वेदांता (Vedanta Ltd.) पर कर्जों का बोझ कम करने के लिए, कंपनी के चेयरमैन अनिल अग्रवाल (Anil Agarwal) कई तरह के विकल्पों पर विचार कर रहे हैं. ब्लूमबर्ग ने मामले की जानकारी रखने वाले सूत्रों के हवालों से बताया है कि, इसमें वेदांता में माइनॉरिटी हिस्सेदारी बेचना भी शामिल है.
मामले की जानकारी रखने वालों ने पहचान जाहिर नहीं करने की शर्त पर बताया कि अनिल अग्रवाल वेदांता (Vedanta Ltd.) में कम से कम 5% हिस्सेदारी को बेचने की संभावनाएं तलाश रहे हैं. हालांकि अगर पैसा जुटाने का कोई दूसरा रास्ता नहीं निकलता है तो, अनिल अग्रवाल के लिए हिस्सेदारी बेचना आखिरी विकल्प होगा.
ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के बाद वेदांता के शेयरों में लगातार गिरावट जारी है, आज भी इसका शेयर 5.6% तक टूटा है, जो बीते तीन हफ्तों में सबसे ज्यादा है. 10 दिन पहले तक वेदांता का शेयर 280 रुपये के आस-पास ट्रेड कर रहा था. बीते एक महीने में वेदांता का शेयर करीब 10% तक टूट चुका है. कंपनी की मार्केट वैल्यू अभी 12.2 बिलियन डॉलर है, इस हिसाब से 5% हिस्सा बिक्री की वैल्यू 610 मिलियन डॉलर होगी.
ब्लूमबर्ग ने इस महीने की शुरुआत में खबर दी थी कि अनिल अग्रवाल की वेदांता रिसोर्सेज (Vedanta Resources Ltd.), जो कि वेदांता लिमिटेड में 70% हिस्सेदारी रखती है, 1 बिलियन डॉलर के लोन के लिए कम से कम तीन बैंकों के साथ संपर्क में है. मामले की जानकारी रखने वाले लोगों ने बताया कि बातचीत अभी चल रही है और लेकिन कोई फैसला अबतक नहीं हो पाया है.
ब्लूमबर्ग की ओर से इस मामले पर जब कंपनी से जवाब मांगा गया तो कंपनी के प्रतिनिधियों ने कहा कि - 'वेदांता लिमिटेड में किसी भी तरह की हिस्सा बिक्री की खबर असत्य और आधारहीन है'
ब्लूमबर्ग इंटेलीजेंस रिपोर्ट के मुताबिक - वेदांता रिसोर्सेज को अपनी सब्सिडियरी हिंदुस्तान जिंक (Hindustan Zinc Ltd.) से मिलने वाले डिविडेंड का इंतजार है, जिससे वो 400 मिलियन डॉलर के बॉन्ड्स जिसे भुगतान की तारीख अप्रैल में है, उसको पेमेंट करने में मदद मिलेगी. हिंदुस्तान जिंक ने मंगलवार को कहा था कि वो 26 रुपये प्रति शेयर के भाव पर अंतरिम डिविडेंड देगी जो कि कुल 1.3 बिलियन डॉलर बैठेगा.
दुनिया भर में बढ़ती ब्याज दरों ने कम रेटिंग वाले कर्जदारों जैसे कि वेदांता पर भारी कर्ज का बोझ डाला है. वेदांता ग्रुप ने जनवरी में अपनी सब्सिडियरी कंपनी हिंदुस्तान जिंक को 18 महीनों में 2.98 बिलियन डॉलर में जिंक मैन्यूफैक्चरिंग बिजनेस बेचने पर सहमति जताई थी, लेकिन भारत सरकार ने, जिसके पास हिंदुस्तान जिंक का लगभग 30% हिस्सा है, इस सौदे का कड़ा विरोध किया है.
कंपनी ने फरवरी में एक एक्सचेंज फाइलिंग में बताया है कि वेदांता रिसोर्सेज ने चालू वित्त वर्ष में अपने कर्जों में 2 बिलियन डॉलर की कमी की है और अगले दो वित्त वर्षों में 7.7 बिलियन डॉलर की कटौती करने की योजना है.