बाजार में आजकल एक बात की खूब चर्चा हो रही है, इंडिया VIX (India VIX) या वॉलिटिलिटी इंडेक्स. इसका इस्तेमाल आमतौर पर हम बाजार में भय या डर या अनिश्चितता के माहौल का भांपने के लिए करते हैं, जब ये बढ़ता है तो माना जाता है कि बाजार में एक डर पसरा है. ये बीते 12 सेशन से लगातार बढ़ता जा रहा है, जिसकी वजह से ट्रेडर्स और निवेशकों की नींद उड़ी हुई है.
मई का महीना शुरू हुए 13 दिन हुए हैं, महीने की शुरुआत से अबतक इंडिया VIX 70% उछल चुका है, जो ये बताता है कि बाजार के मन में घबराहट है. हालांकि किसी तरह की अनिश्चितता में इस तरह का उछाल असामान्य नहीं होता है, लेकिन उस वक्त के हालात को सामने रखकर देखना जरूरी होता है.
लोकसभा चुनावों के दौरान मार्केट में इस तरह की अनिश्चितता का आना कोई बड़ी बात नहीं है, और न तो ये पहली बार हो रहा है. अगर इंडिया VIX के मौजूदा स्तरों की तुलना ऐतिहासिक पैटर्न से करें तो पता चलता है कि उतार-चढ़ाव के बावजूद अस्थिरता उतनी ज्यादा नहीं है.
साल 2019 के लोकसभा चुनावों के दौरान इंडिया VIX 28.65 के स्तर तक पहुंच गया था. 23 मई को नतीजे आए तो ये 27.63 पर था, लेकिन उसी दिन जब नतीजों का ऐलान हो गया और ये साफ हो गया कि BJP की सरकार दोबारा बनने जा रही है तो ये 19.40 के स्तर पर जाकर बंद हुआ. यानी बाजार में से अस्थिरता का डर गायब हो चुका था, धीरे-धीरे महीना खत्म हुआ तो ये महीने के अंत तक 31 मई, 2019 को इंडिया VIX 15.61 हो गया था.
चुनावों के दौरान, इंडिया VIX 28.65 के स्तर तक पहुंच गया था
23 मई, 2019 को नतीजों के ऐलान के दिन इंडिया VIX 27.63 था
उसी दिन नतीजों के बाद इंडिया VIX ने 19.40 की क्लोजिंग दी
मई, 2019 के महीने के अंत तक इंडिया VIX 15.61 हो गया था
इसी तरह एक नजर साल 2014 के चुनाव और नतीजों के दिन इंडिया VIX की चाल पर डालते हैं. 13 मई 2014 को इंडिया VIX ने 37.7 की ऊंचाई को छू लिया था. नतीजों का ऐलान 16 मई को हुआ उस दिन इंडिया VIX 36.76 पर पहुंचा था. नतीजों के ऐलान के बाद ही इंडिया VIX 24.29 के स्तर पर बंद हुआ. इसके बाद धीरे-धीरे ये मई के अंत में 16.33 के स्तर पर आ गया
13 मई 2014 को इंडिया VIX ने 37.7 की ऊंचाई को छू लिया
नतीजों का ऐलान 16 मई को हुआ, इंडिया VIX 36.76 पहुंचा
अंत में 16 मई, 2014 को इंडिया VIX 24.29 के स्तर पर बंद हुआ
इसके बाद धीरे-धीरे ये मई के अंत में 16.33 के स्तर पर आ गया
फिलहाल इंडिया VIX 21.48 पर है, हालांकि 19 महीनों का सबसे ऊंचा स्तर है, जैसा कि आप देख सकते हैं, बीते कई चुनावों के दौरान ये इससे भी ज्यादा रहा है.
इसके अलावा, अस्थिरता जो कि चुनाव जैसे बड़े इवेंट से पहले बढ़ती है, फरवरी से धीरे-धीरे बढ़ ही रही है, जिससे ये पता चलता है कि बाजार में उठा-पटक का एक बड़ा हिस्सा पहले ही बाजार पचा चुका है. जिससे गंभीर मंदी की चिंता थोड़ी कम हो सकती है.
ऐसी बड़ी घटनाओं के दौरान बाजार में उठा-पटक का होना तय है, ऐसे में घरेलू और विदेशी निवेशक अच्छे रिटर्न के लिए इस मौके का फायदा गिरावट में खरीदारी कर उठा सकते हैं.
इंडिया VIX एक बैरोमीटर है जो बाजार में अगले 30 दिनों के दौरान आने वाले उतार-चढ़ाव को दर्शाता है. ये दिखाता है कि बाजार आने वाले समय में कितना ऊपर या नीचे जाएगा. अगर इंडिया VIX ज्यादा है तो ये बताता है कि बाजार में काफी बड़े उतार-चढ़ाव आने वाले हैं जिसकी वजह से अनिश्चितता और खतरे का स्तर बढ़ जाता है.
अगर इंडिया VIX कम है, इससे पता चलता है कि निवेशकों का भरोसा कितना मजबूत और स्थिर है. ये तरह से शेयर बाजार का मौसम विभाग है, जो निवेशकों आने वाले तूफान के बारे में आगाह करता है ताकि इसके लिए तैयारी कर सकें.