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चुनावी नतीजे और बाजार की जुगलबंदी; आंकड़ों की नजर से समझिए साल 2014, 2019 और 2024 में फर्क

बाजार उस नॉस्टेलजिया की उम्मीद कर रहा था, जो उसने 2019 में चुनाव के नतीजों के ऐलान के दिन देखा था. उस समय भी एग्जिट पोल में मोदी लहर उफान पर थी, PM मोदी की अगुवाई में BJP ने अकेले दम पर 303 सीटें जीतीं थीं.
NDTV Profit हिंदीमोहम्मद हामिद
NDTV Profit हिंदी07:09 PM IST, 04 Jun 2024NDTV Profit हिंदी
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भारतीय शेयर बाजार में आज जो हुआ, इसकी कल्पना किसी ने नहीं की थी, एग्जिट पोल की मोदी लहर पर सवार उम्मीदें आज सुबह बाजार खुलते ही धड़ाम हो गईं. निवेशकों और ट्रेडर्स को 10 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा की चपत लग गई. सोमवार को एग्जिट पोल के दम पर चढ़े बाजार मंगलवार को इतनी तेजी से नीचे गिरे कि किसी को संभलने का मौका नहीं मिला.

2019: रिकॉर्ड ऊंचाई भी, मुनाफावसूली भी

बाजार उस नॉस्टेलजिया की उम्मीद कर रहा था, जो उसने 2019 में चुनाव के नतीजों के ऐलान के दिन देखा था. उस समय भी एग्जिट पोल में मोदी लहर उफान पर थी, PM मोदी की अगुवाई में BJP ने अकेले दम पर 303 सीटें जीतीं थीं, इस बार इतिहास दोहराने की उम्मीद जरूर की जा रही थी, 2019 वाली ऊंचाई भले न छू सके, लेकिन BJP का प्रदर्शन 2019 के मुकाबले थोड़ा पीछे रह गया, यही बात बाजार को हजम नहीं हुई.

चलिए एक नजर डालते हैं साल 2019 में बाजार ने कैसा प्रदर्शन किया था, जब 23 मई 2019 को लोकसभा चुनाव के नतीजों का ऐलान किया जा रहा था. वो दिन भी भारी उतार-चढ़ाव वाला था.

मोदी सत्ता की वापसी की उम्मीद में बाजार तेजी के साथ खुले, सेंसेक्स शुरुआती कारोबार में ही 1,000 अंकों की तेजी के साथ पहली बार 40,000 के पार निकल गया, निफ्टी में भी 400 अंकों से ज्यादा की तेजी देखने को मिली थी, लेकिन इसके बाद जो बाजार दम फूला और अंत में सेंसेक्स निचले स्तरों से 1,300 अंक टूटकर 299 अंकों की कमजोरी के साथ 38,811.39 पर बंद हुआ.

निफ्टी भी ऊपरी स्तरों से 80 अंक गिरकर 11,657.05 पर बंद हुआ. इंट्राडे में सेंसेक्स ने 40,124.56 का उच्चतम स्तर छुआ था, जबकि निफ्टी ने उस समय 12,041.15 की ऊंचाई को छुआ था.

2014: नई ऊंचाई छूकर फिसला

अब एक नजर साल 2014 के नतीजों के ऐलान के दिन बाजार की चाल पर. 2004 से 2014 तक मननोहन सिंह की सरकार के बाद देश में बदलाव की मांग जोर पकड़ रही थी, नरेंद्र मोदी का चेहरा प्रधानमंत्री के तौर पर घर-घर प्रचलित हो चुका था. भ्रष्टाचार के आरोपों से घिर चुकी कांग्रेस की विदाई एग्जिट पोल में भी तय हो गई थी. इंतजार था नतीजों का. सत्ता में बदलाव तय था, देखना सिर्फ इतना था कि इस बदलाव का वजन कितना है. 16 मई, 2019, दिन शुक्रवार जब उस दिन भी शेयर बाजार खुले थे और नतीजों का ऐलान भी हो रहा था.

अबकी बार-मोदी सरकार की उम्मीद में सेंसेक्स ने पहली बार 25,000 का स्तर पार किया, सेंसेक्स ने नया शुरुआती कारोबार में ही 25,375.63 का नया लाइफ टाइम हाई बनाया. निफ्टी ने भी इंट्राडे में पहली बार 7,500 का स्तर पार किया और 7,563.50 का इंट्राडे हाई बनाया. हालांकि ऊपरी स्तरों से बाजार में मुनाफावसूली हावी हो गई. जिसके बाद निफ्टी ऊपरी स्तरों से 360 अंकों की गिरावट के साथ 7,203 पर बंद हुआ और सेंसेक्स ऊपरी स्तरों से 1254 अंक टूटकर बंद हुआ.

साल 2014 और 2019 के चुनावी नतीजों के दौरान बाजार की चाल को देखें तो आपको पैटर्न एक जैसा नजर आएगा, जिसमें बाजार ने मोदी लहर में शुरुआती तेजी तो पकड़ी, साथ ही उस लहर से उतरकर मुनाफावसूली भी की. बाजार ने पिछले दोनों लोकसभा चुनावों में कोई अप्रत्याशित तेजी या गिरावट का सामना नहीं किया, जैसा कि साल 2024 के चुनावों में देखने को मिला. जिसमें एग्जिट पोल के बाद बाजार बेतहाशा बढ़े तो उसके अगले ही दिन औंधे मुंह गिर गए.

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