SEBI रजिस्टर्ड इन्वेस्टमेंट एडवाइजर्स (IA) और रिसर्च एनालिस्ट बनने के लिए नियमों को अब आसान करने की तैयारी है. मार्केट रेगुलेटर SEBI ने एक कंसल्टेशन पेपर जारी किया है. जिसमें इनके रजिस्ट्रेशन को आसान और कंप्लायंस लागत को कम करने के लिए प्रस्ताव दिया गया है. मार्केट रेगुलेटर के फैसले का मकसद अनरेगुलेटेड फाइनेंशियल इन्फ्लुएंसर्स की गतिविधियों पर लगाम लगाना है.
SEBI ने इन्वेंस्टमेंट एडवाइजर्स और रिसर्च एनालिस्ट बनने के लिए नेटवर्थ, क्वालिफिकेशन और अनुभव की जरूरतों को आसान किया है. कंसल्टेशन पेपर के मुताबिक न्यूनतम क्वालिफिकेशन को पोस्ट ग्रेजुएट से ग्रेजुएट डिग्री कर दिया गया है, साथ ही अनुभव की शर्त को भी खत्म करने का प्रस्ताव दिया गया है.
अभी जो नियम हैं उसके मुताबिक IA, RA को रजिस्ट्रेशन के समय NISM से सर्टिफिकेट लेना जरूरी होता है, उन्हें ऐसे सर्टिफिकेट की वैलिडिटी खत्म होने से पहले समान बेस सर्टिफिकेट लेना जरूरी होता है.
इसके अलावा, मार्केट रेगुलेटर ने IA, RA की ओर से न्यूनतम नेटवर्थ को बनाए रखने की शर्त को भी खत्म कर दिया है. इसकी जगह, ये प्रस्तावित किया गया है कि IAs/RAs को ग्राहकों की संख्या के आधार पर स्टॉक एक्सचेंज में जमा राशि बनाए रखनी चाहिए.
कंसल्टेशन पेपर के मुताबिक - 150 ग्राहकों तक के लिए, इन्वेस्टमेंट एडवाइजर्स और रिसर्च एनालिस्ट्स को 1 लाख रुपये की जमा राशि को मेनटेन करके रखना होगा. 150 से 300 ग्राहकों के लिए, उन्हें 2 लाख रुपये मेनटेन करना होगा, 300 से 1,000 ग्राहकों के लिए, 5 लाख रुपये की जमा रकम रखनी होगी और 1,000 से ज्यादा ग्राहक हैं तो 10 लाख रुपये की रकम को मेनटेन करके रखना होगा.
इसके अलावा, SEBI ने इंडिविजुअल्स या पार्टनर फर्म्स को IA, RA दोनों के रूप में रजिस्ट्रेशन करने का प्रस्ताव भी दिया है और गैर-सिक्योरिटीज बिजनेस में लगे इंडिविजुअल्स या पार्टनर फर्म्स को IA/RA के रूप में रजिस्ट्रेशन कराने की इजाजत भी दी है.
मार्केट रेगुलेटर SEBI का कहना है कि मार्केट में जिस तरह की ग्रोथ हुई है और टेक्नोलॉजी बढ़ने से बाजार में घरेलू निवेशकों की संख्या में तेजी से बढ़ोतरी देखने को मिली है. जिस हिसाब से निवेशक बढ़े हैं, उस हिसाब से रजिस्टर्ड इन्वेस्टमेंट एडवाइजर्स और रिसर्च एनालिस्ट्स की संख्या कम है, खासकर जब हम अमेरिका जैसे बाजारों को देखें तो हम उनसे काफी पीछे हैं.
SEBI का कहना है कि इस वजह से IA, RA के रूप में काम कर रही अन-रजिस्टर्ड संस्थाएं बढ़ रही हैं. ये सुनिश्चित करने के लिए कि कोई भी निवेशक सोच-समझकर अपने फैसले ले सके, वेल्थ बनाने में उसे सपोर्ट मिल सके, इसके लिए बड़ी संख्या में रजिस्टर्ड IA, RA की जरूरत है.