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भारत की मैक्रो-इकोनॉमिक स्थिति मजबूत, अस्थिरता से डरने की जरूरत नहीं: प्रतीक अग्रवाल

मोतीलाल ओसवाल एसेट मैनेजमेंट कंपनी (Motilal Oswal) के मैनेजिंग डायरेक्टर प्रतीक अग्रवाल के मुताबिक, बाहरी अस्थिरता के बावजूद भारत की मैक्रो-इकोनॉमिक व्यवस्था मजबूत बनी हुई है और निवेशकों को शॉर्ट टर्म में बाजार की अस्थिरता से लंबी अवधि में अवसर पर असर नहीं होने देना चाहिए.
NDTV Profit हिंदीNDTV Profit डेस्क
NDTV Profit हिंदी10:08 AM IST, 03 May 2025NDTV Profit हिंदी
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मोतीलाल ओसवाल एसेट मैनेजमेंट कंपनी (Motilal Oswal) के मैनेजिंग डायरेक्टर और चीफ एक्जीक्यूटिव ऑफिसर प्रतीक अग्रवाल (Prateek Agrawal) के मुताबिक, बाहरी अस्थिरता के बावजूद भारत की मैक्रो-इकोनॉमिक व्यवस्था मजबूत बनी हुई है और निवेशकों को शॉर्ट टर्म में बाजार की अस्थिरता से लंबी अवधि में अवसर पर असर नहीं होने देना चाहिए.

भारत को अब भी फायदा हो रहा है: अग्रवाल

अग्रवाल का मानना ​​है कि हाल के महीनों में जो निराशा देखी गई है, वो बहुत ज्यादा है खासकर अब जबकि टैरिफ से जुड़ी वैश्विक बाधाएं कम हो रही हैं और घरेलू आय में बढ़ोतरी बरकरार है. अग्रवाल ने हाल ही में NDTV प्रॉफिट से बातचीत में कहा, 'भारत को अब भी फायदा हो रहा है. तेल की कीमतों में भारी गिरावट आई है. रुपया दिसंबर 2024 के स्तर पर वापस आ गया है और डॉलर इंडेक्स अब 100 से नीचे है.'

उन्होंने भारतीय इक्विटी के हालिया खराब प्रदर्शन के लिए अमेरिकी बॉन्ड यील्ड में उछाल, मुद्रा में उतार-चढ़ाव और यील्ड-केंद्रित वैश्विक रणनीतियों के कारण विदेशी निवेशकों के आउटफ्लो जैसी कई वजहों को जिम्मेदार ठहराया.

विदेशी निवेशकों की वापसी: अग्रवाल

अग्रवाल ने कहा, 'बॉन्ड यील्ड में गिरावट शुरू हो गई है, तेल में भारी गिरावट आई है और विदेशी निवेशक वापस आ रहे हैं. भारत ने जितना संभव हो सके उतना अच्छा प्रदर्शन किया है. इसे वैश्विक स्तर पर अच्छा प्रदर्शन करना चाहिए.'

उन्होंने माना कि आयात शुल्क में वृद्धि के कारण पश्चिम में मंदी ने वैश्विक व्यापार और निर्यात को प्रभावित किया है. फिर भी, उनके विचार में भारत की घरेलू कहानी काफी हद तक अछूती है. उन्होंने कहा, 'परिणामों में कुछ मंदी है, लेकिन हमें सूचकांक से परे देखना होगा. मजबूत वृद्धि देखने वाले कई क्षेत्र सार्थक तरीके से सूचकांक का हिस्सा भी नहीं हैं.'

अग्रवाल ऐसे शेयरों को प्राथमिकता देते हैं जो भारत के नए विकास इंजनों की ओर बदलाव को दिखाते हैं. इनमें इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग सर्विसेज, रीन्युएबल एनर्जी, न्यू एज टेक्नोलॉजी, लग्जरी कंजप्शन और वेल्थ मैनेजमेंट जैसे क्षेत्र शामिल हैं.

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