शेयर बाजारों में सोमवार को जोरदार तेजी देखने को मिल रही है, जिसकी वजह से ये दो महीने की ऊंचाई पर पहुंच गए हैं. मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज के चेयरमैन और को-फाउंडर रामदेव अग्रवाल (Raamdeo Agrawal) का कहना है कि बुरा वक्त बीत चुका है और खुशी भरे दिन वापस लौट आए हैं.
हाल ही में बाजार में आए सुधार के बाद, रामदेव अग्रवाल इस बात को लेकर काफी आशावादी हैं कि बाजार अब स्थिर हो रहा है और रिकवरी और ग्रोथ के दौर के लिए तैयार है.
सितंबर 2024 में अपनी ऊंचाई को छूने के बाद से भारतीय बाजारों में भारी गिरावट देखी गई है. सितंबर से अब तक निफ्टी में 9.89% की कमी आई है, जबकि सेंसेक्स में 9.10% की गिरावट दर्ज की गई है. इस साल के पहले दो महीनों में निफ्टी 6.82% और सेंसेक्स 6.76% नीचे आया है. हालांकि, मार्च में अब तक निफ्टी और सेंसेक्स दोनों में करीब 7% की बढ़ोतरी हुई है.
NDTV प्रॉफिट से बातचीत में रामदेव अग्रवाल ने कहा कि 'करेक्शन का बड़ा हिस्सा पूरा हो चुका है.' उन्होंने कहा कि भारतीय बाजार के लिए उनका नजरिया पॉजिटिव है, क्योंकि उनका मानना है कि मार्केट करेक्शन का सबसे बुरा दौर पीछे जा चुका है. विदेशी निवेश में बढ़ोतरी, IPO और QIP एक्टिविटीज गतिविधियों में रिवाइवल के साथ, बाजार रिकवरी के लिए तैयार है.
रामदेव ने कहा कि हालांकि ग्लोबल स्तर पर अनिश्चितताएं बनी हुई हैं, लेकिन भारतीय बाजारों की ओर से दिखाई गई मजबूती भविष्य के विकास के लिए एक ठोस आधार बनाती है.
रामदेव अग्रवाल को अर्निंग्स (Earnings) को लेकर कोई बड़ा संकट नजर नहीं आता है. हालांकि आय की ग्रोथ उम्मीद से धीमी रही है, लेकिन ये स्थिर बनी हुई है. 'हमें उम्मीद थी कि आय 12-15% की दर से बढ़ेगी, लेकिन ये 5-6% रही. फिर भी, आय अपने आप में मजबूत बनी हुई है. उन्होंने कहा कि उनकी नजर में मुख्य चुनौती आय की स्थिरता नहीं, बल्कि बाजार का वैल्युएशन मल्टीपल है.
मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज में संस्थागत इक्विटी के लिए हेड ऑफ रिसर्च गौतम दुग्गड़ का कहना है कि इस हफ्ते बाजारों में दिखी रिकवरी के बावजूद, स्टॉक अब भी सितंबर की ऊंचाई से काफी नीचे हैं. ये निवेशकों के लिए खरीदारी का मौका देता है.
उन्होंने कहा कि ब्रॉडर मार्केट में मिड-कैप और स्मॉल-कैप इंडेक्स में 30-40% का करेक्शन देखा गया है. लंबी अवधि के नजरिए वाले निवेशक सोच-विचार और अपना होमवर्क कर सकते हैं, बिना इस चिंता के कि अगर वे आज नहीं खरीदते, तो उन्हें दो हफ्ते बाद ऊंची कीमत पर खरीदना पड़ेगा.