ITC लिमिटेड से अलग होकर बनी कंपनी ITC होटल्स की बाजार में फीकी एंट्री हुई है. NSE पर 260 रुपये के डिस्कवर्ड प्राइस (ITC discovered price) से 30.7% डिस्काउंट के साथ 180 रुपये पर लिस्ट हुई है, जबकि BSE पर डिस्कवर्ड प्राइस 270 रुपये से 30.4% डिस्काउंट के साथ 188 रुपये पर लिस्ट हुई है. NSE की ओर से सुबह 9:15 बजे से 9:45 बजे तक एक स्पेशल ट्रेडिंग सेशन में इसकी प्री-ओपन प्राइस डिस्कवरी की गई.
डीमर्जर के बाद नई यूनिट NSE पर 26 रुपये और BSE पर 27 रुपये की निष्क्रिय कीमत पर निफ्टी 50 और सेंसेक्स का हिस्सा बनी रही. होटल के शेयरों को लिस्टिंग के तीसरे दिन क्लोजिंग के बाद ही इंडेक्स से हटाया जाएगा. अगर ITC होटल्स का शेयर प्राइस पहले दो दिनों में सर्किट मारता है, तो इंडेक्स से बाहर नहीं होगा इसे अगले तीन दिनों के लिए टाल दिया जाएगा.
नियम कहता है कि अगर ITC होटल्स का शेयर पहले दो दिन अपर या लोअर सर्किट हिट करता है, तो ट्रेडिंग को अगले 3 दिनों तक आगे एक्सटेंड किया जाएगा. इसके बाद अगर ITC होटल्स का शेयर अगले दो दिनों तक कोई सर्किट हिट नहीं करता है तो तीसरे दिन ये इंडेक्स से बाहर हो जाएगा, भले ही तीसरे दिन शेयर में अपर सर्किट लग जाए.
इम्पलाइ़ड प्राइस पर ITC होटल्स का मार्केट कैप करीब 54,000-56,000 करोड़ रुपये था, लिस्टिंग पर, ये मार्केट कैप के हिसाब से दूसरी सबसे बड़ी होटल कंपनी है, और एबिटा के 41-43 मल्टीपल 12-महीने के फॉरवर्ड एंटरप्राइज वैल्यू के साथ सबसे महंगी है. नुवामा अल्टरनेटिव के मुताबिक, बेंचमार्क इंडेक्स से बाहर होने की वजह से 165 मिलियन डॉलर का पैसिव आउटफ्लो देखने को मिलेगा. ये आउटफ्लो इंडिकेटिव मार्केट कैप का करीब 2.6% है.
ITC अगस्त 2023 में होटल बिजनेस को डीमर्ज करने का प्रस्ताव लाई थी. इस डीमर्जर स्कीम के तहत, ITC होटल्स लिमिटेड में ITC लिमिटेड के पास 40% हिस्सेदारी रहेगी. बाकी 60% हिस्सेदारी ITC शेयरहोल्डर्स के पास जाएगी.
होटल बिजनेस को अलग करने से ITC होटल्स 140 होटलों और 12,965 कमरों के साथ भारत की दूसरी सबसे बड़ी होटल चेन बन जाएगी. कंपनी के पास पाइपलाइन में 4,300 कमरों के साथ अन्य 46 होटल हैं जो मार्च 2030 तक चालू हो जाएंगे, जिससे 17,265 कमरों के साथ प्रॉपर्टीज की कुल संख्या 186 हो जाएगी.