ADVERTISEMENT

SEBI ने कार्वी स्टॉक ब्रोकिंग और MD को 7 साल के लिए बाजार से किया बैन, 21 करोड़ का जुर्माना भी

रेगुलेटर ने कार्वी रियल्टी और कार्वी कैपिटल को ब्रोकरेज हाउस द्वारा ट्रांसफर किए गए 1,442.95 करोड़ रुपये लौटाने का निर्देश दिया है.
NDTV Profit हिंदीNDTV Profit डेस्क
NDTV Profit हिंदी10:30 PM IST, 28 Apr 2023NDTV Profit हिंदी
NDTV Profit हिंदी
NDTV Profit हिंदी
Follow us on Google NewsNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदी

मार्केट रेगुलेटर SEBI ने कार्वी स्टॉक ब्रोकिंग लिमिटेड (KSBL) और उसके प्रमोटर कोमांदुर पार्थसारथी (Comandur Parthasarathy) को 7 साल के लिए सिक्योरिटीज मार्केट से बैन कर दिया है. SEBI ने 'पावर ऑफ अटॉर्नी' का दुरुपयोग करके क्लाइंट के पैसों की हेराफेरी करने के लिए 21 करोड़ रुपये का जुर्माना भी लगाया है.

SEBI ने अपने ऑर्डर में कहा है कि क्लाइंट के शेयरों को गिरवी रखकर जुटाई गई रकम को कार्वी स्टॉक ब्रोकिंग ने अपनी समूह फर्मों- कार्वी रियल्टी (इंडिया) लिमिटेड और कार्वी कैपिटल लिमिटेड में डाला.

45 दिन के अंदर देना होगा जुर्माना

सिक्योरिटीज मार्केट से बैन करने के अलावा, SEBI ने कार्वी स्टॉक ब्रोकिंग पर 13 करोड़ रुपये और कोमांदुर पार्थसारथी पर 8 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है. इसके साथ ही SEBI ने दोनों तत्कालीन मैनेजिंग डायरेक्टर पर पांच-पांच लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया. उन्हें ये जुर्माना 45 दिन के अंदर देना होगा.

रेगुलेटर ने कार्वी रियल्टी और कार्वी कैपिटल को ब्रोकरेज हाउस द्वारा ट्रांसफर किए गए 1,442.95 करोड़ रुपये लौटाने का निर्देश दिया है. SEBI ने तीन महीने के भीतर KSBL को ये रकम वापस करने को कहा है.

अगर दोनों फर्म रकम लौटाने में नाकाम रहती हैं, तो NSE पैसे की वसूली के लिए दोनों फर्मों की संपत्ति जब्त कर लेगा. SEBI ने NSE के साथ सहयोग करने का निर्देश भी दिया है. SEBI ने नवंबर 2019 में KSBL को नए ब्रोकरेज क्लाइंट जोड़ने से रोक दिया था जब रेगुलेटर ने पाया कि फर्म ने क्लाइंट के पैसों का दुरुपयोग किया है.

क्या है पूरा मामला?

कार्वी स्टोक ब्रोकिंग ने क्लाइंट्स के डीमैट अकाउंट में रखे शेयरों को बड़े पैमाने पर कर्ज जुटाने का जरिया बना लिया था. कंपनी ने अलग-अलग बैंकों और वित्तीय संस्थानों से सितंबर 2019 तक कुल 2,032.67 करोड़ रुपये जुटा लिए. ये सारी रकम, क्लाइंट्स के शेयरों को इन संस्थानों के पास कोलेटरल के तौर पर गिरवी रख कर जुटाई गई थी.

NDTV Profit हिंदी
फॉलो करें
ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT