JP Morgan on Reliance Industries: ग्लोबल ब्रोकरेज कंपनी JP मॉर्गन ने रिलायंस इंडस्ट्रीज (RIL) के लिए 2,810 रुपये प्रति शेयर के टारगेट प्राइस के साथ अपनी 'ओवरवेट' रेटिंग बरकरार रखी है. ये मौजूदा भाव से 17% ज्यादा है.
JP मॉर्गन का मानना है कि रिलायंस इंडस्ट्रीज में गिरावट की गुंजाइश बहुत सीमित है, क्योंकि इसका कंज्यूमर बिजनेस कंपनी का प्रॉफिट बढ़ाएगा. हालांकि ब्रोकरेज ने वित्त वर्ष 2024 के लिए कंपनी के आय अनुमान (Earnings Estimates) में 5% की कटौती की है.
ब्रोकरेज के अनुसार कंपनी की आय में गिरावट, रिफाइनिंग मार्जिन में करेक्शन, कमजोर पेट्रोकेमिकल व्यवसाय और संभावित टेलीकॉम टैरिफ बढ़ोतरी को फिलहाल स्थगित करने के चलते हुई. आगे कहा गया है कि पेट्रोकेमिकल मार्जिन निचले स्तर के करीब है और इसमें ज्यादा गिरावट नहीं होगी.
JP मॉर्गन ने कहा कि रिटेल और टेलीकॉम बिजनेस से प्रति शेयर आय (EPS) बढ़ने की उम्मीद है, क्योंकि EBITDA में इनकी 50% हिस्सेदारी है. ये डबल डिजिट में मुनाफा दे सकते हैं.
रिपोर्ट में कहा गया है कि नए स्टोर जुड़ने, महंगाई और बढ़ती आय के चलते रिटेल सेक्टर में ग्रोथ होगी, जबकि ग्राहकों में बढ़ोतरी, हायर टैरिफ और तेजी से बढ़ते ब्रॉडबैंड कनेक्शन्स के चलते टेलीकॉम सेक्टर में ग्रोथ होगी.
ब्रोकरेज ने कहा, 'न्यू गैस फील्ड्स में तेजी से प्रोडक्शन बिजनेस में एकमुश्त ग्रोथ दिखेगी. हालांकि, कुल मिलाकर O2C (तेल-से-केमिकल) को पेट्रोकेमिकल में मौजूदा कमजोरी से चुनौती मिल सकती है, लेकिन रिफाइनिंग और एथिलीन यूटिलाइजेशन में अगले दो वर्षों में सुधार होना चाहिए.'
ब्रोकरेज ने कहा, ' कैपिटल एक्सपैंडिचर बहुत ज्यादा है और EBITDA बढ़ रहा है, इसलिए रिलायंस को अगले तीन वर्षों में पॉजिटिव फ्री कैश-फ्लो जेनरेट होने की उम्मीद है.'
ब्रोकरेज ने कहा कि ऑपरेटिंग प्रॉफिट में बढ़ोतरी के बावजूद टेलीकॉम-टू-ऑयल ग्रुप के शेयर्स ने NIFTY के मुकाबले इस साल अब तक कमजोर परफॉर्म किया है, जो इंडेक्स के 10.70% गेन की तुलना में 3.72% बढ़ गया है.
JP मॉर्गन का कहना है कि सिंपल फ्री कैश-फ्लो स्टॉक को ड्राइव करने के लिए पर्याप्त नहीं है. लेकिन रिलायंस का फेयर रिलेटिव वैल्युएशन ऐसे बाजार में एक आकर्षण है, जहां अधिकांश शेयर हिस्टोरिकल वैल्युएशन से काफी ऊपर कारोबार कर रहे हैं.
ब्रोकरेज ने कहा कि निगेटिव रिस्क की बात करें तो इसमें ग्रॉस रिफाइनिंग मार्जिन में गिरावट, टेलीकॉम टैरिफ में बढ़ोतरी नहीं होना, नए एनर्जी यूनिट्स के शुरू होने में देरी और कर्ज का स्तर ऊंचा होना शामिल है.
रिलायंस इंडस्ट्रीज के शेयर बुधवार को NSE पर 5.60 रुपये बढ़कर 2394.40 रुपये पर बंद हुए. ब्लूमबर्ग के आंकड़ों के अनुसार, कंपनी पर नज़र रखने वाले 36 में 32 एनालिस्ट्स ने 'BUY' रेटिंग बरकरार रखी है, जबकि दो ने 'HOLD' करने की सलाह दी है और दो ने 'SELL' की सलाह दी है. सभी एनालिस्ट्स के मुताबिक, 12-महीने का एवरेज टारगेट प्राइस मौजूदा भाव से 15.4% ज्यादा है.