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PSU बैंक शेयरों में भारी गिरावट; RBI की नई गाइडलाइंस में आखिर ऐसा क्या है?

RBI ने फाइनेंसिंग से जुड़े सभी प्रोजेक्ट के लिए कमर्शियल ऑपरेशन शुरू करने से पहले सभी मौजूदा और फ्रेश प्रोजेक्ट लोन के लिए 5% का सामान्य प्रोविजन लागू करने का निर्देश दिया है.
NDTV Profit हिंदीNDTV Profit डेस्क
NDTV Profit हिंदी11:06 AM IST, 06 May 2024NDTV Profit हिंदी
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भारतीय शेयर बाजार में सोमवार का दिन PSU बैंक शेयरों के लिए काफी दबाव भरा नजर आ रहा है. सोमवार को इंडेक्स करीब 4% की गिरावट के साथ कारोबार कर रहा है. वहीं, PFC, REC और IREDA जैसे शेयर भी लाल निशान पर कारोबार कर रहे हैं.

कंपनी शेयरों में ये गिरावट RBI की रियल एस्टेट प्रोजेक्ट्स की फाइनेंसिंग को लेकर जारी नई ड्राफ्ट गाइडलाइंस के बाद देखने को मिल रही है. ये गाइडलाइंस बैंकों के साथ-साथ गैर-बैंकिंग संस्थाओं दोनों पर लागू है.

क्यों गिरे PSU बैंक के शेयर?

बैंक रेगुलेटर RBI ने अंडर कंस्ट्रक्शन प्रोजेक्ट्स (कमर्शियल ऑपरेशन शुरू करने से) की फाइनेंसिंग से जुड़े नियमों को और सख्त कर दिया है. नई ड्राफ्ट गाइडलाइंस के मुताबिक प्रोजेक्ट लोन के लिए 5% का स्टैंडर्ड प्रॉविजन लागू किया जाएगा. जो कि मौजूदा स्टैंडर्ड प्रॉविजनिंग 0.4% से काफी ज्यादा है. ये गाइडलाइंस सभी बैंक और नॉन-बैंक लेंडर्स के लिए है. इसकी मतलब ये कि बैंकों को अब स्टैंडर्ड प्रॉविजनिंग के लिए 5% अलग से व्यवस्था करनी होगी.

RBI की नई ड्राफ्ट गाइडलाइंस में ये कहा गया है कि प्रोजेक्ट के चालू होने के बाद प्रॉविजनिंग को 5% से घटाकर 2.5% कर दिया जाएगा. आगे चलकर अगर ये बाकी शर्तें भी पूरी होती हैं, जिसमें नेट ऑपरेटिंग कैश फ्लो शामिल है, तो इसे 2.5% से घटाकर 1% कर दिया जाएगा. साथ ही कैश फ्लो इतना होना चाहिए कि वो सभी बैंकों के रीपेमेंट की शर्तों को पूरा कर सकता हो. और प्रोजेक्ट का बैंकों का कुल लॉन्ग टर्म डेट भी घटकर 20% होना चाहिए.

IIFL ने RBI की इन नई गाइडलाइंस के बाद अपनी राय दी है.

PSU बैंकों, पावर फाइनेंसर्स पर IIFL की राय

  • RBI ने कर्जदाताओं के लिए ड्राफ्ट हार्मनाइज्ड प्रूडेंशियल फ्रेमवर्क जारी किया

  • लोन की कुछ शर्तों को सख्त किया जिससे प्रोजेक्ट व्यावहारिकता में सुधार होना चाहिए

  • स्टैंडर्ड एसेट प्रोविजनिंग मौजूदा 0.4% से बढ़कर कर्ज की 1-5% तक आएगी

  • अनुमानित अतिरिक्त प्रॉविजनिंग बैंक नेटवर्थ की 0.5%-3% होगी

  • पावर फाइनेंसर्स पर ROE का कोई असर नहीं, टीयर 1, 2 रेश्यो को नुकसान हो सकता है

बैंकों पर बर्नस्टीन की राय

  • अंडर कंस्ट्रक्शन प्रोजेक्ट के लिए 5% स्टैंडर्ड प्रॉविजनिंग करनी होगी

  • 0.4% की मौजूदा स्टैंडर्ड प्रॉविजनिंग के मुकाबले ये काफी ज्यादा है

  • प्रॉविजनिंग धीरे-धीरे घटकर पहले 2.5% और फिर 1% तक आएगी

  • प्रॉविजनिंग की जरूरतों में तेजी से बढ़ोतरी होगी

  • मुनाफे में 50% तक की गिरावट का अनुमान

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