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20 नवंबर 2024 के बाद सिर्फ NIFTY 50 में वीकली ऑप्शंस सौदे होंगे, SEBI के नियमों में बदलाव के आदेश के बाद NSE ने लिया फैसला

13 नवंबर के बाद बैंक निफ्टी पर, 18 नवंबर के बाद निफ्टी मिडकैप सेलेक्ट पर और 19 नवंबर के बाद निफ्टी फाइनेंशियल सर्विसेज पर वीकली इंडेक्स ऑप्शंस बंद होगा
NDTV Profit हिंदीNDTV Profit डेस्क
NDTV Profit हिंदी09:17 PM IST, 10 Oct 2024NDTV Profit हिंदी
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20 नवंबर 2024 के बाद सिर्फ NIFTY 50 में वीकली ऑप्शंस सौदे होंगे. जबकि BSE पहले ही अपने सभी वीकली ऑप्शंस को बंद करने का फैसला लिया है. बीते दिनों SEBI ने एक्सचेंजेज को वीकली ऑप्शंस ट्रेड के लिए सिर्फ एक इंडेक्स चुनने का आदेश दिया था.

इस आदेश के बाद NSE यानी नेशनल स्टॉक एक्सचेंज ने 20 नवंबर 2024 के बाद BANKNIFTY, MIDCPNIFTY, FINNIFTY के साप्ताहिक ऑप्शंस को खत्म करने का फैसला लिया है.

  • 13 नवंबर के बाद बैंक निफ्टी पर वीकली इंडेक्स ऑप्शंस बंद होगा

  • 18 नवंबर के बाद निफ्टी मिडकैप सेलेक्ट पर वीकली इंडेक्स ऑप्शंस बंद होगा

  • 19 नवंबर के बाद निफ्टी फाइनेंशियल सर्विसेज पर वीकली इंडेक्स ऑप्शंस बंद होगा

  • इससे पहले BSE ने 3 अक्टूबर को कहा था कि 14 नवंबर से Sensex 50 और 18 नवंबर से Bankex बंद हो जाएंगे.

SEBI ने कड़े किए थे नियम

1 अक्टूबर को SEBI ने F&O में ट्रेड से जुड़े कई नियमों में सख्ती करने का ऐलान किया था. ये नियम 20 नवंबर से अलग-अलग चरणों में लागू होने हैं.

इनके तहत SEBI ने इंडेक्स वायदा के कॉन्ट्रैक्ट साइज, अपफ्रंंट प्रीमियम, एक्सपायरी के नियमों में बदलाव किया था.

  • 1 फरवरी 2025 से ऑप्शंस के खरीदार को अपफ्रंट प्रीमियम देना होगा. फिलहाल अपफ्रंट प्रीमियम ऑप्शंस सेलर (बेचने वाला) देता था, अब खरीदार को भी पूरा प्रीमियम अपफ्रंट देना होगा. इस फैसले से छोटे ट्रेडर बड़ा दांव नहीं लगा पाएंगे. इसका असर ये होगा कि अब ट्रेडर को कई गुना ज्यादा पैसा लगाना होगा.

  • कैलेंडर स्प्रेड का फायदा भी 1 फरवरी 2025 से खत्म हो जाएगा. F&O पर नए नियमों से एक्सचेंजेज और ब्रोकर्स का बिजनेस प्रभावित होगा. कैलेंडर स्प्रेड के तहत दो अलग-अलग एक्सपायरीज में अपोजिट पोजीशंस ली जाती हैं.

दरअसल SEBI ने एक रिपोर्ट में बताया था कि F&O में FY22-FY24 के बीच 93% ट्रेडर्स को हुआ है. मतलब छोटे ट्रेडर्स को SEBI के नए नियमों के जरिए नुकसान से बचाया जा सकेगा. कॉन्ट्रैक्ट साइज बढ़ाने से भी F&O में छोटे ट्रेडर्स की भागीदारी कम होगी.

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