ADVERTISEMENT

भारतीय बाजार में बिकवाली का चीन से कोई कनेक्शन नहीं: नीलकंठ मिश्रा

नीलकंठ मिश्रा ने कहा कि घरेलू बाजार के लिए निकट अवधि की समस्या भारत की अर्थव्यवस्था की सार्थक मंदी से है, क्योंकि पिछले चार से पांच महीनों में कई हाई फ्रीक्वेंसी इंडिकेटर्स खराब हो गए हैं
NDTV Profit हिंदीNDTV Profit डेस्क
NDTV Profit हिंदी01:28 PM IST, 08 Oct 2024NDTV Profit हिंदी
NDTV Profit हिंदी
NDTV Profit हिंदी
Follow us on Google NewsNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदी

भारतीय बाजारों में बिकवाली घरेलू इकोनॉमी में स्लोडाउन की वजह से हो सकती है, न कि चीन में निवेश शिफ्ट होने की वजह से. ये कहना है एक्सिस बैंक के मुख्य अर्थशास्त्री और ग्लोबल रिसर्च हेड नीलकंठ मिश्रा का.

क्या है बाजार में गिरावट की असल वजह

NDTV प्रॉफिट से एक्सक्लूसिव बातचीत करते हुए नीलकंठ मिश्रा ने कहा कि विदेशी निवेशकों की ओर से घरेलू शेयरों को बेचने और चीन के शेयर बाजारों में निवेश करने के बीच कोई सीधा संबंध नहीं है. उन्होंने कहा कि इस साल भारतीय शेयरों में आई तेजी ने देखे गए सुधार को सही ठहराया है. इसलिए चीन की तरफ पूंजी का जाना साफ तौर पर किसी भी चीज का संकेत नहीं है.

नीलकंठ मिश्रा ने कहा कि घरेलू बाजार के लिए निकट अवधि की समस्या भारत की अर्थव्यवस्था की सार्थक मंदी से है, क्योंकि पिछले चार से पांच महीनों में कई हाई फ्रीक्वेंसी इंडिकेटर्स खराब हो गए हैं. हम यही मानकर चल रहे हैं कि ये अस्थायी है. उन्होंने कहा कि जैसे ही सरकार अपना राजकोषीय खर्च बढ़ाएगी और भारतीय रिजर्व बैंक 'Quantitative Easing' की घोषणा करेगा, विकास दर सामान्य हो जाएगी.

फरवरी में सुधरेगी इकोनॉमी

नीलकंठ मिश्रा ने बातचीत के दौरान उम्मीद जताई कि जनवरी और फरवरी से अर्थव्यवस्था में सुधार आना चाहिए. भारत में जो कुछ हम देख रहे हैं वो हमारी अपनी कमजोर अर्थव्यवस्था का प्रतिबिंब है, और भारत को छोड़कर चीन को खरीदने के पीछे भाग रहे लोगों के बारे में ज्यादा सोचने की जरूरत नहीं है.

सितंबर में GST टैक्स कलेक्शन ग्रोथ 6.5% तक पहुंच गई, जो 40 महीने का निचला स्तर है. जबकि 8 कोर सेक्टर्स की ग्रोथ भी गिरी है. इसके अलावा, चीन के बाजार की कम वैल्यू से परमानेंट रीलोकेशन हो सकता है. जिससे भारत अपने पिछले PE मल्टीपल पर वापस लौट सकता है.

पिछले छह सेशन में विदेशी निवेशकों ने घरेलू बाजार से 50,000 करोड़ रुपये से ज्यादा पैसा निकाला है. हालांकि, विदेशी निवेशकों की ओर से किसी भी तरह की बिकवाली का फायदा उठाते हुए, घरेलू संस्थान गिरावट पर खरीदारी कर रहे हैं. इसी अवधि के दौरान, घरेलू निवेशकों ने 53,000 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे हैं.

नीलकंठ मिश्रा ने कहा कि दूसरी तिमाही के नतीजों के मोर्चे पर, सभी सेक्टर्स में बड़े पैमाने पर कटौती की जाएगी. उन्होंने कहा, जैसे-जैसे पूर्व समीक्षाएं आने लगी हैं. फाइनेंस और ऑटो से लेकर सीमेंट तक इंडस्ट्रीज में कटौती हो रही है.

NDTV Profit हिंदी
फॉलो करें
ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT