ADVERTISEMENT

Rupee Vs Dollar: इस एक गलती ने रुपये की तोड़ी कमर! डॉलर के मुकाबले 85 के नीचे फिसला

भारत के इंपोर्ट सिस्टम को जानने वाले सूत्रों ने बताया कि सोने के इंपोर्ट के आंकड़ों में डबल काउंटिंग की घटना हुई है, जो भारत की कस्टम क्लियरेंस सिस्टम के हालिया इंटीग्रेशन से जुड़ी हुई हो सकती है
NDTV Profit हिंदीमोहम्मद हामिद
NDTV Profit हिंदी09:42 AM IST, 19 Dec 2024NDTV Profit हिंदी
NDTV Profit हिंदी
NDTV Profit हिंदी
Follow us on Google NewsNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदी

डॉलर के मुकाबले रुपये ने अब 85 का स्तर भी तोड़ दिया है और नया रिकॉर्ड लो बनाया है. गुरुवार को डॉलर के मुकाबले रुपया 8 पैसे कमजोर होकर 85.04 पर खुला, कारोबार बंद होते-होते गिरावट कुछ और बढ़ी और आखिर में रुपया 85.08 पर बंद हुआ. बुधवार को ये 84.96 पर बंद हुआ था.

रुपये की दिन की शुरुआत अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 8 पैसे कमजोर होकर 85.04 पर हुई. हालांकि, फॉरेन करेंसी ट्रेडर्स के अनुसार, डॉलर की ऊंची मांग ने भारतीय रुपये को खुलने के तुरंत बाद अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 85.07 के रिकॉर्ड निचले स्तर पर पहुंचा दिया.

अमेरिकी फेडरल रिजर्व के रेट कट के बाद डॉलर में नई जान आई है. डॉलर इंडेक्स 108.06 के स्तर पर पहुंच गया है. फॉरेन करेंसी ट्रेडर्स का कहना है कि इंपोर्टर्स के साथ-साथ विदेशी बैंकों की ओर से डॉलर की मांग, विदेशी फंड के आउटफ्लो और घरेलू इक्विटी में नरम रुख ने निवेशकों के सेंटीमेंट्स पर असर डाला है.

फेड के इस हॉकिश रवैये के बाद डॉलर इंडेक्स 1.23% उछलकर 108.27 पर पहुंच गया, जो 11 नवंबर, 2022 के बाद का उच्चतम स्तर है. सुबह 11:50 बजे तक डॉलर इंडेक्स 0.06% बढ़कर 108.10 पर कारोबार कर रहा था.

गोल्ड इंपोर्ट कैलकुलेशन में गड़बड़ी, रुपये पर दबाव 

ये सभी कारण अपनी जगह ठीक हैं, लेकिन रुपये में आ रही गिरावट के पीछे एक और कारण भी चर्चा में है और है, वो है भारतीय अधिकारियों की ओर से गोल्ड इंपोर्ट के आंकड़ों के कैलकुलेशन में की गई भारी गड़बड़ी. नवंबर में देश का ट्रेड डेफिसिट रिकॉर्ड हाई पर पहुंच गया, लेकिन ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट कहती है कि ये एक बड़ी गलती की वजह से हुआ है. सूत्रों के हवाले से छपी ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक नवंबर में भारत का गोल्ड इंपोर्ट ऐतिहासिक स्तर पर पहुंच गया, इसके पीछे डेटा कैलकुलेशन की गड़बड़ी है.

क्योंकि भारतीय अधिकारियों ने जुलाई में कैलकुलेशन का तरीका बदल दिया था, जिससे डबल काउंटिंग हो गई. इस गलती की वजह से नवंबर के लिए गोल्ड इंपोर्ट को 50 टन ज्यादा अनुमानित किया गया हो सकता है. जो कि उस महीने के कुल इंपोर्ट का 30% है. अब विभाग अपनी इस गड़बड़ी की जांच पड़ताल में जुटा है. गोल्ड इंपोर्ट के इन ऐतिहासिक इंपोर्ट आंकड़ों की वजह से रुपया जो कि पहले से ही ऑल टाइम लो पर है और भी ज्यादा कमजोर हुआ है.

भारत के इंपोर्ट सिस्टम को जानने वाले सूत्रों ने बताया कि सोने के इंपोर्ट के आंकड़ों में डबल काउंटिंग की घटना हुई है, जो भारत की कस्टम क्लियरेंस सिस्टम के हालिया इंटीग्रेशन से जुड़ी हुई हो सकती है. दरअसल, सामान्य तौर पर फ्री ट्रेड जोन के वेयरहाउस में स्टोर सोना आधिकारिक तौर पर भारतीय बाजार में नहीं आता है. इसे केवल फ्री ट्रेड जोन में स्टोर किया जाता है. इस सोने को 'इंपोर्टेड' नहीं माना जाता क्योंकि ये भारत के वास्तविक बाज़ार में नहीं आया है.केवल फ्री ट्रेड जोन के वेयरहाउस से लिया गया या विदेश से सीधे बाजार में इंपोर्ट किया गया सोना ही 'इंपोर्टडे गोल्ड' माना जाता है.

NDTV Profit हिंदी
फॉलो करें
ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT