मार्केट रेगुलेटर SEBI ने निवेश सलाहकारों (IAs) और रिसर्च एनालिस्टों (RAs) को एडवांस फीस लेने की अधिकतम अवधि को बढ़ाकर एक साल कर दिया है.
निवेश सलाहकार (IAs) एडवांस में अधिकतम दो तिमाही (छह महीने) की फीस ले सकते थे. वहीं, रिसर्च एनालिस्ट (RAs) के लिए ये सीमा तीन महीने की थी.
अगर ग्राहक सहमत हो, तो IAs और RAs अधिकतम एक साल की एडवांस फीस ले सकते हैं. यानी ग्राहकों की सहमति जरूरी है. एडवांस फीस लेने की ये छूट सिर्फ व्यक्तिगत निवेशकों और हिंदू अविभाजित परिवार (HUF) के लिए होगी, जो 'मान्यता प्राप्त निवेशक' (Accredited Investors) नहीं हैं. वहीं, संस्थागत निवेशकों, गैर-व्यक्तिगत निवेशकों और मान्यता प्राप्त निवेशकों पर ये नियम लागू नहीं होगा.
दिसंबर 2024 में रिसर्च एनालिस्ट नियमों में बदलाव के बाद, SEBI को एडवांस फीस लेने की सीमा को लेकर आपत्तियां मिलीं. रिसर्च एनालिस्ट सिर्फ तीन महीने की एडवांस फीस ले सकते थे, जिससे उनके लिए लॉन्ग-टर्म निवेश सलाह देना मुश्किल हो रहा था.
निवेश सलाहकारों ने भी छह महीने की सीमा पर आपत्ति जताई थी. इन फीडबैक के आधार पर, SEBI ने एक सलाह पत्र जारी किया और इस सीमा को एक साल तक बढ़ाने का फैसला लिया.
नया नियम SEBI के सर्कुलर जारी करने की तारीख से प्रभावी होगा. उम्मीद की जा रही है कि अब निवेश सलाहकार और रिसर्च एनालिस्ट लंबी अवधि की निवेश योजनाओं पर ज्यादा ध्यान दे सकेंगे, जिससे निवेशकों को भी फायदा मिलेगा.