अब किसी ब्रोकर ने क्लाइंट के फंड्स का गलत इस्तेमाल किया तो उसकी खैर नहीं! नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) बुधवार को एक नया फ्रेमवर्क लेकर आया है, जिसके तहत ऐसे मामलों में ब्रोकर्स के खिलाफ तुरंत एक्शन लिया जा सकेगा. PTI की रिपोर्ट के मुताबिक, बीते दिनों एक्सचेंज ने कुछ मामले देखे हैं, जिनमें उसने क्लाइंट्स फंड्स के गलत इस्तेमाल की घटनाओं को पाया है. उसने अपने निरीक्षण और ऑफसाइट निगरानी के तहत इन मामलों को देखा है.
एक्सचेंज ने कहा कि जिन मामलों में क्लाइंट फंड्स का गलत इस्तेमाल दिखा है, उनमें तुरंत एक्शन लेने के लिए क्लियरिंग हाउस, NSE क्लियरिंग लिमिटेड के पास उपलब्ध ट्रेडिंग मेंबर के डिपॉजिट्स को ब्लॉक कर दिया जाएगा. सर्कुलर के मुताबिक, इसे जितनी राशि का गलत इस्तेमाल हुआ या 10 करोड़ रुपये, जो भी कम होगा, उस स्तर तक ब्लॉक किया जाएगा.
क्लाइंट्स फंड्स के गलत इस्तेमाल के मामलों में स्टॉक ब्रोकर्स के लिए मौजूद 'निगरानी के नियमों' के उल्लंघन को लेकर कार्रवाई की जाएगी.
पहले ट्रेडिंग मेंबर को ऐसे डिपॉजिट के ब्लॉक करने संबंधित निर्देश को लेकर सूचित किया जाएगा. जिसके बाद निर्देश की तारीख से दो ट्रेडिंग दिनों के बाद प्रॉपरायटरी डिटेल्स को ब्लॉक कर दिया जाएगा. ऐसे डिपॉजिट्स को 10 दिनों के लिए ब्लॉक किया जाएगा. इसके अलावा ऐसे डिपॉजिट्स पर ट्रेडिंग मेंबर को कोई एक्सपोजर नहीं दिया जाएगा.
NSE ने कहा कि 1 सितंबर से नया फ्रेमवर्क लागू होगा. इसके साथ एक्सचेंज, सदस्यों द्वारा नियमों का पालन न करने पर जुर्माने के प्रावधानों का आकलन करेगा. इसका मकसद इसे ज्यादा प्रभावी बनाना और उदाहरण के तौर पर पेश करना है.