CLSA के मुताबिक 2024 में निफ्टी (Nifty) का प्रदर्शन लोकसभा चुनाव (Loksabha Elections) के नतीजे और बॉन्ड यील्ड में ट्रेंड पर निर्भर करेगा. उसका कहना है कि वो 2024 में NSE निफ्टी 50 में दोबारा डी-रेटिंग से इनकार नहीं कर सकते. ब्रोकरेज ने मंगलवार को एक नोट में कहा कि बाजारों के पक्ष में एक चीज हो रही है और वो है बॉन्ड यील्ड्स (Bond Yield) में बढ़ोतरी रूकना.
CLSA ने कहा कि भारत में लोकसभा चुनाव और चीन की ग्रोथ में बढ़ोतरी 2024 में बाजार पर बड़ा असर डालेंगे. भारतीय बाजार में 10 ईयर गवर्मेंट सिक्योरिटीज यील्ड और 12 मंथ फॉरवर्ड निफ्टी अर्निंग यील्ड्स के बीच फर्क 1.96 परर्सेंटेज प्वॉइंट्स है. CLSA के मुताबिक ये 2.0 पर्सेंटेज प्वॉइंट्स की सीमा के करीब है, जो ठीक नहीं है. इसका मतलब है कि अगर बॉन्ड पर यील्ड ज्यादा हो जाएगी तो शेयर बाजार में लोगों का निवेश कम हो जाएगा.
ब्रोकरेज के मुताबिक भारतीय इक्विटी वैल्युएशन में बढ़ोतरी की कम उम्मीद है, जब तक कि रिस्क फ्री रेट्स या बॉन्ड यील्ड्स में गिरावट नहीं आती. CLSA ने जिक्र किया कि ईयर गवर्मेंट सिक्योरिटीज 7.25% पर फ्लैट रहने पर, दिसंबर 2024 के आखिर में निफ्टी की बेस केस वैल्युएशन 18,730 होगी. इसमें 5% की गिरावट की संभावना है. दूसरी तरफ भारतीय 10 ईयर गवर्मेंट सिक्योरिटीज यील्ड 6.5% पर रूकेगा.
CLSA के मुताबिक मौजूदा भारतीय जनता पार्टी सरकार के सत्ता में रहने पर, खासकर बहुमत हासिल करने पर बाजार पर अच्छा असर होगा. CLSA ने कहा कि BJP के सत्ता में आने से इंफ्रास्ट्रक्टर, न्यू एनर्जी इनिशिटिव, मेक इन इंडिया और अन्य क्षेत्रों में निवेश समान बना रहेगा.
पिछले कुछ महीनों में अमेरिका में महंगाई घटने से ऐसी उम्मीद है कि फेड अब आगे ब्याज दरों में बढ़ोतरी नहीं करेगा. 2024 में दरों में 50–75 बेसिस पॉइंट्स की कटौती की उम्मीद है.