जेपी मॉर्गन (JPMorgan Chase & Co.) अपने बेंचमार्क इमर्जिंग मार्केट इंडेक्स (Emerging Markets Index) में भारतीय सरकारी बाॅन्ड को शामिल करेगी. इस बहुप्रतीक्षित कदम से देश के डेट मार्केट में करोड़ों डॉलर का इनफ्लो बढ़ सकता है.
इंडेक्स-प्रोवाइडर 28 जून , 2024 से शुरू होने वाले जेपी मॉर्गन सरकारी बॉन्ड इंडेक्स-इमर्जिंग मार्केट्स में भारतीय बॉन्ड्स को जोड़ेगा. कंपनी की ओर से जारी बयान के मुातबिक, जे पी मॉर्गन इंडेक्स पर भारतीय बॉन्ड्स का अधिकतम वेट 10% होगा.
इंंडेक्स रिसर्च की ग्लोबल हेड ग्लोरिया किम की अगुवाई वाली टीम ने एक बयान में कहा, 'भारत सरकार द्वारा 2020 में FAR प्रोग्राम की शुरुआत और विदेशी पोर्टफोलियो निवेश में सहायता के लिए पर्याप्त मार्केट रिफॉर्म्स के बाद ये कदम उठाया गया है.' टीम ने कहा कि सर्वे में शामिल लगभग तीन-चौथाई बेंचमार्क निवेशक, भारत को इंडेक्स में शामिल करने के पक्ष में थे.
एक प्रमुख ग्लोबल इंडेक्स में भारत के शामिल होने से दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था तक वैश्विक निवेशकों की पहुंच बढ़ेगी, जो इस क्षेत्र में सबसे अधिक रिटर्न प्रदान करती है. HSBC होल्डिंग्स के अनुसार, इससे भारत में 30 बिलियन डॉलर तक का इनफ्लो बढ़ सकता है.
हाल के महीनों में उम्मीदें बढ़ रही थीं कि भारत को इंटरनेशनल गेजों में जोड़ा जा सकता है क्योंकि प्रोवाइडर इंडेक्स कंस्टीट्यू्एंट्स में विविधता लाना चाहते हैं.
यूक्रेन पर रूस के आक्रमण के कारण इसके इंडेक्स में गिरावट देखी गई, जबकि चीन की बिगड़ती आर्थिक समस्याओं ने देश के सॉवरेन डेट की चमक को फीका कर दिया है.
इसने भारत को दुनिया के आखिरी बड़े उभरते बाजार के रूप में छोड़ दिया है, जो ग्लोबल डेट इंडेक्स में चीन जैसे अन्य देशों में शामिल नहीं हुआ है.
भारत में सरकार टैक्स नीतियों में बदलाव करने में काफी हद तक समझौता नहीं कर रही है, जिससे सॉवरेन बॉन्ड्स को ग्लोबल इंडेक्स में जोड़ना आसान हो जाएगा. एक अन्य बड़े उभरते बाजार कोरिया ने विदेशियों की पहुंच को सुविधाजनक बनाने के लिए यूरोक्लियर बैंक SA के साथ एक सर्वव्यापी खाता (Omnibus Account) खोलने के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर किए.
फिर भी, मार्च में जेपी मॉर्गन ने कहा कि भारत के इंडेक्स-योग्य, हाई-यील्डिंग वाले सरकारी बाॅन्ड्स को जोड़ने के लिए समर्थन, उसके सर्वे में 60% तक बढ़ गया है, जो पिछले वर्ष 50% था. क्लियरिंग कॉर्प ऑफ इंडिया के आंकड़ों के अनुसार, इस इंक्लूशन की उम्मीद में फॉरेन इन्वेस्टर्स ने ऐसे बाॅन्ड्स में अपनी हिस्सेदारी 2022 के अंत में 7.4 बिलियन डॉलर से बढ़ाकर करीब 12 बिलियन डॉलर कर दी है.