बेंचमार्क इंडेक्स से ज्यादा महंगा है. निफ्टी के प्राइस-टू-अर्निंग्स रेश्यो की वैल्यू 24.4 है. जबकि स्मॉल कैप और मिड कैप इंडेक्स की वैल्यू 34.5.6 और 46.8 है.

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