कई देशों के बीच अलग-अलग चल रहे जियो-पॉलिटिकल टेंशन और ट्रेड वॉर के बीच दुनिया भर के शेयर बाजारों में उथल-पुथल जारी है. इसका असर भारतीय शेयर बाजार पर भी है, लेकिन इस बीच डिफेंस सेक्टर की कंपनियां अच्छा परफॉर्म कर रही हैं. खासकर पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत की जवाबी कार्रवाई से उपजे माहौल में ब्रोकरेज हाउसेज भी डिफेंस शेयरों पर भरोसा जता रहे हैं.
ऑपरेशन सिंदूर के बाद से आई तेजी का असर ऐसा है कि डिफेंस कंपनियों का कुल मार्केट कैप 1 लाख करोड़ रुपये के पार चला गया. अब NDTV ने सरकारी सूत्रों के हवाले से बताया है कि ऑपरेशन सिंदूर के बाद देश के रक्षा बजट में 50,000 करोड़ रुपये की बढ़ोतरी संभव है, जो कि सप्लीमेंट्री बजट के जरिए आवंटित की जा सकती है. इससे डिफेंस शेयरों में और उछाल आ सकता है.
डिफेंस कंपनियों में निवेशकों का भरोसा लगातार बढ़ रहा है. रक्षा बजट में बढ़ोतरी, सरकार की 'मेक इन इंडिया' पॉलिसी और डिफेंस मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देने की कोशिशों के चलते इस सेक्टर में मुनाफे की संभावनाएं उज्जवल मानी जा रही हैं.
डिफेंस सेक्टर के शेयरों में 5 दिन से तेजी जारी है. शुक्रवार को भी डिफेंस शेयरों में जोरदार तेजी देखने को मिली. गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स, पारस डिफेंस एंड स्पेस टेक्नोलॉजीज और कोचीन शिपयार्ड के शेयर सबसे तेजी से बढ़े.
ब्रोकरेज फर्म जेफरीज ने अपनी हालिया रिपोर्ट में इस सेक्टर को लेकर सकारात्मक रुख जताया गया है. सुबह 9:40 बजे तक NSE निफ्टी इंडिया डिफेंस इंडेक्स 3.67% ऊपर कारोबार कर रहा था, जो सेक्टोरल इंडेक्स में सबसे आगे रहा. जब डिफेंस सेक्टर में जबरदस्त तेजी थी, तब NSE निफ्टी 50 इंडेक्स सुबह 9:41 बजे तक 0.23% गिरावट में था.
गार्डन रीच शिपबिल्डर्स: सुबह 9:37 बजे तक 8.20% की तेजी के साथ ₹2,444 पर कारोबार कर रहा था.
कोचीन शिपयार्ड: इसमें 7.43% की तेजी देखी गई और यह ₹1,946.70 पर पहुंच गया.
पारस डिफेंस: यह शेयर 6.26% की बढ़त के साथ ₹1,609.30 पर कारोबार कर रहा था.
भारत डायनामिक्स: इसमें 5.60% की तेजी आई और शेयर ₹1,907.60 तक पहुंच गया.
डेटा पैटर्न्स: 5.44% की बढ़त के साथ यह ₹2,767.90 पर ट्रेड कर रहा था.
जेन टेक्नोलॉजीज: शेयर 4.82% चढ़कर ₹1,791.80 तक पहुंचा.
मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स: 4.01% की तेजी दर्ज की गई.
आइडियाफोर्ज टेक्नोलॉजीज: इसमें 3.17% की बढ़त रही.
MTAR टेक्नोलॉजीज: 2.87% ऊपर कारोबार कर रहा था.
जेफरीज की रिपोर्ट में हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) और डेटा पैटर्न्स को टॉप चॉइस बताया गया है, जबकि इसके बाद भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (BEL) का नाम है. रिपोर्ट के मुताबिक, डिफेंस कंपनियों के मुनाफे में आने वाले समय में डबल डिजिट ग्रोथ दिख सकती है. साथ ही इन कंपनियों की रिटर्न ऑन इक्विटी और कैपिटल एम्प्लॉयड भी बेहतर रहने की उम्मीद है.
ब्रोकरेज रिपोर्ट के अनुसार, वित्त वर्ष 2025 की अंतिम तिमाही में HAL की ऑपरेटिंग मार्जिन उम्मीद से बेहतर रही, जिसने कंपनी की कमज़ोर रेवेन्यू ग्रोथ की भरपाई की. वहीं गार्डन रीच शिपबिल्डर्स के मुनाफे और EBITDA (कमाई) में दोगुनी बढ़ोतरी देखी गई, जो बाज़ार की उम्मीदों से काफी अधिक थी. पारस डिफेंस ने भी रेवेन्यू और EBITDA में बाज़ार की उम्मीदों से बेहतर प्रदर्शन किया.
जैसा कि NDTV ने सरकारी सूत्रों के हवाले से बताया है कि डिफेंस बजट में 50,000 करोड़ रुपये की बढ़ोतरी हो सकती है और ऐसा हुआ तो ये 7 लाख करोड़ रुपये के पार पहुंच जाएगा. सूत्रों के अनुसार, संसद के विंटर सेशन में 50,000 करोड़ रुपये के अतिरिक्त बजट के लिए मंजूरी मांगी जाएगी. बढ़ा हुआ बजट रिसर्च एंड डेवलपमेंट, हथियारों, गोला-बारूद और अन्य जरूरी सैन्य उपकरणों की खरीद में इस्तेमाल किया जाएगा.
बता दें कि मोदी सरकार में रक्षा बजट हमेशा प्राथमिकता में रहा है. 2014 में जब पहली बार नरेंद्र मोदी की सरकार बनी थी, डिफेंस बजट तब के 2.29 लाख करोड़ रुपये से तीन गुना से ज्यादा बढ़ चुका है. इस साल 1 फरवरी को पेश हुए बजट में रक्षा मंत्रालय की हिस्सेदारी सबसे ज्यादा थी. कुल बजट का 13% हिस्सा डिफेंस को मिला. 2024-25 के 6.22 लाख करोड़ रुपये की तुलना में 2025-26 में 9.2% ज्यादा 6.81 लाख करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है, जो कि बढ़ोतरी के बाद 7.31 लाख करोड़ रुपये हो जाएगा.