मार्केट रेगुलेटर SEBI ने मंगलवार को राणा शुगर्स, उसके प्रोमोटर्स और अधिकारियों को सिक्योरिटीज मार्केट से 2 साल के लिए बैन कर दिया. इसके अलावा फंड की हेराफेरी के लिए 63 करोड़ रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है.
SEBI ने राणा शुगर्स, उसके प्रोमोटर्स, अधिकारियों और अन्य संबंधित लोगों पर 3 करोड़ रुपये से लेकर 7 करोड़ रुपये तक का जुर्माना लगाया है.
मार्केट रेगुलेटर ने कंपनी के प्रोमोटर और MD इंदर प्रताप सिंह राणा, चेयरमैन रणजीत सिंह राणा, वीर प्रताप राणा, गुरजीत सिंह राणा, करण प्रताप सिंह राणा, राजबंस कौर, प्रीत इंदर सिंह राणा और सुखजिंदर कौर पर किसी भी लिस्टेड कंपनी में डायरेक्टर्स लेवल या कोई अन्य मैनेजमेंट लेवल की पोजीशन लेने पर भी 2 साल के लिए रोक लगा दी है.
मुझे लगता है कि सभी आरोपी फंड की हेरफेर के लाभार्थी हैं और उन्होंने PFUTP (धोखाधड़ी और अनुचित व्यापार व्यवहार निषेध) नियमों का उल्लंघन किया है. CFO मनोज गुप्ता भी इन नियमों का उल्लंघन करने वालों में शामिल हैं. वो RASL के हेरफेर किए गए फाइनेंशियल डिटेल्स पर साइन करते थे और सर्टिफाइड करते थे.जी रमर, चीफ जेनरल मैनेजर, SEBI (अंतिम आदेश में)
जांच से पता चला है कि राणा शुगर्स लिमिटेड वित्त वर्ष 2016-17 में लक्ष्मीजी शुगर्स मिल्स कंपनी के एफिलिएटेड पक्ष के रूप में डिस्क्लोज करने में विफल रही. इसके अलावा, कंपनी संबद्ध पक्ष के रूप में FTPL, CAPL, JABPL, RJPL और RGSPL का डिस्क्लोज करने में भी फेल रही.
SEBI के मुताबिक, इंद्र प्रताप, रणजीत, वीर प्रताप सिंह राणा, राणा शुगर्स के मामलों के प्रभारी और जिम्मेदार व्यक्ति थे. लिहाजा राणा शुगर्स और इन लोगों ने LoDR नियमों का उल्लंघन किया है.