SEBI ने एक्सिस कैपिटल (Axis Capital) के डेट पब्लिक इश्यू के लिए मर्चेंट बैंकर बनने पर रोक लगा दी है.
दरअसल एक्सिस कैपिटल ने सोजो इंफोटेल के NCDs (नॉन कंवर्टिबल डिबेंचर्स) की गारंटी दी. इसके लिए इसने अंडरराइटिंग का इस्तेमाल किया गया, जो गैरकानूनी है. इससे मार्केट इंटीग्रिटी और निवेशकों को खतरा पैदा होता है.
SEBI रजिस्टर्ड एनालिस्ट हेमिंद्रा किशन हजारी ने एक्सिस कैपिटल के हाई रिस्क ट्रांजैक्शंस पर चिंता जाहिर की थी. इसके बाद ये जांच की गई थी.
SEBI ने एक्सिस कैपिटल के फीस स्ट्रक्चर पर भी सवाल उठाए हैं. SEBI के मुताबिक कंपनी की फीस को एकमुश्त अंडरराइटिंग फीस के बजाय चालू पेमेंट (Ongoing Payments) के रूप दिखाया गया है. इससे लगातार क्रेडिट सपोर्ट का संकेत मिलता है.
SEBI ने एक्सिस कैपिटल के फीस स्क्रक्चर पर भी सवाल उठाए हैं. SEBI के मुताबिक कंपनी की फीस को एकमुश्त अंडरराइटिंग फीस के बजाय चालू पेमेंट (Ongoing Payments) के रूप दिखाया गया है. इससे लगातार क्रेडिट सपोर्ट का संकेत मिलता है.
SEBI ने आदेश में ये भी कहा है कि एक्सिस बैंक के पूर्ण स्वामित्व वाली सब्सिडियरी होने के नाते, RBI को पैरेंट बैंक को संभावित क्रेडिट रिस्क की जांच भी करनी पड़ सकती है.