डॉलर के मुकाबले रुपया लगातार दो दिनों से रिकॉर्ड निचला स्तर बना रहा है. सोमवार को रुपया 83.346 के रिकॉर्ड निचले स्तर पर बंद हुआ था, आज दूसरे दिन भी रुपया इससे और नीचे फिसलकर नए रिकॉर्ड निचले स्तर 83.354 पर बंद हुआ है. शुक्रवार को डॉलर के मुकाबले रुपया 83.27 पर बंद हुआ था.
रुपये में गिरावट की कुछ खास वजहों में से एक ये है कि कच्चे तेल की कीमतों में इंट्राडे गिरावट का फायदा उठाने के लिए तेल इंपोर्टर्स लगातार डॉलर खरीद रहे हैं. ब्लूमबर्ग के आंकड़ों के मुताबिक बेंचमार्क ब्रेंट क्रूड का जनवरी वायदा 1% गिरकर $81.50 डॉलर प्रति बैरल तक चला गया था. फिलहाल ये इसी के इर्द-गिर्द ट्रेड कर रहा है.
हालांकि डॉलर इंडेक्स दो महीने के निचले स्तर के करीब ही है, क्योंकि ट्रेडर्स को लग रहा है कि अमेरिकी फेडरल रिजर्व ब्याज दरों में आगे कोई बढ़ोतरी नहीं करेगा, क्योंकि अमेरिका में जो आर्थिक आंकड़े अबतक आए हैं वो इसी बात की ओर इशारा कर रहे हैं.
CME फेडवॉच टूल के मुताबिक करीब 30% फेड फंड फ्यूचर ट्रेडर्स ये मानकर चल रहे हैं कि अमेरिका में ब्याज दरों में पहली कटौती मार्च 2024 तक हो सकती है. डॉलर इंडेक्स शाम को 4 बजे तक हल्की सी सु्स्ती के साथ 103.34 पर ट्रेड कर रहा था.
मैक्लाई फाइनेंशियल सर्विसेज वाइस प्रेसिडेंट रितेश भंशाली का कहना है कि बाजार फेड मॉनिटरी पॉलिसी बैठक के मिनट्स पर फोकस कर रहा है, जिससे आगे के संकेत मिलेंगे कि फेड क्या करने वाला है. इसके अलावा, फॉरेक्स ट्रेडर्स ने BQ प्राइम को बताया कि एक्सपोर्टर्स ने डॉलर बेचे हैं, जिससे रुपये को भी राहत मिली है.