भारतीय शेयर बाजारों में जो मंगलवार को जो अमंगल हुआ, इसकी कल्पना तक किसी ने नहीं की थी, एग्जिट पोल्स से लेकर ब्रोकरेज तक सभी NDA की दमदार वापसी की ताल ठोंक रहे थे, लेकिन जो रुझानों के आंकड़े आए वो NDA को सत्ता के करीब तो दिखा रही थी, लेकिन वो दमखम गायब था.
सेंसेक्स और निफ्टी में भारी गिरावट आई, निवेशकों के लाखों करोड़ रुपये साफ हो गए. बाजार की अचानक गिरावट को मार्केट एक्सपर्ट भांप क्यों नहीं पाए, और क्या आगे का रास्ता बाजार के लिए मुश्किल रहेगा. इस पर मार्केट एक्सपर्ट्स ने अपनी राय रखी है.
NDTV प्रॉफिट से बात करते हुए Helios Capital के फाउंडर समीर अरोड़ा ने कहा कि बाजार में आज इतनी नाटकीय गिरावट इसलिए आई क्योंकि कल बाजार बड़े नाटकीय तरीके से चढ़े थे. ऐसा हो सकता है कि कई लोग ऐसे शेयर लेकर बैठे थे, जो कल 10% तक चढ़े और आज उन्हीं लोगों ने इन शेयरों को वापस बेचा.
कोटक म्यूचुअल फंड के मैनेजिंग डायरेक्टर निलेश शाह ने आज की अप्रत्याशित हालातों की तुलना साल 2004 के चुनावों से की, जब नतीजे बाजार की उम्मीदों के उलट आए थे. हालांकि कई सीटों पर मार्जिन काफी कम है. निलेश शाह ने कहा कि इकोनॉमिक फंडामेंटल्स अपनी जगह पर बिल्कुल ठीक हैं, और ये कोई नाटकीय फैसला लेने का वक्त नहीं है. जब तूफान चल रहा हो तो इंतजार करना चाहिए और जब आकड़े आ जाएं तो उसके बाद सोचना चाहिए क्या करना है. उन्होंने कहा कि निवेशकों के पास अपने पोर्टफोलियो को लेकर फैसलना करने का वक्त होगा, लेकिन अभी के लिए ट्रेडर्स पर छोड़ दीजिए'
निलेश शाह सही अवसरों की तलाश करने और फिर मौजूदा गिरावट को देखते हुए सही वैल्युएशन पर खरीदारी करने या मुनाफावसूली करने की सलाह देते हैं. बॉन्ड यील्ड पर निलेश शाह कहते हैं कि, ऊपर और नीचे उतार-चढ़ाव होते रहेंगे, लेकिन ये मध्यम अवधि के आउटलुक के साथ चलने का समय है.
अचानक आई इस गिरावट से हैरान समीर अरोड़ा ने कहा, "पूरे बाजार की गिरावट एक बड़ी आशंका की ओर इशारा करती है, और मैं इस आशंका के पीछे के तर्क को समझने में नाकाम हूं'.
उन्होंने कहा कि नतीजे कुछ कंपनियों पर असर डाल सकते हैं, लेकिन नतीजों की वजह से पूरा बाजार ही गिर जाए, ऐसा नहीं हो सकता है. उन्होंने कहा कि ये गिरावट तभी स्वीकार करने लायक है, जब सरकार बदले, लेकिन अंतिम नतीजे अभी घोषित नहीं हुए हैं.