सोने को हल्का सा झटका लगा है. पिछले एक साल में एक ऐतिहासिक बुल रन के बाद अमेरिकी चुनाव के नतीजों ने इस पर दबाव बना दिया है. अमेरिकी डॉलर और बॉन्ड यील्ड की मजबूती से सोने की चमक थोड़ी कम हुई है. कीमतों में हालिया गिरावट के बावजूद, दिग्गज निवेशक मार्क मोबियस सोने पर बुलिश हैं.
मोबियस ने NDTV प्रॉफिट से बात करते हुए कहा 'सोने के बारे में मेरा नजरिया अब भी बुलिश है. मेरा मानना है कि आपके पास सोना होना ही चाहिए - आपके पोर्टफोलियो का कम से कम 10%, या शायद इससे भी अधिक.' दो दिनों के भीतर सोने की कीमत में 100 डॉलर की गिरावट के बाद ये टिप्पणी आई, क्योंकि ये मंगलवार को 2,750.01 डॉलर के उच्च स्तर से फिसलकर गुरुवार को 2,643.47 डॉलर प्रति औंस के निचले स्तर पर आ गया है.
उन्होंने कहा, 'मुझे लगता है कि सोने की मांग बनी रहेगी. बेशक, उतार-चढ़ाव होगा, क्योंकि डॉलर के मजबूत होने पर सोना कमजोर हो जाता है. लेकिन मुझे लगता है कि अब हम ऐसी स्थिति में हैं जहां अमेरिकी डॉलर में अभी भी कुछ तेजी आ सकती है, लेकिन बहुत अधिक नहीं.
फंड मैनेजर सौरभ मुखर्जी ने NDTV प्रॉफिट से एक दूसरी चर्चा में कहा कि वो 'कम रिटर्न और अधिक उतार-चढ़ाव' को देखते हुए सोना खरीदने की सलाह नहीं देंगे.
मार्सेलस इन्वेस्टमेंट मैनेजर्स प्राइवेट के फाउंडर मुखर्जी ने कहा कि सोने के बजाय भारत और अमेरिका में निवेशकों को इक्विटी पर दांव लगाना चाहिए.
मुखर्जी ने कहा कि दुनिया के शेयर बाजार का 65% वेल्थ भारत और अमेरिका के इन दो बाजारों से आता है. "आपको दो बाजार मिले जो वास्तव में अच्छा प्रदर्शन करते हैं . उन्होंने कहा आप क्यों सोना खरीदना चाहते हैं? आपको सोने पर कम रिटर्न और ज्यादा उतार-चढ़ाव मिलता है. लोग सोना क्यों खरीदते हैं, ये मेरी समझ से परे है.
मोबियस के अनुसार, भारत उन देशों में से एक है जो सोने पर तेजी बनाए रखता है. "भारतीयों को सोना पसंद है, भारत में प्रति व्यक्ति आय बढ़ने के साथ सोने की मांग भी बढ़ती रहेगी.
मोबियस ने कहा कि दूसरा कारण ये है कि दुनियाभर के सेंट्रल बैंकों के बीच खरीद की होड़ के कारण सोने की मांग बनी रहेगी. "दुनियाभर के केंद्रीय बैंक अपने सोने की होल्डिंग बढ़ा रहे हैं, इसके बावजूद कि उनकी करेंसी सोने से समर्थित नहीं है.
गौरतलब है कि अमेरिका में ट्रंप की जीत के बाद ग्लोबल बाजार में सोने की कीमत में आई गिरावट के कारण मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज पर भारतीय सोने के वायदा में भी भारी गिरावट आई थी. ये मंगलवार को 79,181 रुपये प्रति 10 ग्राम के उच्च स्तर से फिसलकर 76,340 रुपये प्रति 10 ग्राम के निचले स्तर पर आ गया है.